जब सशक्त होंगे गांव, तब आत्मनिर्भर होगा भारत

जब सशक्त होंगे गांव, तब आत्मनिर्भर होगा भारत

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी पूरा हो सकता है जब हम ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की योजनाओं, ग्रामीण कामगारों का सही मार्गदर्शन, ग्रामीण उद्यमिता का अनुकूल विकास आदि को सबल प्रदान करें।

आनंदीबेन पटेल ने गुरूवार को राजभवन से छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर एवं शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 'ग्रामीण उद्यमिता विकास प्रकोष्ठ' कार्यशाला का ऑनलाइन उद्घाटन किया।

उन्होंने कहा कि ग्रामोन्नयन से राष्ट्रोन्नयन, सशक्त ग्राम से सशक्त भारत और सशक्त भारत से आत्मनिर्भर भारत का मिशन तभी पूर्ण हो सकता है, जब हम ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की योजनाओं, ग्रामीण कामगारों का सही मार्गदर्शन, ग्रामीण उद्यमिता का अनुकूल विकास आदि को सबल प्रदान करें।

राज्यपाल ने कहा कि उत्सवों एवं त्योहारों को ध्यान में रखकर ग्रामीण उत्पादों को तैयार करायें तथा स्थानीय मेलों व बाजारों में उत्पादों के विक्रय के लिये उचित एवं निःशुल्क स्थान दिलायें, जहां ग्रामीण अपने उत्पाद बेच सकें। ग्रामीणों को केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी जाए ताकि वे उन योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। हस्तशिल्पियों, दस्तकारों और कारीगरों को नई तकनीक एवं डिजाइन की भी जानकारी दी जाये, जिससे वे अपनी कलाकृतियों एवं उत्पादों में अपेक्षित सुधार लाकर अपने उत्पादों को बड़े बाजार में बेंच सकें।

उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर सर्वे कराकर उनकी जरूरतों के हिसाब से तकनीक उपलब्ध कराया जाना चाहिए। देश की अधिकतर आबादी गांवों में रहती है। इसलिए ग्रामवासियों का विकास ही देश के समग्र विकास का आधार है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा गांवों को सशक्त बनाये जाने की दिशा में अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। कुटीर और लघु उद्योगों को बड़े पैमाने पर सहायता दी जा रही है।

राज्यपाल ने कहा कि गांवों को आर्थिक मदद के साथ ही तकनीकी रूप से भी सक्षम बनाये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक ग्रामीण एवं शहरी महिलाओं को भी उद्यमिता के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, जो महिला सशक्तीकरण के लिए आवश्यक भी है।

कार्यशाला में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद के डाॅ0 प्रसन्न कुमार, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता समेत अन्य लोग ऑनलाइन जुड़े हुए थे।

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