चाहे स्पेशल बेंच बनाएं- एमपी एमएलए पर चल रहे मुकदमों में तेजी लाएं
नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट की ओर से देश भर के उच्च न्यायालयों को दिए गए आदेशों में कहा गया है कि वह सांसद एवं विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों के निपटारे में तेजी लाएं। इसके लिए भले ही उन्हें स्पेशल बेंच बनानी पड़े।
बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से देश भर के उच्च न्यायालयों को दिए गए आदेशों में कहा गया है कि वह एमपी एमएलए के खिलाफ अपराधिक मामले खुद दर्ज करें और उनकी मॉनिटरिंग करें।
शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट से कहा है कि खास तौर पर एमपी एमएलए के उन मामलों को प्राथमिकता दें जिनमें उम्र कैद या फिर फांसी तक की सजा का प्रावधान हो। शीर्ष अदालत ने कहा है कि सांसदों एवं विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों के निपटारे के लिए स्पेशल बेंच भी बना सकते हैं। हत्या के मामलों में दोषी ठहराए जाने पर एमपी एमएलए को उम्र कैद से लेकर फांसी तक की सजा का प्रावधान है।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा है कि इस प्रकार के मामलों में टाइमलाइन को लेकर कोई दिशा निर्देश नहीं दिए जा सकते हैं। लेकिन उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस अपने अधिकार क्षेत्र में चल रहे ऐसे मामलों की पूरी निगरानी करें जिससे उनके ट्रायल समय पर खत्म हो।