विद्यालयों में चलेंगी स्मार्ट क्लास- शिक्षा में किया जा रहा है सुधार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के दिशा निर्देशन में बेसिक शिक्षा में निरंतर सुधार का कार्य किया जा रहा है। बेसिक शिक्षा के अंतर्गत संचालित सभी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को बेहतर सुविधा और शिक्षा प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। वर्तमान सरकार द्वारा सभी विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है, छात्र-आत्राओं को लैपटॉप-टैबलेट्स भी उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है।

प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने आज इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यशाला में दीप प्रज्ज्वलित करने के उपरान्त यह बाते कही। उन्होंने कहा कि बच्चों को टेक्नोलॉजी के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए टेक्नोलॉजी से जोड़ा जा रहा है। आज का युग टेक्नोलॉजी का युग है घर-घर तक टेक्नॉलोजी पहुंच चुकी है छोटी उम्र में ही बच्चे काफी कुछ सीख सकते हैं इसलिए यह प्रयास है कि बच्चों को बेहतर ज्ञान प्रदान करते हुए टेक्नोलॉजी से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों को मोटीवेशन एवं डायरेक्शन की जरूरत है बच्चा किस फील्ड में जाना चाहता है उसको पहले से ही उसी फील्ड के लिए तैयारी कराई जाए जिससे बच्चा अपने उस फील्ड में अच्छा प्रदर्शन करें और अपना नाम रोशन कर सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को गुणवत्ता परक शिक्षा देने के लिए विभिन्न प्रयास भी किए जा रहे हैं लेकिन इस दिशा में और अधिक प्रयास करने की जरूरत है।

निदेशक एससीईआरटी डॉ अंजना गोयल ने कहा कि राज्य स्तर पर इस पहली बृहद कार्यशाला का आयोजन किया गया है। आगामी फरवरी माह में डायट के द्वारा शैक्षिक नवाचार महोत्सव से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, उनमें जिनका बेहतर प्रदर्शन होगा, उनको पुरस्कृत भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम सबका यही प्रयास होना चाहिए कि निपुण उत्तर प्रदेश बनाने के लक्ष्य को समय से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि विद्यालयी शिक्षा में गुणवत्ता सम्बर्धन हेतु शिक्षकों तथा शिक्षक प्रशिक्षकों का नवाचार पर उन्मुखीकरण किया जाना अति आवश्यक है, क्योंकि नवाचार का सम्बन्ध नवीन तकनीकी एवं नवीन ज्ञान से होता है। बदलती परिस्थितियों के साथ शिक्षण प्रक्रिया तथा बच्चों के व्यवहार में अपेक्षित परिवर्तन लाने एवं विद्यालय को आनन्दशाला में परिवर्तित करने के लिए शिक्षकों में नवाचार की समझ होना तथा सतत् रूप से नवाचार किया जाना आवश्यक है।

इस अवसर पर मुख्य संदर्भदाता प्रोफेसर कथन दुष्यंत शुक्ला चेयर पर्सन रवि जे0 मथाई सेंटर फॉर एजुकेशनल इनोवेशन, भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद ने रि-थिंकिंग एजुकेशन : टूवॉर्डस े पॉजिटिव क्लाइमेट स्कूल सिस्टम के संबंध में गुजरात राज्य के विद्यालयों से संबंधित केस स्टडी का प्रस्तुतीकरण किया। उन्होंने कहा कि नवाचारी शिक्षण पद्धति के माध्यम से बचों के अधिगम में सुधार का लक्ष्य प्राप्त किया गया। उन्होंने क्रिएटिंग ए सिस्टम-वाइड सर्पोटिव क्लाइमेट फॉफ इनोवेटिव विहैवियर इन स्कूल पर चर्चा करते हुए कहा कि किस प्रकार से नवाचारों के माध्यम से स्कूल के वातावरण में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। यदि शिक्षक चाले, तो सीमित संसाधनों तथा विपरीत परिस्थितियों में भी इस प्रकार के कार्य कर सकता है, जिससे बच्चों के सीखने-सिखाने की लगन उत्पन्न की जा सकती है। विद्यालय स्तर पर बच्चों की शिक्षा में सुधार लाने एवं शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई।

इस अवसर पर संयुक्त निदेशक डॉ पवन सचान ने एससीईआरटी के द्वारा जो नवाचार के कार्य एवं प्रयास किए जा रहे हैं, उनके बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर एससीईआरटी द्वारा किए जा रहे विशेष कार्य पर आधारित एक वीडियो प्रसारित कर जानकारी प्रदान की गई।

इस अवसर पर उप शिक्षा निदेशक आशुतोष दुबे ने कार्यक्रम में आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री अरूण कुमार सहित बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक/प्रधानाचार्य आदि उपस्थित रहे।

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