शिवसेना दफ्तर पर अब एकनाथ का कब्जा- सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली राहत

शिवसेना दफ्तर पर अब एकनाथ का कब्जा- सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली राहत

नई दिल्ली। हाथ से सत्ता खोने के बाद से लगातार दुर्दिनों की मार झेल रहे पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को आज दोहरे झटके सहन करने को मजबूर होना पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर पहुंचे उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के नाम और चुनाव निशान को लेकर चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका पर तत्काल सुनवाई से अदालत ने इंकार कर दिया है। उधर विधानसभा स्थित शिवसेना के दफ्तर को भी एकनाथ शिंदे गुटके हवाले कर दिया गया है।

सोमवार को महाराष्ट्र में शिवसेना और उसके चुनाव निशान को लेकर चल रही रस्साकशी में तेजी के साथ घटे बड़े घटनाक्रम के अंतर्गत विधानसभा स्थित शिवसेना के दफ्तर पर एकनाथ शिंदे गुटका कब्जा हो गया है। उधर शिवसेना के नाम और उसके चुनाव निशान को लेकर चुनाव आयोग की ओर से दिए गए फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर अदालत ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है।

एकनाथ शिंदे के समर्थक विधायकों ने आज स्पीकर राहुल नार्वेकर से मुलाकात करते हुए शिवसेना के विधानसभा स्थित दफ्तर को अपने हवाले करने की मांग की थी। इसके बाद स्पीकर ने अपना फैसला सुनाते हुए शिवसेना के विधानसभा स्थित दफ्तर को एकनाथ शिंदे गुट के हवाले कर दिया है। उधर सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट के वकील से कहा है कि इस मामले में तत्काल सुनवाई नहीं की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा है कि अगर आप कल अर्जी दाखिल करते हैं तो फिर इस पर विचार किया जा सकता है। उद्धव ठाकरे गुट की मांग थी कि शिवसेना का नाम और निशान एकनाथ शिंदे गुट को दिए जाने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ तत्काल सुनवाई होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि जिस अर्जी पर तत्काल सुनवाई की मांग की जा रही है वह लिस्ट में मेंशन ही नहीं थी।

इसलिए कल इसे लिस्ट में मेंशन किया जाए और फिर सुनवाई पर विचार किया जाएगा। इस बीच उद्धव ठाकरे गुड की अर्जी के जवाब में एकनाथ शिंदे ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है। शिंदे गुट का कहना है कि उनका पक्ष सुने बगैर शिवसेना के नाम और निशान को लेकर कोई फैसला नहीं दिया जाए।

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