अस्पतालों में खुले मेडिकल स्टोरों में 50 फीसदी दवाइयां नकली

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आगरा। औषधि विभाग एवं एसटीएफ द्वारा संयुक्त रूप से की गई जांच पड़ताल के दौरान अस्पतालों में संचालित किये जा रहे मेडिकल स्टोरों में 50% दवाइयां नकली मिली है। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि अस्पतालों में खुले मेडिकल स्टोरों की जांच और वहां से नमूने लेने से विभाग भी बचता रहा है। अब प्रदेश भर में खुले अस्पतालों में संचालित मेडिकल स्टोरों की जांच पड़ताल की जाएगी।

मंगलवार को औषधि विभाग और एसटीएफ द्वारा संयुक्त रूप से की गई दवाइयां बेचने की आठ फर्मो की जांच में चार राज्यों में नकली दवाओं का काला कारोबार उजागर हुआ है।

इन आठ फर्मो की 50% दवाइयां अस्पतालों में संचालित किए जा रहे मेडिकल स्टोर में खपाने के साक्ष्य भी औषधि विभाग और एसटीएफ को जांच के दौरान मिले हैं। एसटीएफ और औषधि विभाग की टीम ने पिछले 10 दिनों के भीतर की गई कार्यवाही में 71 करोड़ की दवाइयां सीज की है। जांच के लिए इन दवाइयों के 24 नमूने भी लिए गए हैं। एसटीएफ और औषधि विभाग टीमों की जांच में 15 फर्म डमी मिली है, यानी माफिया एक ही बैच से नामी कंपनी की 1000 गुना तक नकली दवाई बनाकर बाजार में खपा रहा था।

अस्पतालों में चल रहे मेडिकल स्टोर के नाम जारी किए गए बिल भी जांच के दौरान मिले हैं, इसकी रिपोर्ट शासन तक पहुंचा दी गई है।

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की अपर आयुक्त रेखा एस चौहान ने कहा है कि नकली दवाइयों के सिंडिकेट में अस्पतालों में संचालित मेडिकल स्टोर अब पूरी तरह से संदेह के घेरे में आ गए हैं। शासन स्तर पर गठित की जाने वाली विशेष टीम अस्पतालों में पहुंचकर वहां पर संचालित किये जा रहे मेडिकल स्टरों की जांच करेगी।

उन्होंने बताया है कि सभी जनपदों के औषधि निरीक्षकों को अस्पतालों में संचालित किये जा रहे मेडिकल स्टोरों की सूची बनाने को निर्देशित कर दिया गया है।

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