हत्या के दस अपराधियों को उम्रकैद

बाराबंकी। उत्तर प्रदेश में बाराबंकी की एक अदालत ने एक बहुचर्चित हत्याकांड में नामज़द 10 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई और सभी पर अलग अलग धाराओं में 61000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया।
शासकीय अधिवक्ता मथुरा प्रसाद वर्मा एवं अमित अवस्थी ने बताया कि पांच मार्च 2015 को मृतक कमरुद्दीनपुर उर्फ कमरू पत्नी बुशरा व डेढ़ साल के बच्चे के साथ मोटरसाइकिल से ससुराल से वापस अपने घर आ रहा था कि गांव में ही पुरानी मस्जिद के पास पहले से घात लगा कर बैठे इजहार , सिराज,मोहम्मद अहमद उर्फ मम्मन पुत्र मोबीन,तथा एहतेशाम, इमरान, मोफीत, मोहम्मद ज़ैद,इशराक, रिज़वान और मोहम्मद इसराक ने उसे रोक लिया और तमंचे से फायर किया। बाद में अभियुक्तों ने उसको चाकू, छुरी और तमंचे से कई वार करके बुरी तरह से घायल कर दिया,इसी बीच उसकी पत्नी अपने दुधमुंहे बच्चे को छोड़कर चिल्लाते हुए कमरू को बचाने के लिए उसके ऊपर लेट गई।
आवाज सुनकर गांव के ही अंसार और कुछ अन्य लोग दौड़ करके आए लेकिन अभियुक्तों ने उन पर भी फायर कर दिया जिससे सब ठिठक गए कोई नजदीक जाने की हिम्मत नहीं कर पाया क्योँकि सबके हाथ मे चाकू ,छुरी ,तमंचे थे। सरेशाम हुई इस दुस्साहसिक वारदात को देखकर आसपास के लोगों ने अपने मकान के दरवाजे बंद कर लिए और अफरा-तफरी के माहौल में इधर उधर भाग गए।
बाद में कमरू को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया था। इस मामले में अज्जन उर्फ मिस्बाह उल रहमान को भी नामजद किया गया था लेकिन वह घटना के समय एक अन्य मामले में जिला जेल लखनऊ में बंद था इसलिए उस पर दोससिद्धि नहीं हो पाई कोर्ट ने उसे बरी कर दिया जबकि झगड़े में अज्जन कमरू को चुनावी रंजिश और मादक पदार्थ तस्करी में फंसाने के कारण दुश्मनी मानता था और उसने ही साज़िश रची थी।
इस मामले में मोहम्मद रिजवान मोहम्मद इसरार और मोहम्मद जैद पुत्र मोहम्मद कलीम को विवेचना के दौरान अपराध में संलिप्त पाए जाने पर अभियुक्त बनाया गया था। अपर सत्र न्यायाधीश कमलकांत श्रीवास्तव की अदालत ने सभी 10 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है तथा विभिन्न धाराओं में 61000 रूपये का जुर्माना सभी पर लगाया है और विभिन्न धाराओं में अलग-अलग सजाएं भी निर्धारित की थी सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।