कप्तान ने की बड़ी कार्रवाई- SOG टीम को किया लाइन हाजिर

पीलीभीत। थाना हजारा क्षेत्र में एक महिला के साथ हुई मारपीट और अपहरण के प्रयास के प्रकरण में पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने बुधवार को एसओजी की पूरी टीम को लाइन हाजिर कर दिया है। इससे पहले तो थाना हजारा पुलिस फाइनल रिपोर्ट लगाने की तैयारी कर चुकी थी।
पीलीभीत के हजारा थाना क्षेत्र में नेपाल सीमा से सटे गांव की निवासी पीड़िता ने कहा कि वह 23 अप्रैल को बहन के साथ घर में सोई थी। रात 1:30 बजे चार पहिया वाहन से पहुंचे पांच लोगों ने घर में घुसकर उसके साथ छेड़खानी की। बहन और उसने विरोध किया तो आरोपियों ने उसके बाल पकड़कर चारपाई से नीचे गिराकर पिटाई की। जान से मारने की धमकी देते हुए असलहों के बल पर सोने की बाली लूट ली। शोर-शराबे पर पड़ोस के झाले में सो रहे भाई के पहुंचने पर उसकी भी पिटाई की। पीड़िता ने अगले दिन थाना हजारा में मुकदमा दर्ज कराया।
आरोप है कि पीड़िता ने कई बार थाने में शिकायत की और उच्चाधिकारियों को भी पत्र भेजे। कोई कार्रवाई न होने पर उसने मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्महत्या का प्रयास किया। पीड़िता का आरोप है कि घटना को पुलिसकर्मियों ने ही अंजाम दिया। इसको लेकर उसने दो दिन पहले मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर घटना की सीबीसीआईडी जांच कराने, न्याय न मिलने पर मुख्यमंत्री आवास के समीप परिवार सहित आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी।
रविवार को पीड़िता अपने भाई और भांजी के साथ लखनऊ रवाना हुई। सोमवार को सुबह करीब 10:45 बजे उसने मुख्यमंत्री आवास के समीप खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह की कोशिश की। वहां ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने दौड़कर उसे पकड़ लिया। उसे और उसके भाई को हिरासत में ले लिया।
आरोप है कि एसओ हजारा से कहने के बाद भी उसके बयान दर्ज नहीं कराए गए। दर्ज रिपोर्ट में एफआर लगाने के लिए उसके विरोधियों से मिलकर पुलिस ने शपथ पत्र और अन्य झूठे साक्ष्य एकत्र करने शुरू कर दिए। न्याय न मिलने पर मजबूरन उसे आत्मदाह करने का कदम उठाना पड़ा।
पुलिस के अनुसार पीलीभीत के हजारा थाना क्षेत्र की सुमित्रा कौर अपने भाई और भांजे के साथ लखनऊ के गौतमपल्ली स्थित सीएम आवास के पास पहुंचीं और अपने ऊपर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगाने की कोशिश की। वहां उपस्थित पुलिसकर्मियों ने तत्काल हस्तक्षेप कर उन्हें रोक लिया, जिससे आग नहीं भड़की।
पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव के अनुसार कराई गई जांच में एसओजी की लापरवाही सामने आने पर टीम प्रभारी क्रांतिवीर सिंह,मुख्य आरक्षी अजब सिंह यादव, आरक्षी कुलदीप सिंह, मोहम्मद शाहनवाज और अजय चौधरी को लाइन हाजिर किया गया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले के अन्य पहलुओं की जांच जारी है। दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
सीओ पूरनपुर प्रतीक दहिया ने मीडिया से कहा कि पहले भी पीड़िता ने आत्मदाह की चेतावनी दी थी। तब पीड़िता को विधिक कार्रवाई होने का आश्वासन देकर समझाया गया था। सोमवार को पीड़िता को लखनऊ में भी विधिक कार्रवाई होने को लेकर समझाया गया। मामले को गहनता से जांच कराकर विधिक कार्रवाई कराई जाएगी।