संपदा से आपदा तक योगी की विजय

संपदा से आपदा तक योगी की विजय

लखनऊ। देश के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश के संदर्भ में यदि वर्ष 2020 पर नजर डालें तो संपदा अर्जित करने से लेकर विपदाओं को पराजित करने में योगी आदित्य नाथ की सरकार सक्षम साबित हुई है। प्रदेश को अच्छा निवेश मिला और कृषि उत्पादों में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर जब दिल्ली के शाहीनबाग की गर्म हवा लखनऊ के ऐतिहासिक घण्टाघर तक पहुंच गयी थी, तब योगी आदित्य नाथ की सरकार ने उसे सख्ती से दबाया।

इस साल के अंत में हुए विधानसभा उपचुनाव में योगी की सरकार ने विपक्षी दलों को जबर्दस्त पटका। भाजपा के मुख्य मंत्रियों में योगी आदित्य नाथ सबसे आगे खड़े हैं और स्टार प्रचारक के रूप में उन्होंने बिहार के विधान सभा चुनाव और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में प्रचार किया। भाजपा को शानदार सफलता भी मिली। इसी प्रकार योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कोरोना जैसी महामारी से निपटने में बहुत सावधानी बरती। इसका नतीजा यह रहा कि इसका प्रकोप यहां उतना नहीं रहा, जितना कई अन्य प्रदेशों देखा गया। यूपी में कोरोना पर नियंत्रण रखने के लिए टीम-11 बनायी गयी थी। यहां पर कोरोना का ज्यादा प्रभाव दिल्ली के आसपास के जनपदों में ही रहा।


वर्ष 2020 के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में 45 हजार करोड़ का निवेश आकर्षित किया है। प्रदेश में यह निवेश 40 देशी और विदेशी कंपनियां करेंगी। इसमें जापान, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, दक्षिण कोरिया समेत करीब 10 देशों की कंपनियां निवेश करेंगी। इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (आईडीए ) ने प्रोजेक्ट के लिए 426 एकड़ जमीन (326 प्लॉट) भी आवंटित कर दी है। इस निवेश से 1,35,362 लोगों के लिए रोजगार के मौके बनेंगे। आईडीए ने जिन लोगों को आवंटन दिया है, उसमें हीरानंदानी ग्रुप, सूर्या ग्लोबल, हिंदुस्तान यूनीलीवर, एमजी कैप्सूल्स, केश पैकेजिंग माउंटेन व्यू टेक्नोलॉजीज शामिल हैं। प्रदेश सरकार द्वारा निवेश को आकर्षित करने के लिए जो रिफॉर्म किए गए, उसमें सबसे महत्त्वपूर्ण देश के सबसे बड़े डिजिटल सिंगल विंडो पोर्टल के रूप में निवेश मित्र की शुरुआत है। यह एंटरप्रेन्योर को 166 सेवाएं उपलब्ध कराती है।

इस पोर्टल का एनओसी डिस्पोजल रेट 93 फीसदी है और अब इसकी आउटस्टैंडिंग क्वैरी रिजॉल्यूशन रेट 98 फीसदी पहुंच गई है। इसके अलावा सरकार ने लेबर रेगुलेशन, लैंड एलॉटमेंट प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन, एनवॉयरमेंट क्लियरेंस, टैक्सेज को लेकर 186 रिफॉर्म्स किए। इसी प्रकार यहां हीरानंदानी ग्रुप के डेटा सेंटर के जरिए 750 करोड़ का निवेश होना है। ब्रिटानिका इंडस्ट्रीज लिमिटेड राज्य में 300 करोड़ का इंटीग्रेटेड फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित कर रही है। एसोशिएटेड ब्रिटिश फूड पीएलसी 750 करोड़ के यीस्ट मैनुफैक्चरिंग में निवेश कर रही है। कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स के जरिए डिक्सॉन टेक्नोलॉजीज 200 करोड़ का निवेश कर रही है। जर्मनी की वोन वेल्लिक्स 300 करोड़ से फुटवियर मैनुफैक्चरिंग में निवेश करेगी। सूर्या ग्लोबल फ्लेक्सी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड पीओपीपी, बीओपीईटी, मेटालाइज्डफिल्म्स प्रोडक्शन प्लांट पर 953 करोड़ का निवेश करेगी। एमएजी सॉफ्टवेयर (अमेरिका) सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए 200 करोड़ का निवेश करेगी। एकाग्राटा इंक (कनाडा) राज्य में ग्रेन इंफ्रास्ट्रक्चर एक्विवपमेंट के जरिए 746 करोड़ का निवेश करेगी। एडिसन मोटर्स (दक्षिण कोरिया) राज्य में इलेक्ट्रिक वेहिकल के लिए 750 करोड़ का निवेश करेगी। याजाकी (जापान) वायरिंग हार्नेस एंड कंपोनेंट्स में 2 हजार करोड़ का निवेश करेगी।

