उत्तर प्रदेश 14 दिन का क्वारंटीन पूरा कर चुके प्रवासी मजदूरों वापस लाएगा : सीएम

उत्तर प्रदेश 14 दिन का क्वारंटीन पूरा कर चुके प्रवासी मजदूरों वापस लाएगा : सीएम

लखनऊ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए लाॅकडाउन के सफल क्रियान्वयन पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लागू किये गये लाॅकडाउन के निर्णय की विश्व में सराहना हो रही है। उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग को प्रत्येक दशा में बनाए रखने के निर्देश भी दिये हैं।

मुख्यमंत्री आज यहां अपने आवास पर आहूत बैठकों में कोरोना वायरस के नियंत्रण तथा लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना प्रभावित क्षेत्रों को हाॅटस्पाॅट के रूप में चिन्हित करते हुए संक्रमण से बचाव के लिए अपनायी जा रही रणनीति अत्यन्त प्रभावी सिद्ध हो रही है।

हाॅटस्पाॅट का यह 'यू0पी0 माॅडल' काफी लोकप्रिय हुआ है। यह निरन्तर सुनिश्चित किया जाए कि हाॅटस्पाॅट क्षेत्रों में केवल मेडिकल, सेनिटेशन तथा होम डिलीवरी टीमें ही जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों में 14 दिन का क्वारंटीन पूरा कर चुके अपने प्रदेश के श्रमिकों, कामगारों तथा मजदूरों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाएगा। इसके लिए एक कार्य योजना तैयार करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में सूची तैयार की जाए, जिसमें सम्बन्धित राज्य में स्थित प्रदेश के मजदूरों का विवरण दर्ज हो। ऐसे लोगों की स्क्रीनिंग व टेस्टिंग कराते हुए सम्बन्धित राज्य सरकार को इन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया प्रारम्भ करनी होगी। प्रदेश की सीमा तक सम्बन्धित राज्य सरकार द्वारा इन्हें लाये जाने के बाद ऐसे लोगों को बस के द्वारा इनके जिले में भेजा जाएगा। यह लोग जिस जनपद में जाएंगे, वहां 14 दिन क्वारंटीन करने के लिए पूरी व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित कर ली जाएं। इसके लिए शेल्टर होम/आश्रय स्थल को खाली कर सेनेटाइज किया जाए। शेल्टर होम पर कम्युनिटी किचन के सुचारू संचालन के लिए सभी प्रबन्ध सुनिश्चित किये जाएं, ताकि इन लोगों के लिए ताजे व भरपेट भोजन की व्यवस्था हो सके। 14 दिन की संस्थागत क्वारंटीन पूरी करने वालों को राशन की किट व एक हजार रुपये के भरण-पोषण भत्ते के साथ होम क्वारंटीन के लिए घर भेजने की व्यवस्था की जाए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 20 या उससे अधिक कोरोना पाॅजिटिव केस वाले जनपदों में वरिष्ठ प्रशासनिक, स्वास्थ्य तथा पुलिस अधिकारी भेजने का निर्णय लिया है। यह अधिकारी नामित जनपद में एक सप्ताह कैम्प कर संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने की कार्रवाई अपनी देख-रेख में सम्पन्न कराएं। मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि मेडिकल इन्फेक्शन को हर हाल में रोका जाना आवश्यक है। उन्होंने अस्पतालों में पी0पी0ई0, एन-95 मास्क, सेनिटाइजर की पर्याप्त उपलब्धता सहित सभी सुरक्षा प्रबन्धों को लागू करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में कोविड तथा नाॅन-कोविड अस्पताल चिन्हित किये जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोरोना के मरीज उपचार के लिए केवल कोविड अस्पताल में ही भर्ती किये जाएं। इसी प्रकार अन्य रोगों के उपचार के लिए मरीज को नाॅन-कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाए। मेडिकल स्टाॅफ को संक्रमण से बचाव के लिए प्रशिक्षित करने तथा चिकित्सालय मसंक्रमण से सुरक्षा के सभी उपाय अपनाते हुए इमरजेन्सी सेवाएं प्रारम्भ की जाएं, जिससे लोगों को अन्य गम्भीर रोगों के त्वरित उपचार की सुविधा मिल सके। एल-3 कोविड चिकित्सालयों में हर बेड पर वेंटिलेटर अवश्य हो।

मुख्यमंत्री ने पूल टेस्टिंग को बढ़ाने तथा एल-1, एल-2 तथा एल-3 चिकित्सालयों में बेड्स की संख्या में वृद्धि के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग पर भी फोकस करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एल-2 चिकित्सालय में प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन तथा हर 10 बेड पर एक वेंटिलेटर उपलब्ध रहना चाहिए। एल-1 चिकित्सालय में प्रत्येक 5 बेड पर एक ऑक्सीजन सिलिण्डर सुनिश्चित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद स्तर पर प्रशासन, पुलिस तथा मेडिकल की टीम आपसी समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करें। कोरोना वायरस की चुनौती से निपटने के लिए टीम भावना के साथ कार्य करना आवश्यक है। जिला स्तर पर साफ-सफाई, आवश्यक सामग्री की आपूर्ति, लाॅजिस्टिक, संस्थागत क्वारंटीन में रखे गये लोगों के ठहरने व भोजन आदि की जिम्मेदारी सहित विभिन्न कार्य अलग-अलग अधिकारी को सौंपते हुए अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में टेलीमेडिसिन के माध्यम से आमजन को सुगमतापूर्वक चिकित्सीय परामर्श प्रदान किया जा सकता है। इसके दृष्टिगत प्रत्येक जिलाधिकारी तथा मुख्य चिकित्साधिकारी अपने जनपद के सरकारी व निजी चिकित्सकों की बैठक कर उनसे इस सुविधा से जुड़ने का आग्रह करें। टेलीमेडिसिन के द्वारा टेली कंसल्टेन्सी प्रदान करने के इच्छुक डाॅक्टरों की फोन नम्बर युक्त सूची का व्यापक प्रचार-प्रसार भी कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोई भूखा न रहे इसके लिए कम्युनिटी किचन के संचालन के साथ-साथ जरुरतमन्दों को खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है। उन्होंने कम्युनिटी किचन की सराहना करते हुए इस व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आगामी माह भी निःशुल्क खाद्यान्न वितरित करने जा रही है। उन्होंने बैंकों में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखे जाने पर बल दिया।

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