ठेठ देहाती भाषा के बीच शुरू हुआ अंग्रेजी में भाषण-पसर गया सन्नाटा

ठेठ देहाती भाषा के बीच शुरू हुआ अंग्रेजी में भाषण-पसर गया सन्नाटा

लखनऊ। राजधानी में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आयोजित की जा रही किसान महापंचायत में ठेठ देहाती भाषा में चल रहे भाषणों के बीच जब अंग्रेजी में संबोधन शुरू हुआ तो एकदम से माहौल बदला और सन्नाटा पसर गया। इसके बाद किसानों को संबोधित कर रहे वक्ता ने टूटी-फूटी हिंदी में किसानों से अपील करते हुए कहा कि वह तीनों कृषि कानूनों को जरूर पढ़ें, जिससे आगे अगर कभी इस प्रकार का कोई कानून बने तो उस संबंध में जानकारी प्राप्त कर आंदोलन किया जा सके।

सोमवार को राजधानी लखनऊ के इको गार्डन में आयोजित की गई किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए अमेरिका से पहुंचे डॉ सोवाई मानसिंह ने जब अपना संबोधन शुरू किया तो उनके अंग्रेजी में दिये जा रहे उदबोधन को सुनकर महापंचायत में सन्नाटा पसर गया। अपनी बात को समझाने में असफल रहे वक्ता ने बाद में टूटी-फूटी हिंदी में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान नए कृषि कानूनों को आवश्यक रूप से पढ़ें, ताकि आगे अगर कभी इस प्रकार का कोई कानून बने तो जानकारी होने पर उसके खिलाफ आंदोलन किया जा सके। उन्होंने कहा कि जो किसान आंदोलन करते हुए अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं उनका नाम आगे चलकर इतिहास में लिखा जाएगा, उनका जिक्र किताबों में होगा। इसलिए अब हमें केवल इतनी चिंता करनी चाहिए कि हम देश की बात करें और अपने हकों की लड़ाई के लिए आगे बढ़े। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और मंदिर, मस्जिद के नाम पर वोट देने के बजाय केवल देश हित के लिए वादों को लेकर ही वोट दिया जाए। सोवाई मानसिंह द्वारा अंग्रेजी में दिए गए भाषण को लोगों की ओर से खूब सराहा गया। इस दौरान पूरे उत्तर प्रदेश से आए किसान नेताओं ने किसानों को संबोधित किया। संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख लाइन के नेताओं ने संबोधन कर किसानों से एकजुटता की अपील की और किसान आंदोलन को लेकर तथा 3 कानूनों को वापसी पर सरकार से लगातार बातचीत की थी।



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