गंगा स्नान करते समय तीन चचेरे भाईयों की डूबकर मौत

गंगा स्नान करते समय तीन चचेरे भाईयों की डूबकर मौत

मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर जिले के विंध्याचल थाना क्षेत्र में स्थित गंगा नदी के परशुराम घाट पर सोमवार को स्नान करते समय तीन चचेरे भाई डूब गए। स्थानीय गोताखोरों की मदद से करीब एक घंटे बाद तीनों का शव गंगा नदी से बाहर निकाला गया।

पुलिस सूत्रों ने सोमवार को बताया कि अंबेडकरनगर जिले के जैतपुर थाना अंतर्गत नेवादा निवासी एक परिवार के 11 सदस्य मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने निजी साधन से विंध्याचल आये थे। इसमें पांच महिला व छह पुरुष थे। सभी दोपहर 12 बजे विंध्याचल पहुंचे और परशुराम घाट के पास एक होटल पर ठहरने के बाद गंगा स्नान को निकल पड़े। परशुराम घाट पर गंगा स्नान करते समय तीन किशोर अमन यादव (16), शक्ति यादव (17) और वैभव उर्फ लकी यादव (16) डूब गए। किशोरों को डूबते देख परिवार के शोर मचाने लगे। शोरगुल पर मौके पर भीड़ जुट गई। वहीं स्थानीय गोताखोरों की मदद से तीनों किशोर को गंगा नदी से बाहर निकालकर विंध्याचल सीएचसी पहुंचाया गया, जहां चिकित्सक ने परीक्षण के दौरान मृत घोषित कर दिया।

चिकित्सक डा. अजीत मौर्या ने बताया कि तीनों किशोर पहले से ही मृत थे। वहीं घाट पर स्थानीय गोताखोर नीरज निषाद, चानिका निषाद, सूरज निषाद, गोविंद लाल, साजन के साथ एसएसआइ अखिलेश पांडेय भी मौके पर डटे रहे। पुलिस ने मृतकों का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

थानाध्यक्ष विंध्याचल विनीत राय ने बताया कि परशुराम घाट पर स्नानार्थियों की सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग लगाया गया है और निगरानी के लिए दो मोटरबोट के साथ एसडीआरएफ टीम भी तैनात है। बैरिकेडिंग के अंदर कमर तक पानी है। वहीं बैरिकेडिंग के बाहर 25 फीट गहरा है। ये लोग बैरिकेडिंग के बाहर जाकर नहा रहे थे। परिवार के लोग मना कर रहे थे, लेकिन ये लोग नहीं माने।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि गंगा घाट पर स्नानार्थियों की सुरक्षा के लिए तैनात एसडीआरएफ टीम की ड्यूटी बैरिकेडिंग के पास है, लेकिन ये लोग ड्यूटी स्थल पर न रहकर अन्य जगह जाकर बैठे थे। इस कारण ये लोग तीनों किशोर के डूबने के बाद मौके पर पहुंचे। अगर ये सभी ड्यूटी स्थल यानी बैरिकेडिंग के पास तैनात रहते तो शायद किसी न किसी जान बचाई जा सकती थी।

वार्ता

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