इसी प्रकार 2020 में योगी सरकार ने राजनीतिक सम्पदा भी अर्जित की है। इस साल के लगभग अंत में उत्तर प्रदेश की 7 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों के परिणाम भाजपा के पक्ष में आये। बीजेपी के सात में से 6 उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई। वहीं एक सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई। मल्हनी सीट से एसपी के लकी यादव ने जीत हासिल की है। बीजेपी ने बांगरमऊ, देवरिया, बुलंदशहर, नौगांवा सादात, टूंडला और घाटमपुर में जीत दर्ज की है। मल्हनी से एसपी प्रत्याशी लकी यादव ने स्वतंत्र उम्मीदवार धनंजय सिंह को 4 हजार से ज्यादा मतों से हरा दिया। कानपुर की घाटमपुर विधानसभा सीट से उपेंद्र नाथ पासवान ने कांग्रेस के कृपाशंकर को हराकर जीत दर्ज की। पासवान ने 23 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से जीत दर्ज की। यहां बीजेपी को 60 हजार 205 वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 36 हजार 585 मत मिले। तीसरे नंबर पर बीएसपी रही, जिसे 33 हजार 882 वोट मिले। टूंडला से बीजेपी के प्रेमपाल सिंह ने एसपी के महाराज सिंह को 17 हजार वोटों से हरा दिया। प्रेमपाल सिंह को 72 हजार 844 वोट मिले। वहीं, महाराज सिंह को 55 हजार 209 वोट मिले। तीसरे नंबर पर बीएसपी के संजीव कुमार चक रहे।

उन्हें 40 हजार 967 मत मिले। नौगांवां सादत में भी बीजेपी जीती। बीजेपी की संगीता चौहान ने 15 हजार मतों के अंतर से चुनाव जीत लिया। चौहान को 86 हजार 171 वोट मिले। वहीं दूसरे नंबर पर रहे एसपी के जावेद अब्बास को 71 हजार 376 वोट मिले। तीसरे नंबर पर बीएसपी के फुरकान रहे, जिन्हें 38 हजार 253 वोट मिले। बुलंदशहर में भी बीजेपी जीती। बीजेपी की उषा सिरोही ने बीएसपी के मोहम्मद युनूस को 21 हजार से ज्यादा मतों से हरा दिया। उषा सिरोही को 88 हजार 645 मत मिले। वहीं युनूस को 66 हजार 943 मत साहिल हुए। तीसरे नंबर पर कांग्रेस के सुशील चौधरी रहे। उन्हें कुल 10 हजार 319 वोट मिले। इसप्रकार भाजपा और यूपी की योगी सरकार के लिए 2020 सियासत की नजर से बेहतर रहा है।


उत्तर प्रदेश में कोरोना जैसी महामारी पर भी काफी नियंत्रण रहा। मार्च महीने से प्रदेश में बीमारी के लक्षण दिखाई पड़े थे। बीमारी का असर दिल्ली के आसपास के जिलों में ज्यादा रहा। इस समय भी इलाज करा रहे मरीजों की कुल संख्या का 20 प्रतिशत से अधिक यानी पांचवां हिस्सा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आने वाले आठ जिलों से हैं। इसी प्रकार राज्य में कोविड-19 से मरने वालों की कुल संख्या का 11 प्रतिशत भी इन्हीं जिलों से हैं। यूपी स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक आंकड़ों में इसकी जानकारी दी गई है। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत एवं शामली जिले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आते हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) एक ऐसा वृहद क्षेत्र है, जिसमें समूची दिल्ली और उत्तर प्रदेश के उपरोक्त जिलों के अलावा हरियाणा एवं राजस्थान के भी जिले आते हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 27 दिसम्बर तक प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के 5,81,980 मामले आए। राज्य में अभी 15,371 मरीज उपचाराधीन हैं। इनमें से 3,134 (20.38 प्रतिशत) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले राज्य के उपरोक्त आठ जिलों के हैं।

गत 28 दिसम्बर को सुबह आठ बजे तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अद्यतन किए गए आंकड़ों के अनुसार देश में सर्वाधिक जनसंख्या वाला यह राज्य कोरोना वायरस संक्रमण के उपचाराधीन मरीजों के लिहाज से तीसरे स्थान पर था। उ.प्र. से पहले केरल (65,344) और महाराष्ट्र (60,374) का स्थान था। आंकड़ों के अनुसार, उपरोक्त अवधि में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के जिलों में सबसे अधिक 1054 उपचाराधीन मरीज मेरठ जिले में थे। इसके बाद गाजियाबाद (790), गौतमबुद्ध नगर (477), मुजफ्फरनगर (389), बुलंदशहर (199), हापुड़ (100), बागपत (79) और शामली (46) का स्थान था। (हिफी)

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