जान पर खेलकर कोरोना में काम कर रही आउटसोर्सिंग नर्सो का भविष्य नहीं सुरक्षित

जान पर खेलकर कोरोना में काम कर रही आउटसोर्सिंग नर्सो का भविष्य नहीं सुरक्षित
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बागपत। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच कोविड-19 पीड़ित मरीजों का इलाज कर रहे आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखी गई स्टाफ नर्स का भविष्य सुरक्षित नहीं है। जिसके चलते अब उन्हें अपने परिजनों के भविष्य की चिंता सताने लगी है। सरकार से आउटसोर्सिंग कर्मचारी के रूप में काम कर रही स्टाफ नर्स ने कोविड-19 में काम करते समय मौत हो जाने पर अपने परिजनों के लिए सरकारी नौकरी मांगी है।

दरअसल इस समय समूचे राज्य में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तेजी के साथ अपने पांव पसारते हुए लोगों को संक्रमित कर रही है। पॉजिटिव पाए जा रहे लोगों के इलाज के लिए सरकार की ओर से आउटसोर्सिंग के रूप में स्टाफ नर्स की भर्ती कर उन्हें कोरोना मरीजों की देखभाल के लिए लगाया गया है। दिन रात पूरी मेहनत के साथ काम कर रही स्टाफ नर्स का लोगों के हालतों को देखकर दर्द छलकने लगा है। अब उन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि यदि कोरोना संक्रमित मरीजों के बीच काम करते समय उन्हें कुछ हो जाता है तो उनके परिजनों का क्या होगा। जनपद बागपत के पुरामहादेव गांव निवासी ललिता मलिक पत्नी शोकिंद्र इस समय खेकड़ा स्थित सीएससी में बनाये गये कोविड-19 एल 2 वार्ड में कार्यरत है।

उन्होंने बताया कि उनके साथ अन्य बहुत सारी महिलाएं स्टाफ नर्स के रूप में कोविड-19 वार्ड में कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल के लिए काम कर रही है। रात दिन काम करते-करते उनका हौसला अभी तक नहीं डिगा है। लेकिन देश में उत्पन्न हालातों के चलते उन्हें अब अपने परिजनों की चिंता सताने लगी है। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें कुछ हो जाता है तो सरकार की ओर से ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है कि जिससे उनके परिजनों का भविष्य सुरक्षित हो सके। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग उठाई है कि कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल करते समय यदि किसी स्टाफ नर्स की मौत हो जाती है तो उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। जिससे परिवार के भरण-पोषण का सिलसिला चलता रहे।

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