योगी का एम्बुलेंस फॉर्मूला

योगी का एम्बुलेंस फॉर्मूला

लखनऊ। देश के अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का कहर लगातार जारी है। हर दिन कोरोना के हजारों की तादाद में नए मामले सामने आ रहे हैं। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने वैक्सिनेशन के साथ ही कोबिड अस्पताल, एम्बुलेंस, दवाईयां, आक्सीजन और वेन्टीलेटर की पर्याप्त व्यवस्था की है। इसकी तारीफ विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी की है लेकिन महामारी के प्रकोप को देखते हुए व्यवस्था कम पड गयी है। इसीलिए राजधानी लखनऊ में 11 मई को थ्री व्हीलर्स ऑटो एंबुलेंस की सेवा की शुरुआत की गई है। यह सेवा कोरोना मरीजों को मुफ्त दी जाएगी। इस सेवा को स्प्रेड इस्माइल संस्था की पहल पर थ्री व्हीलर ऑटो यूनियन के सहयोग से शुरू किया गया है। सेवा के लिए जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर पर 24 घंटे मदद मिलेगी। हेल्पलाइन नंबर 7307574739, 9956899866 व 9415756308 है। स्प्रेड इस्माइल संस्था के मुताबिक ऑटो में ऑक्सीजन, पीपीई किट में ड्राइवर, सैनिटाइजर और ऑनलाइन डॉक्टर कंसल्टेशन की सुविधा मौजूद है। वहीं हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके ऑटो एम्बुलेंस मंगाई जा सकती है। यूनियन का कहना है कि एम्बुलेंस की कमी और मनमाने किराए को देखते हुए फ्री ऑटो एंबुलेंस सेवा शुरू की गई है।

यूपी में कोरोना संक्रमण अब कम होता नजर आ रहा है। पिछले 24 घंटों पर नजर डाली जाए तो 20,463 नए मामले सामने आए हैं, वहीं 306 लोगों ने इस महामारी के आगे दम तोड़ दिया है। अब सक्रिय मामलों की संख्या 2,16,057 हो गई है। एक दिन में करीब 29,358 लोग कोरोना संक्रमण से जंग जीत कर अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए हैं। राजधानी लखनऊ में पिछले 24 घंटे में 1154 नए संक्रमित मिले जबकि 3229 मरीज डिस्चार्ज होकर घर जा चुके है। हालांकि 23 लोगों की मौत हो गई। उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार गिरावट का दावा कर रही है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार के महामारी के खिलाफ अभियान को सराहा है। हालांकि प्रदेश के भाजपा नेता भी लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं में गिरावट को लेकर सवाल उठा रहे हैं। प्रदेश के कई बीजेपी सांसदों, विधायकों ने पिछले कुछ दिनों में मुख्यमंत्री को संदेश या चिट्ठी भेजकर बिगड़ते हालात के बारे में जानकारी दी है। इन नेताओं में केंद्रीय मंत्री से लेकर प्रदेश मंत्रिमंडल के सदस्य भी शामिल हैं। इसलिए विपक्ष के नेता भी सरकार की आलोचना कर रहे हैं।

इसमें कोई संदेह नहीं कि कोरोना की रोकथाम के लिए योगी सरकार ने व्यापक स्तर पर अभियान छेड़ रखा है। घर-घर जाकर कोरोना के सक्रिय मरीजों की खोज के इस अभियान की तारीफ हो रही है। शहरों के साथ गांवों तक अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश में 11 मई तक 58194 ग्राम पंचायतों में स्वच्छता अभियान चलाया गया है और 11890 राजस्व गांवों में फागिंग की गयी। कोविड प्रबंधन के लिए 60569 निगरानी समितियों का गठन किया गया है। इसी अवधि में 171985 लोगों को आइसोलेट किया गया और 183231 मेडिकल किट बांटे गये। सीएम योगी ने इसको लेकर दावा भी किया कि पिछले 10 दिनों में महामारी के सक्रिय मामलों में 85000 से अधिक की कमी आई है। हालांकि इन्हीं 10 दिनों के बीच राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा से जुड़े कई सांसदों और विधायकों ने प्रदेश सरकार को एसओएस मैसेज यानी आपातकाल में भेजे जाने वाले संदेश दिए हैं। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने इसी महीने 6 मई को सीएम योगी को पत्र लिखकर बताया कि उनके संसदीय क्षेत्र बरेली में कोरोना से बिगड़ रहे हालात पर सरकार ध्यान दे। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक, मोहनलालगंज के विधायक कौशल किशोर, बस्ती के सांसद हरीश द्विवेदी, भदोही विधायक दीनानाथ भास्कर और कानपुर के सांसद सत्यदेव पचैरी ने बीते कुछ दिनों में सीएम योगी को पत्र लिखा है। इन पत्रों में भाजपा के सभी नेताओं ने कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही, अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और दवाओं की कमी, स्वास्थ्य विभाग के बिगड़े सिस्टम और अपनी बेबसी बयां की है। इन नेताओं में बीजेपी विधायक कौशल किशोर, जिनके भाई की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई, का पत्र काफी चर्चा में भी रहा था। बीते दिनों फिरोजाबाद के जसराना से विधायक पप्पू लोधी ने तो सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर अपनी बेबसी बयां की थी। इस वीडियो में बीजेपी विधायक ने कोरोना संक्रमित पत्नी के इलाज में लापरवाही, उन्हें 3 घंटे तक जमीन पर लिटाए रखने और प्रशासन की मदद न मिलने का आरोप लगाया था। बाद में जिले के डीएम ने किसी तरह उनकी पत्नी के लिए आगरा के मेडिकल कॉलेज में बेड का इंतजाम किया, तब जाकर सही इलाज शुरू हो सका।

