सीएम योगी का फैसला,लोगों को सीधे रोजगार देगी सरकार

सीएम योगी का फैसला,लोगों को सीधे रोजगार देगी सरकार

लखनऊ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जैसे प्रदेश को कोरोना वायरस से उत्पन्न हुए इमरजेंसी जैसे हालात में संभाला हुआ है उससे अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्री भी प्रेरणा ले रहे हैं प्रदेश की जनता के वर्तमान व भविष्य के लिए उत्तर प्रदेश के तेजतर्रार मुख्यमंत्री हर दिन कड़े फैसले ले रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तेजी से प्रवासी कामगारों के लिए पहल की और प्रवासी कामगारों व श्रमिकों को घर पहुंचाने का निर्णय सबसे पहले लिया।

अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश की जनता को रोजगार सृजन का अवसर प्रदान करेगें।आज मुख्यमंत्री ने रोजगार संगम ऑनलाइन लोन मेला का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 'लोकल'को 'ग्लोकल' बनाने की जो बात कहीं यही वास्तविकता है, हम रोजगार की संभावनाओं को विकसित करें। यह भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में 135 करोड़ लोगों के स्वावलंबन से जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।

आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अहम बैठक कर कहा कि कल केंद्र सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा हुई और आज एम एस एम ई विभाग, स्टेट लेवल बैंकर्स कमिटी के साथ संवाद बनाकर 56,754 लाभार्थियों को रु 2,002 करोड़ का लोन वितरण एक साथ कर रहा है इसके सात योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी देश का पहला ऐसा राज्य बन जाता है, जो MSME पैकेज की घोषणा करने के अगले दिन ही ₹ 2002 करोड़ लोन की धनराशि कुल 56,754 लाभार्थियों (छोटे उद्यमियों) के खाते में जमा करा देता है। इससे 2 से 2.5 लाख नौकरियों का भी सृजन होगा। इतने लाभार्थियों का अर्थ है कि हम लोग दो लाख से अधिक लोगों को रोजगार सृजन का अवसर दे रहे हैं । उन्होंने आगे कहा कि आज पूरी दुनिया चीन से पलायन कर रही है। एक तरह से नफरत सी कर रही है। पूरी दुनिया जिस वैश्विक महामारी को झेल रही है, प्रत्येक व्यक्ति देख रहा है कि इसके पीछे कहीं न कहीं चीन है। इन स्थितियों में दीपावली के अवसर पर गौरी-गणेश की प्रतिमाएं चीन से क्यों आएंगी क्या गोरखपुर का टेराकोटा इसकी आपूर्ति नहीं कर सकता। हम लोगों ने जब पहला दीपोत्सव का कार्यक्रम अयोध्या में किया था तो उस कार्यक्रम में 51,000 दीप प्रज्वलित किए गए थे। यह मिट्टी के दीपक, हमें पूरे उत्तर प्रदेश में ढूंढ़ने पड़े थे तब हमें 51,000 दीपक मिल पाए थे।हम लोग कुम्हारों को निःशुल्क मिट्टी उपलब्ध करा रहे थे। वह उससे मिटृटी के दीपक या अन्य उत्पाद बना रहे थे। साथ ही वे गांव के तालाब की मिट्टी निकालकर लाते थे तो वह तालाब फिर से जल संरक्षण के लिए तैयार होता था।

