कांग्रेस ने महिलाओं, दलितों, आदिवासियों पर अत्याचार के मामलों में....

कांग्रेस ने महिलाओं, दलितों, आदिवासियों पर अत्याचार के मामलों में....

नई दिल्ली, कांग्रेस ने महिलाओं तथा आदिवासियों के खिलाफ राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो(एनसीआरबी )के अपराध संबधी आंकड़ों का हवाला देते हुए मोदी सरकार पर मंगलवार को निशाना साधा और कहा कि ये आंकड़े आदिवासियों, महिलाओं, दलितों के खिलाफ सरकार के सुरक्षा के दावों की पोल खोलते हैं।

कांग्रेस ने आदिवासियों तथा महिलाओं के खिलाफ 2023 में हुए अपराधों का विवरण देने के साथ ही बिहार में हुए अपराधों के भी आंकड़े दिये हैं और कहा है कि वहां सरेआम हत्या, गैंगवॉर, दिन-दहाड़े लूट, अपहरण, फिरौती जैसी घटनाएं हो रही है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। पार्टी ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश तथा बिहार में दलितों के साथ हुए अपराधों भी विवरण दिया है।

पार्टी ने कहा "मोदी सरकार में महिलाओं के खिलाफ अपराध लगातार बढ़े हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि 2023 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 4,48,211 केस दर्ज हुए, जबकि 2022 में यह संख्या 4,45,256 थी। साफ है कि अपराध का ये आंकड़ा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के महिला सुरक्षा के खोखले दावों की पोल खोल रहा है।"

आदिवासियों के साथ हुए अपराधों का आंकड़ा देते हुए पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार में आदिवासियों के खिलाफ अपराध के मामलों में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ये आंकड़े साल 2023 की एनसीआरबी रिपोर्ट में सामने आए हैं। साल 2023 में 12,960 अपराध के मामले दर्ज हुए जबकि इससे पहले साल 2022 में 10,064 अपराध के मामले दर्ज हुए।"

कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार में आदिवासियों के हक छीने जाते हैं और जब वो इसके खिलाफ आवाज उठाते हैं, तो उनकी आवाज को दबा दिया जाता है। इससे साफ पता चलता है कि मोदी सरकार की मानसिकता 'आदिवासी विरोधी' है।

पार्टी ने बिहार के साथ ही दलितों के साथ हुए अपराधों का हवाला देते हुए मोदी सरकार को दलित विरोधी बताया और कहा कि उत्तर प्रदेश में दलितों के साथ 15,130, राजस्थान में 8,449, मध्य प्रदेश में 8,232, बिहार में 7,064 और महाराष्ट्र: 3,024 अपराध हुए हैं।

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