यूपी में कोरोना की रोकथाम के सरकारी दावों के बीच सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों, सांसदों और मंत्रियों के उठाए इन सवालों से प्रदेश में हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है।एक साल में 13 विधायकों की मौत हो चुकी है। पिछले एक महीने के भीतर ही कोरोना संक्रमण की वजह से बीजेपी के 4 विधायकों का निधन हो चुका है। प्रदेश की अन्य पार्टियों के भी कई नेताओं की इस बीमारी की वजह से जान चली गई है। गत 23 अप्रैल को लखनऊ पश्चिम के विधायक सुरेश श्रीवास्तव, औरैया के रमेश चंद्र दिवाकर, 28 अप्रैल को बरेली के नवाबगंज से विधायक केसर सिंह गंगवार और 7 मई को रायबरेली के सलोन से बीजेपी विधायक व पूर्व मंत्री दल बहादुर कोरी का कोरोना से निधन हो गया। यूपी में पिछले एक साल के दौरान 13 विधायकों की इस महामारी की वजह से मौत हो चुकी है, जिनमें प्रदेश के पूर्व मंत्री चेतन चैहान और कमला रानी वरुण का नाम भी शामिल है।

दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर ने बहुत लोगों की जान ले ली। यूपी में कई पत्रकारों को भी कोरोना ने हमसे छीन लिया है लेकिन योगी सरकार के कोविड प्रबंधन को पूरी तरह दोष नहीं दिया जा सकता। यूपी में कोविड प्रबंधन की एक बार फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तारीफ की है। ग्रामीण इलाकों में राज्घ्य सरकार के कोरोना के माइक्रो मैनेजमेंट का डब्ल्यूएचओ भी कायल है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी वेबसाइट पर यूपी सरकार के कोविड प्रबंधन की खुलकर तारीफ की है। डब्ल्यूएचओ ने यूपी के ग्रामीण इलाकों में कोरोना को रोकने के लिए चलाए जा रहे महा अभियान की चर्चा करते हुए अपनी रिपोर्ट में बताया है कि राज्य सरकार ने किस तरह से 75 जिलों के 97941 गांवों में घर-घर संपर्क कर कोरोना की जांच करने के साथ आइसोलेशन और मेडिकल किट की सुविधा उपलब्ध कराई।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने योगी सरकार के कोविड मैनेजमेंट को धरातल पर परखने के लिए यूपी के ग्रामीण इलाकों में 10 हजार घरों का दौरा किया। डब्ल्यूएचओ की टीम ने खुद गांवों में कोविड मैनेजमेंट का हाल जाना। कोरोना मरीजों से उनको मिल रही चिकित्सीय सुविधाओं के बारे में पूछताछ की। इतना ही नहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों ने फील्ड में काम कर रही 2 हजार सरकारी टीमों के काम काज की गहन समीक्षा भी की है।

डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि यूपी के ग्रामीण इलाकों में किस तरह योगी सरकार सामुदायिक केंद्रों, पंचायत भवनों और स्कूलों में कोरोना मरीजों की जांच और इलाज की सुविधा दे रही है। जिले के हर ब्लाक में कोविड जांच के लिए राज्य सरकार की ओर से दो मोबाइल वैन तैनात की गई है। कोरोना के खिलाफ महाअभियान के लिए स्वास्थ्य विभाग की 141610 टीमें दिन रात काम कर रही हैं। कोविड मैनेजमेंट की इस पूरे अभियान पर नजर रखने के लिए योगी सरकार ने 21242 पर्यवेक्षकों की तैनाती की है। ग्रामीण इलाकों में कोविड समेत अन्घ्य संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए योगी सरकार ने बड़े स्तर पर स्वच्छता अभियान चला रखा है। 60 हजार से अधिक निगरानी समितियों के 4 लाख सदस्य गांवों में घर घर पहुंच कर न सिर्फ कोविड के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं बल्कि साफ, सफाई और स्वास्थ्य सुविधाओं से भी जोड़ रहे हैं। राज्य में इस तरह का अभियान चलाने वाला यूपी देश का पहला राज्य है। गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान भी योगी सरकार के शानदार कोविड मैनेजमेंट की डब्ल्यूएचओ समेत देश और दुनिया में जमकर तारीफ हुई थी। (हिफी)

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