MSME सेक्टर के लिए कल इतना भारी भरकम पैकेज घोषित हुआ है तो उसका सबसे बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश में आना चाहिए,यह उत्तर प्रदेश के लिए एक अवसर है।अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग उत्पाद हैं। मेरा यह मानना है कि हमें समय के अनुरूप सोचने की ताकत विकसित करनी होगी। यह निश्चित ही हमारी एक ताकत है और इस ताकत को मैंने तब महसूस किया जब मुझे 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट' के कार्यों की मैपिंग की दृष्टि से विभिन्न जनपदों में जाने का अवसर प्राप्त हुआ। मैं मुरादाबाद गया तो वहां ब्रास उत्पादक स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे थे, लेकिन आज ₹6,000 करोड़ से अधिक के ब्रास के उत्पाद एक्सपोर्ट होते हैं। ऐसे ही फिरोजाबाद में ग्लास उत्पाद हैं, कन्नौज में इत्र है।दुनिया भर में जो बांसुरी बजती है वह उ.प्र. के पीलीभीत में बनती है और ढोलक अमरोहा में बनती है। हमें उसको पहचानने की ताकत होनी चाहिए। हमें नए सिरे से आगे बढ़ाकर इसे प्रोत्साहित कर लें तो बहुत बड़ा कार्य होगा। यह संभावना उत्तर प्रदेश के अंदर है।लाॅकडाउन के समय में टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए कैसे बेहतर कार्य किया जा सकता है, यह एमएसएमई और बैंकर्स कमिटी ने मिलकर तय किया।उत्तर प्रदेश में इस प्रकार की बहुत सारी चीजें हैं, जिनमें केवल 'लोकल' ही नहीं बल्कि 'ग्लोबल' बनने की क्षमता है, लेकिन हम अपनी चीजों को समय के अनुसार नई तकनीक एवं नई डिजाइन के साथ आगे बढ़ाने के लिए प्रयास प्रारंभ तो करें।इस क्षेत्र में बहुत सम्भावनाएं हैं और बहुत पोटेंशियल है। हमें इस पर आगे कार्य करना चाहिए। इस दृष्टि से आज आप सबकी मदद करने के लिए एमएसएमई 'ई-साथी' पोर्टल भी लाॅन्च हुआ है। MSME सेक्टर के लिए कल इतना भारी भरकम पैकेज घोषित हुआ है तो उसका सबसे बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश में आना चाहिए। यह उत्तर प्रदेश के लिए एक अवसर है। एमएसएमई विभाग व एसएलबीसी से जुड़े सभी पदाधिकारियों और बैंकर्स कमिटी से जुड़े सभी महाप्रबंधकगणों से हमारा अनुरोध होगा कि उत्तर प्रदेश का एमएसएमई सेक्टर इसके सबसे बड़े हिस्से को लेकर लाभान्वित हो।इसी प्रकार 'मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना' व अन्य योजनाएं जो हमने प्रदेश में आरम्भ की हैं, अगर उन सबको हम इस कार्य में जोड़ लेंगे तो बहुत बड़ा कार्य हो सकता है। उत्तर प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में अपार सम्भावनाएं हैं।इसके लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान की हमारी एक और कार्ययोजना चल रही है। इसमें हमने 15 कैटिगरी तय की हैं, इस कैटिगरी में हर गांव के लोगों को जोड़कर हम बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। MSME 'साथी' ई- पोर्टल, विश्वकर्मा श्रम सम्मान, ODOP व अन्य योजनाओं के माध्यम से हमारा प्रयास होना चाहिए कि सभी प्रवासी श्रमिकों और जो लोग पहले से कार्य कर रहे हैं उन सबको कोई न कोई रोजगार, नौकरी व अन्य कार्यों के साथ जरूर जोड़ा जाएगा।अभी हमारे पास 12 लाख के आस-पास प्रवासी श्रमिक आ चुके हैं और मेरा मानना है कि लगभग 10 लाख और आने वाले हैं। 20 से 25 लाख प्रवासी श्रमिक प्रदेश में आएंगे हम इनकी स्क्रीनिंग कर रहे हैं। स्क्रीनिंग में अब तक ड्राइवर, टेलर, प्लम्बर, राजमिस्त्री तथा अलग-अलग क्षेत्रों में बहुत अच्छी स्किल के साथ काम करने वाली दक्ष मैनपाॅवर हमें प्राप्त हो रही है। इन सबको कार्य के लिए मंच देना है। इतने बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार व उनकी सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने, उन्हें भरण पोषण भत्ते के साथ जोड़ने, उनके लिए खाद्यान्न की योजनाएं देने और साथ ही अन्य कई योजनाओं को भी हम आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं।हम लोगों ने हर गांव में रोजगार सेवक तैनात किए हैं, मेरा अनुमान है कि, उनके द्वारा जो कार्य प्रारम्भ हुआ है, इस महीने के अंत तक हम इसे 50 लाख लोगों तक लेकर जाएंगे। हम 02 लाख लोगों को सीधे रोजगार देने की गारंटी भी इसके साथ जोड़ रहे हैं। मैं इसके लिए MSME विभाग के मंत्री, सचिव, अपर मुख्य सचिव वित्त तथा बैंकर्स कमिटी से जुड़े पदाधिकारियों को हृदय से धन्यवाद और बधाई देता हूं।

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