गजब-जादू की पेंसिल से कट रहे थे टिकट- रोडवेज को लग रहा था ऐसे चूना

गजब-जादू की पेंसिल से कट रहे थे टिकट- रोडवेज को लग रहा था ऐसे चूना

प्रयागराज। संविदा के आधार पर रोडवेज में कंडक्टर के रूप में काम कर रहे छह कर्मचारियों ने विभाग को चूना लगाने का ऐसा तरीका विकसित किया, जिससे सवारी के हाथ में बाकायदा टिकट पहुंच गया और उस टिकट की धनराशि विभाग के पास पहुंचने के बजाय कंडक्टर की जेब के भीतर हजम हो गई। काफी दिनों से सुनियोजित तरीके से चल रहे इस गोरखधंधे के खुलासे के लिए जब तह तक छानबीन की गई तो आधा दर्जन संविदा कंडक्टर चोरी के इस गोरखधंधे में लिप्त मिले। सभी संविदा कंडक्टर की सेवाएं समाप्त कर दी गई है।

जनपद प्रयागराज के सिविल लाइन डिपो में तैनात कुछ परिचालकों द्वारा मैजिक पेन का इस्तेमाल कर रोडवेज को रोजाना हजारों रुपए का चूना लगाने की बात विभागीय अधिकारियों के संज्ञान में पिछले दिनों आई थी। शिकायत के बाद प्रयागराज क्षेत्र के ऊपर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए रोडवेज के अधिकारियों द्वारा 1000 परिचालकों के ओके मार्ग पत्र को अल्ट्रावायलेट किरणों के माध्यम से जांचा गया। जांच पड़ताल के दौरान पता चला कि विभाग में संविदा के पद पर तैनात छह परिचालक ऐसे हैं जो कि मैजिक पेन का प्रयोग कर रोडवेज को रोजाना हजारों रुपए का चूना लगाने का काम कर रहे हैं।

इस गड़बड़ी के सामने आने के बाद विभागीय अधिकारियों की ओर से संविदा परिचालक विवेक कुमार यादव, विनय कुमार भारती, चंदन यादव, प्रवीन कुमार तिवारी, सुनील कुमार चौधरी एवं शुभम त्रिपाठी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उनकी संविदा समाप्त कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया है कि बर्खास्त किए गए परिचालक यात्री का टिकट तो काट देते लेकिन उसके टिकट की एंट्री मैजिक पेन के माध्यम से करते थे। बाद में केमिकल से मैजिक पेन की स्याही को परिचालक अपने मार्ग पत्र से गायब कर देते थे। बाद में अपने हिसाब से मांग पत्र भरकर रोज रोडवेज को हजारों रुपए के राजस्व का चूना लगा रहे थे।

यह खेल पिछले काफी समय से विभाग में चलाया जा रहा था। मैजिक पेन से लिखने के कुछ देर बाद ही उसकी स्याही कागज पर से गायब हो जाती है। जिसके चलते कुछ दिखाई नहीं देता है इसके ऊपर जब अल्ट्रावॉयलेट लाइट पड़ती है तो उसकी स्याही दिखने लगती है।

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