SD कॉलेज ऑफ लॉ- वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर कार्यक्रम का भव्य आयोजन

मुजफ्फरनगर। एस.डी. कॉलेज ऑफ लॉ, मुजफ्फरनगर में आज “वंदे मातरम” गीत की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह अवसर भारतीय राष्ट्रीय चेतना और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक रहा। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में राष्ट्रभक्ति, इतिहासबोध और भारतीय स्वाधीनता संग्राम में वंदे मातरम के योगदान के प्रति जागरूकता फैलाना था।
प्राचार्या डॉ. रेनू गर्ग के विचार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा केि वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का स्वर है। यह गीत हर भारतीय के भीतर देशप्रेम की भावना को जागृत करता है। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे इस अमर गीत की भावना को अपने जीवन में उतारें और राष्ट्र के प्रति अपनी निष्ठा सदैव बनाए रखें।
कॉलेज निदेशक मंजू मल्होत्रा के विचार विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वंदे मातरम हमें अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पण और गौरव की प्रेरणा देता है। यह वह गीत है जिसने स्वतंत्रता सेनानियों के हृदय में जोश और बलिदान की भावना को जन्म दिया। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को चाहिए कि वे इस गीत के शब्दों और अर्थ को आत्मसात करें।
कॉलेज के वरिष्ठ अध्यापक डॉ. मुकुल गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2025 में वंदे मातरम गीत की रचना को 150 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। यह गीत 1875 में बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचा गया था। इसलिए यह वर्ष भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्मृति वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। “यह अवसर केवल एक गीत का नहीं, बल्कि भारत की आत्मिक एकता और सांस्कृतिक पहचान का उत्सव है।
कॉलेज की छात्र - छात्राओं रितिका त्यागी, शगुन सैनी और दीक्षा त्यागी ने वंदे मातरम के ऐतिहासिक महत्व पर सुंदर प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि यह गीत स्वतंत्रता आंदोलन के समय भारतीयों की प्रेरणा का स्रोत बना।छात्रा हर्षिता बालियान एवं छात्र मकेश ने वंदे मातरम गीत के प्रत्येक शब्द का अर्थ विस्तारपूर्वक बताया और उसकी आध्यात्मिक व सांस्कृतिक गहराई को समझाया ।
अंत में राष्ट्रगीत वंदे मातरम के सामूहिक गायन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कॉलेज का समस्त शिक्षण एवं गैर-शिक्षण स्टाफ इस अवसर पर उपस्थित रहा। सभी ने यह संकल्प लिया कि वे भारतीय संस्कृति और राष्ट्रभक्ति के मूल्यों को सदा बनाए रखेंगे।


