जब नेताजी ही नहीं रहे तो मैं अब जीकर क्या करूंगा और लगा दी..

जब नेताजी ही नहीं रहे तो मैं अब जीकर क्या करूंगा और लगा दी..

कानपुर। काम करने के बाद वापस घर लौट रहे मजदूर को जब इस बात का पता चला कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया है तो मजदूर बुरी तरह से शोकाकुल हो गया। बुरी तरह से बौखलाया मजदूर गांव के पास पहुंचते ही कहने लगा कि जब नेताजी ही नहीं रहे तो मैं अब जीकर क्या करूंगा? यह कहते हुए मजदूर ने धड़ाम से नदी के बीच छलांग लगा दी।

कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र के मर्दनपुर का रहने वाला 50 वर्षीय राजेश कुमार यादव महानगर के इस्पात नगर में मेहनत मजदूरी करके अपने बाल बच्चों का पेट पाल रहा था। काम करने के बाद जब राजेश कुमार वापस अपने घर लौट रहा था तो रास्ते में उसे किसी के माध्यम से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव के निधन की जानकारी मिल गई। समाजवादी पार्टी के संस्थापक का इलाज के दौरान निधन होने से मजदूर बुरी तरह से बौखला गया। गर्दन को नीचे लटकाकर जा रहा मजदूर गांव के पास पहुंचते ही शोर मचाते हुए कहने लगा कि जब नेताजी ही इस दुनिया में नहीं रहे हैं तो मैं अब जीकर क्या करूंगा?

इसके बाद एकता पार्क के पास से होकर बह रही पांडु नदी के भीतर मजदूर ने छलांग लगा दी। उसके शोर शराबे को सुनकर मौके पर जमा हुए लोगों ने नदी में उतरकर उसे खोजबीन करते हुए बाहर निकाला, लेकिन उस समय तक मजदूर की मौत हो चुकी थी।

राजेश यादव की मौत के बाद अब उसकी पत्नी रामरति और चार नाबालिग बेटियों ममता, ललिता, सरिता और आरुषि का रो-रोकर बुरा हाल बना हुआ है।

मृतक के भाई अमर बहादुर ने बताया है कि उसके बड़े भैया राजेश को नेताजी से बहुत ही ज्यादा लगाव था। उनके निधन की खबर सुनते ही उसका भाई अवसाद में चला गया और नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली है।

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