नहीं रहे बरेली को पहचान दिलाने वाले सूरमा किंग, अचानक हुआ इंतकाल

बरेली।सुरमे के माध्यम से दुनिया भर में बरेली को पहचान दिलाने वाले सूरमा किंग नहीं रहे हैं। कुछ दिनों से 76 वर्षीय सूरमा किंग की तबीयत नासाज चल रही थी। इसी बीच उन्होंने शुक्रवार को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। देर रात हुसैन बाग के कल्लू शाह तकिया कब्रिस्तान में भारी गमगीन माहौल के साथ सूरमा किंग को सुपुर्द ए खाक किया गया। सैकडों नम आंखों ने सूरमा किंग को भावपूर्ण अंतिम विदाई दी।
बरेली में सूरमा कारोबार को स्थापित करने वाले हाशमी परिवार के चौथी पीढ़ी के सदस्य एम हसीन हाशमी का शुक्रवार को इंतकाल हो गया है। उन्होंने वर्ष 1971 में इस कारोबार को संभालने के बाद उसे ऊंचाइयों तक और देश एवं प्रदेश के बाहर तक उन्होंने सुरमें और बरेली को एक साथ शोहरत दिलाई। उनके इंतकाल की खबर जैसे ही शहर में फैली तो उनके निवास पर अफसोस जताने वाले लोगों का तांता लग गया। उनके बेटे जावेद ने बताया है कि सूरमा किंग की तबीयत काफी समय से खराब चल रही थी। वह घर पर ही अपना इलाज करा रहे थे। देर शाम तक वह सभी से बातचीत करते रहे। अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उनका इंतकाल हो गया। देर रात जामा मस्जिद पर नमाजे जनाजा के बाद कल्लू शाह के तकिया कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द ए खाक कर दिया गया।
