"हर हाथ को काम" के संकल्प को प्रतिबद्ध है योगी सरकार

हर हाथ को काम के संकल्प को प्रतिबद्ध है योगी सरकार

लखनऊ गांव की पगडंडी पर चहक रहा आजीविका का सवेरा। यूपी सरकार दे रही रोजगार अपनी माटी के लालों को। अब न वापस जाने देंगे अपने घर के चिरागों को।

किसानों की कर्ज माफी से लेकर CAA के विरोध में हुए हिंसक दंगों पर नियंत्रण तक, और अपराधों पर शिकंजा कसने से लेकर कोरोना के प्रसार को रोकने व लॉकडाउन से प्रभावित करोड़ों गरीबों, मजदूरों व अन्य नागरिकों की सहायता करने तक योगी सरकार ने आलोचनाओं को गलत साबित किया है।

सीएम की संवेदना ने "भूख" के उस अर्थशास्त्र को समझा है जिसने किसी श्रमिक/कामगार को अपने गांव से दूर पलायन को विवश किया था। यूपी सरकार ने राशन पोर्टेबिलिटी योजना को लागू कर प्रवासियों के 'पेट के संघर्ष' को आसान किया है। अब पलायन पराजित होगा। कोरोना कहर के दुर्धर कालखण्ड में हर ज़रूरतमंद को खाद्यान्न उपलब्ध कराने हेतु यूपी सरकार ने स्टेट राशन पोर्टिबिलिटी को लागू किया। इसी क्रम में 08 लाख से अधिक नए राशन कार्ड बनाये गए और निरंतर बन रहे हैं। कोई 'भूखा' ना सोए, यह संकल्प पूरा हो रहा है..कोरोना हार रहा है।कोरोना कहर की विभीषिका में प्रवासियों के बिखरे हौसलों और भयभीत चित्त को सहारा दिया है सीएम योगी आदित्यनाथ की संवेदनशील कार्यशैली ने। निःशुल्क और सुरक्षित घर वापसी का सपना पूर्ण हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार के हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उज्ज्वल भविष्य के निर्माण हेतु प्रतिबद्ध है। प्रवासीजनों की सकुशल वापसी हो रही है अब रोजगार भी यहीं प्राप्त होगा।

उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करते ही भोजन-पानी सब कुछ मिल रहा है। कोरोना की वैश्विक महामारी से निपटने हेतु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने सर्वाधिक अनुशासित ढंग से कार्य किये हैं। वापिस आने वाले हर कामगार/श्रमिक को 15 दिन की राशन किट दी गयी है और 8 लाख से अधिक राशन कार्ड भी बनवाये गए हैं।प्रवासीजनों की स्क्रीनिंग कर उनके हुनर, स्किल का लेखा-जोखा ग्रामवार तैयार किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार की यह तैयारी, कोरोना जनित बेरोजगारी की मनहूस काली रात में "रोजगार" का खुशनुमा उजाला फैलाने की संकल्पना का प्रथम सोपान है। अब "जीविका और जान" दोनो सुरक्षित होंगी। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संवेदनशील एवं सक्रिय नेतृत्व में 1100 से अधिक ट्रेनों और 12000 से अधिक बसों के द्वारा उत्तर प्रदेश के 22 लाख प्रवासियों को सकुशल वापस आए हैं। यह क्रम निरंतर जारी है। आपदा के मारे 'प्रवासी' साथियों को रोजगार देने की पूरी तैयारी है।

उत्तर प्रदेश में वापिस आने वाले हर प्रवासी कामगार/श्रमिक को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की सीमा पर ही पानी एवं भोजन की व्यवस्था कर उनकी उनके गंतव्य तक सम्मानजनक एवं सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करवा रही है।

उत्तर प्रदेश में रहें-सम्मान से जीवन जिएं! मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रवासी श्रमिकों के लिए मनरेगा, ओ.डी.ओ.पी., महिला स्वयं सहायता समूह, दुग्ध समितियों, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों आदि में व्यापक रोजगार सृजन की तैयारी शुरू कर दी है। 'संक्रमण व संभावना' के संधिकाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा श्रम कानूनों को शिथिल करते हुए बहुराष्ट्रीय कंपनियों को आकर्षित करने हेतु विशेष पैकेज की तैयारी, पलायन पर करारा प्रहार है। यूपी औद्योगिक निवेश का बड़ा हब बनाने जा रहा है।

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