नाबालिग बेटे ने ही की थी खेत पर पानी चलाने गए किसान प्रदीप की हत्या

मुजफ्फरनगर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा के निर्देश पर अपराधियों के खिलाफ अभियान चला रही जनपद की थाना भौंरा कलां पुलिस ने किसान के मर्डर की वारदात का 24 घंटे के भीतर ही खुलासा कर दिया है। किसान का मर्डर उसी के नाबालिग बेटे ने किया था जो किसान के दारू पीकर घर में मारपीट किए जाने से परेशान था।
सोमवार को अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ जोन मेरठ, पुलिस उपमहानिरीक्षक सहारनपुर परिक्षेत्र के निर्देशन एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा के पर्यवेक्षण, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण आदित्य बंसल, क्षेत्राधिकारी फुगाना एवं थाना अध्यक्ष भौंरा कलां के कुशल नेतृत्व में भौंरा कलां पुलिस ने खेत पर पानी चलाने गए किसान प्रदीप के मर्डर की वारदात का 24 घंटे के भीतर खुलासा कर दिया है।
सोमवार को थाना अध्यक्ष पवन कुमार के नेतृत्व में गठित की गई पुलिस टीम में शामिल सब इंस्पेक्टर शिवकुमार नागर, सब इंस्पेक्टर शिवम कुमार, सब इंस्पेक्टर संजीव कुमार, कांस्टेबल मोहित कुमार तथा कांस्टेबल सुशील कुमार की टीम ने मुखबिर की सूचना पर भौंरा खुर्द- शिकारपुर मार्ग पर दबिश देकर एक बाल अपचारी को गिरफ्तार किया।
हिरासत में लिए गए बाल अपचारी को बाल कल्याण अधिकारी के सुपरूद्ध कर दिया गया। इस दौरान बाल अपचारी की निशानदेही पर पुलिस ने किसान प्रदीप पुत्र नैन सिंह निवासी ग्राम शिकारपुर की हत्या में इस्तेमाल किया गया फावड़ा बरामद किया।
पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में बाल अपचारी ने बताया कि वह अपने पिता की दारु पीने की आदत से अत्यंत परेशान था, क्योंकि उसका पिता शराब पीकर आए दिन उसके और अन्य घर वालों के साथ मारपीट करता था।
पिता के डर के वजह से वह घर नहीं सोता था और घर पर उसी समय जाता था जब उसका पिता घर पर नहीं होता था।
बाल अपचारी ने बताया कि उसने अपने पिता की आदतों से बुरी तरह परेशान होकर उन्हें मारकर ठिकाने लगाने का मन बना लिया था। 14 जून की शाम वह गांव के ही ओमवीर व काला के साथ अपने खेतों से वापस आ रहा था। इसी दौरान गांव गढ़ी के रहने वाले सुभाष ने उसे बताया कि उसका पिता उसकी ट्यूबवेल पर शराब के नशे में धुत होकर चारपाई पर लेटा है।
ओमवीर और काला ने कहा चलो तुम्हारे पिता को साथ लेकर घर चलते हैं। इस पर उसने अपने पिता को घर ले जाने से इनकार कर दिया और कहा कि घर पहुंच कर पिता उसके साथ फिर मारपीट करेगा। इसलिए जब पिता का नशा कम हो जाएगा तो वह खुद घर आ जाएंगे।
इसके बाद वह तीनों गांव की तरफ चल दिए और रास्ते में सहदेव के घर के पास बाल अपचारी रुक गया और ओमवीर व काला अपने-अपने घर चले गए।
इसके बाद बाल अपचारी ने सहदेव से उसकी बाइक मांगी और बाइक लेकर वह रास्ते में सेठू की ट्यूबवेल से फावड़ा उठाकर अपने पिता के पास सुभाष की ट्यूबवेल पर पहुंच गया, जहां उसने अपने पिता की गर्दन और चेहरे पर फावडे से कई प्रहार किये।
पिता की हत्या करने के बाद उसने फावडे को ट्यूबवेल के पानी में धोया और भौरा खुर्द की तरफ सोरण के ईख के खेत में उस फावडे को छुपा दिया और इसके बाद वह सहदेव के घर पहुंचा और उसकी बाइक उसके घर खड़ी कर वहां से नहा कर अपने ताऊ संजय के घर जाकर सो गया।
अगले दिन परिवार वालों को पता चला कि किसी ने उसके पिता की सुभाष की ट्यूबवेल पर हत्या कर दी है। मेरी मां ने विनोद पुत्र चंद्रभान निवासी ग्राम शिकारपुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया, क्योंकि वह ज्यादातर मेरे पिता के साथ रहकर दारू पीता था।
बाल अपचारी ने बताया कि दिन में मौका पाकर उसने अपनी मां को सारी बात बताई और घर से भाग गया। इसके बाद वह सोरण के खेत में पहुंचा और वहां से फावड़े को उठाकर कहीं और ले जाकर फेंकने की फिराक में था। लेकिन उसी समय पुलिस ने उसे पकड़ लिया।