श्रीराम ग्रुप ऑफ कॉलेजेज में हुआ कार्यशाला का आयोजन- 10 लाख छात्रों को...

श्रीराम ग्रुप ऑफ कॉलेजेज में हुआ कार्यशाला का आयोजन- 10 लाख छात्रों को...
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मुजफ्फरनगर। श्रीराम ग्रुप ऑफ कॉलेजेज, में आई.आई.सी. (इस्टीट्यूशंस इनोवेशन काउंसिल-श्रीराम ग्रुप ऑफ कॉलेजेज) इकाई, जो कि सीफेड (सेंटर फॉर इनोवेशन, फैब्रिकेशन एण्ड एन्टरप्रिन्योरशिप डेवलपमेंट) सैल के तहत एक पहल है, नवाचार को विद्यार्थियों में सुदृढ़ रूप से प्रसारित करने की, द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन कराया गया। जिसका शीर्षक ‘Awareness of Intellectual Property Rights रहा।

इस अवसर पर कार्यशाला के मुख्य वक्ता ‘डॉ0 यासिर अब्बास जै़दी’, रहे जो कि डिपार्टमेंट फॉर प्रोमोशन ऑफ इण्डस्ट्री एण्ड इन्टरनल ट्रेड, मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री, भारत सरकार के पेटेन्ट्स एण्ड डिजाइन के प्रशिक्षक हैं। डॉ0 यासिर अब्बास जै़दी भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय में पूर्व 3 वर्षों से कार्यरत हैं एवं इन्टैलैक्चुअल प्रॉपटी राइट्स के लिये चलाये गये भारत सरकार के मिशन NIPAM(नेशनल इंटेलैक्चुअल प्रोपर्टी अवेयरनेस मिशन) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए कई तकनीकी एवं प्रबन्धन संस्थानों में इंटेलैक्चुअल प्रोपर्टी राईट्स पर राष्ट्रीय सम्मेलनों में मुख्य वक्ता की भूमिका निभा चुके हैं।

डॉ0 यासिर ने बताया कि राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा जागरूकता मिशन NIPAM मिशन का उद्देश्य 10 लाख छात्रों को बौद्धिक सम्पदा और उसके अधिकारों के बारे में जागरूकता प्रदान करना है। इसका उद्देश्य उच्च शिक्षा के छात्रों में रचनात्मकता और नवाचार की भावना का विकास करना तथा कॉलेज/विश्वविद्यालयों के छात्रों को उनके नवाचार की रक्षा करने के लिये प्रेरित करना है। यह कार्यक्रम बौद्धिक सम्पदा कार्यालय, पेटेंट, डिजाइन और व्यापार चिह्न महानियंत्रक कार्यालय (CGPDTM), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।

IPR व्यक्तियों को उनके बौद्धिक रचना पर दिये गए अधिकार हैं, इसमें आविष्कार, साहित्यिक, कलात्मक कार्य और वाणिज्य में उपयोग किये जाने वाले प्रतीक, नाम तथा चित्र शामिल होते हैं। ये आमतौर पर निर्माता को एक निश्चित अवधि के लिये उसकी रचना के उपयोग पर एक विशेष अधिकार प्रदान करते हैं। इन अधिकारों को मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा के अनुच्छेद-27 में उल्लिखित किया गया है, जो वैज्ञानिक साहित्यिक या कलात्मक प्रस्तुतियों के लेखक होने के परिणामस्वरूप नैतिक और भौतिक हितों की सुरक्षा से लाभ का अधिकार प्रदान करता है। बौद्धिक संपदा के महत्त्व को पहली बार औद्योगिक संपदा के संरक्षण के लिये पेरिस कन्वेंशन (1883) और साहित्यिक तथा कलात्मक कार्यों के संरक्षण के लिये बर्न कन्वेंशन (1886) में मान्यता दी गई थी।

बौद्धिक संपदा अधिकारों के प्रकार, कॉपीराइट, औद्योगिक संपदा, विशिष्ट चिह्नों का संरक्षण, विशेष रूप से ट्रेडमार्क और भौगोलिक संकेतों मेंः ट्रेडमार्क, भौगोलिक संकेत (GI) औद्योगिक डिजाइन और व्यापार रहस्य है।

उन्होंने बताया कि आई.पी.आर. की आवश्यकता कुछ इस प्रकार है - नवाचार को प्रोत्साहित करना, आर्थिक वृद्धि करना, रचनाकारों के अधिकारों की सुरक्षा करना, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस बताना एवं, प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण आदि। इस कार्यशाला में विद्यार्थियों का निश्चित रूप से ज्ञानवर्द्धन हुआ।

इस अवसर पर श्री राम ग्रुप ऑफ कॉलेजेज, मुजफ्फरनगर की निदेशक द्वारा मुख्य वक्ता को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए भविष्य में उनसे पेटेन्ट आदि के लिए विद्यार्थियों को सहायता देने का आग्रह किया गया। इस अवसर पर आई.आई.सी.-एस.आर.जी.सी. के इं. कनुप्रिया, इ.ं शुभी वर्मा, इं. विवेक अहलावत, इं. आकाश काकरान व इं. फिरोज अली आदि उपस्थित रहे।

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