दुनिया भर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा रॉयल...

दुनिया भर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा रॉयल...

राजगीर, भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग टोबगे ने गुरूवार को कहा कि रॉयल भूटान मॉनेस्ट्री न केवल बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए बल्कि दुनिया भर के पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।

श्री टोबेगो ने आज यहां अंतरराष्ट्रीय पर्यटन एवं बौद्ध धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल राजगीर में नव निर्मित रॉयल भूटान मॉनेस्ट्री के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि यह मॉनेस्ट्री भारत और भूटान के बीच गहरे आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक रिश्तों का प्रतीक है। उन्होंने इसे दोनों देशों के बीच मैत्री और बौद्धिक धरोहर का सेतु बताते हुए कहा कि आने वाले समय में यह स्थल न केवल बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए बल्कि दुनिया भर के पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।

इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि राजगीर बौद्ध धर्म की पावन स्थली रही है और यहां रॉयल भूटान मॉनेस्ट्री का निर्माण इस पावन नगरी के महत्व को और अधिक बढ़ा देगा। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार और भारत सरकार के संयुक्त प्रयास से यह मंदिर अपनी भव्यता के रूप में खड़ा है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत युद्ध नहीं बुद्ध की धरती है ,यह हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कहते हैं। उन्होंने कहा कि राजगीर और बोधगया पवित्र भूमि है। यहां आकर लोग पवित्र हो जाते हैं। दुनिया के सभी बौद्धधर्म के लोग एक बार राजगीर और बोध गया आनें की इच्छा अवश्य रखते हैं । उन्होंने कहा कि इस मंदिर को उद्घाटन हो जाने के बाद भारत और भूटान के बीच सांस्कृतिक राजनीतिक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को और भी मजबूती मिलेगा। यह धरती शांति का प्रतीक है। यहां से विश्व भर में शांति का संदेश फैला है।

इस मौके पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि यह मंदिर दोनों देशों के बीच मैत्री और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाने में सेतु का काम करेगा। उन्होंने कहा कि राजगीर बौद्ध धर्म का एक महान स्थल है। राजगीर और बोधगया में प्रत्येक वर्ष लाखों श्रद्धालु धार्मिक दृष्टिकोण से पहुंचते हैं।रॉयल भूटान मॉनेस्ट्री के निर्माण से राजगीर के पर्यटन और धार्मिक महत्व में और अधिक वृद्धि होगी तथा यह अंतरराष्ट्रीय बौद्ध पर्यटन का प्रमुख आकर्षण बनने की ओर अग्रसर होगा।

उद्घाटन को लेकर मंदिर परिसर को फूल माला से अच्छी तरह सजाया गया था।मॉनेस्ट्री की वास्तुकला और शिल्पकला इसकी विशेष पहचान है। भूटानी कला-कृतियों और सुन्दर नक्काशी से सुसज्जित दीवारें तथा भव्य प्रार्थना कक्ष श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान कर रहा था। पूरे परिसर को पारंपरिक भूटानी स्थापत्य शैली में सजाया-संवारा गया था, जो इसे विशिष्ट बना रहा था। मंदिर में भगवान बुद्ध के आकर्षक 9 फीट का ऊंचा मूर्ति लगाया गया है। वही मंदिर के चारों कोनों पर भी भव्य मूर्तियां स्थापित की गई है।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में बौद्ध भिक्षु, स्थानीय लोग, पर्यटक एवं राजकीय पदाधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में भूटानी कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुतियां दीं, जिसने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। भूटान देश के कलाकारों द्वारा बिहार गान, और भोजपुरी गीतों पर भी आकर्षक प्रस्तुति दी गई।

मौके पर भूटान के बौद्ध धर्म गुरु और मुख्य भिक्षु जे खेम्पो ,नालंदा के जिलाधिकारी कुंदन कुमार सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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