बाल बाल बची गृह राज्यमंत्री अजय टेनी की कुर्सी- हत्याकांड में बरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुए प्रभात हत्याकांड मामले में फंसे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को अदालत द्वारा बरी कर दिया गया है। अदालत की ओर से पाक साफ करार दिए जाने से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की कुर्सी जाने से बच गई है।

शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लखीमपुर खीरी में 23 साल पहले हुए प्रभात गुप्ता हत्याकांड में फंसे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी समेत चारों आरोपियों को बरी कर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने निचली अदालत की ओर से इस मामले में दिए गए फैसले को सही ठहराया है।
वर्ष 2004 के दौरान यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के सामने पहुंचा था, उस समय से अभी तक यानी 19 साल के भीतर लखनऊ बेंच की ओर से हत्याकांड को लेकर दिए गए फैसले को 3 मर्तबा अपने पास सुरक्षित रखा गया था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2000 की 8 जुलाई को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र नेता रहे प्रभात गुप्ता को गोली मारकर मौत की घाट उतार दिया गया था। दिनदहाड़े अंजाम दिए गए हत्या के इस मामले में सुभाष मामा, शशि भूषण और पिंकी राकेश उर्फ डालू के अलावा मौजूदा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को नामजद किया गया था।

प्रभात गुप्ता के दिवंगत पिता संतोष गुप्ता की तरफ से दर्ज कराई गई f.i.r. में आरोप लगाया गया था कि प्रभात गुप्ता को अजय मिश्र टेनी द्वारा दिनदहाड़े सबसे पहले गोली मारी गई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ की ओर से प्रभात हत्याकांड मामले की पैरवी कर रहे राजीव गुप्ता ने अपने बयान में कहा है कि वह हाईकोर्ट की ओर से आज दिए गए फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।