छोटी सी घटना का बड़ा संदेश

छोटी सी घटना का बड़ा संदेश

नई दिल्ली। पहले एक सच्ची घटना। यह घटना दुखद नहीं बल्कि सुखद है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी भगवान गौतम बुद्ध से जुड़ा एक पवित्र स्थल है सारनाथ। सारनाथ में ही एक कार्यक्रम में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जा रहे थे। जाहिर है कि मुख्यमंत्री के साथ काफिला भी था और सामान्य रूप से सीएम की विजिट को निर्विघ्न निकालने के लिए ट्रैफिक को रोक दिया जाता है। इसी बीच पीछे से एक कार-एम्बुलेंस का हार्न बजा। एम्बुलेंस में एक महिला थी जो गंभीर रूप से परेशान थी। सीएम योगी ने अपने काफिले को रूकने का निर्देश दिया। कार-एम्बुलेंस को रास्ता देने के साथ ही पुलिस की निगरानी में उसे अस्पताल तक पहुंचाया गया। महिला को अस्पताल में समय से इलाज मिला। उसकी स्थिति में सुधार आने की खबर थी। महिला के परिजनों को पुलिस ने मुख्यमंत्री के काफिला रुकवाने और कार-एम्बुलेंस के साथ पुलिस को भेजे जाने की बात बतायी। परिजन कह रहे थे कि वे इस बात को कभी नहीं भूलेंगे। देखने में सचमुच यह एक छोटी सी घटना है लेकिन इसका संदेश बहुत बड़ा है। नेताओं को सुगमता से गुजरने के लिए यातायात रोक दिया जाता है। लोग समय से दफ्तर नहीं पहुंच पाते और कभी-कभी मरीजों को अस्पताल ले जा रही एम्बुलेंस भी फंस जाती है। यह वीआईपी कल्चर कुछ नेताओं को अच्छी लगती होगी लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ऐसा उदाहरण पेश किया है जिसको सरकारी नियमों में भी शामिल किया जा सकता है। इस तरह का नियम बन जाए कि किसी भी हालत में अथवा मरीज को ले जा रहे वाहन एम्बुलेंस को नहीं रोका जाएगा। जिंदगी बहुत कीमती है, उसकी रक्षा हर नियम से ऊपर है।

सीएम योगी 14 अक्टूबर को वाराणसी के सारनाथ में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री काफिले संग जा रहे थे, उसी समय उन्हें पुलिस कमिश्नर वाराणसी द्वारा एक एंबुलेंस के बारे में जानकारी दी गई। एंबुलेंस में बीमार महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए समस्या न होने पाए, इसे देखते हुए सीएम योगी ने अपना काफिला रुकवा दिया। काफिला रुकते ही सीएम के काफिले में चल रहे अन्य अधिकारियों को भी इसके बारे में जानकारी मिली। एंबुलेंस को रास्ता देने के साथ ही पुलिस की निगरानी में एंबुलेंस को अस्पताल पहुंचाया गया। इस घटना से जहां बीमार महिला के परिजन काफी खुश हुए, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मानवीय संवेदना को लेकर भी लोगों द्वारा सराहना की जा रही थी। चौबेपुर थाना क्षेत्र के धरहरा गांव के रहने वाले अभिषेक सिंह की पत्नी अंजली सिंह को 14 अक्टूबर को प्रसव हुआ था। प्रसव के बाद एकाएक अंजली को रक्तस्त्राव होने लगा। उसे नजदीकी चिकित्सालय में दिखाया गया। जहां से डॉक्टरों ने हायर हास्पिटल के लिए रेफर कर दिया। परिजन एंबुलेंस से लेकर अंजलि को वाराणसी शहर में आ रहे थे, उसी समय सीएम योगी आदित्यनाथ पुलिस लाइन से सारनाथ के लिए प्रस्थान किए थे। उसी समय अंजली को लेकर उसके परिजन सारनाथ तिराहे के समीप पहुंचे गए। महिला की स्थिति काफी खराब थी ऐसे में ड्यूटी प्वाइंट पर तैनात पुलिस कर्मियों ने तत्काल पुलिस कमिश्नर को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस कमिश्नर ने मुख्यमंत्री को सूचित किया। मुख्यमंत्री ने काफिला तुरंत रुकवा दिया और एंबुलेंस के लिए रास्ता खाली करा दिया गया। उसके बाद एंबुलेंस के साथ पुलिसकर्मी भी अस्पताल तक गए जहां महिला को भर्ती कराया गया। महिला के पति अभिषेक सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी की हालत काफी खराब थी और अब अस्पताल में उपचार चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जो आज किया गया है उसे वे और उनके परिवार वाले कभी नहीं भूल पाएंगे। यह घटना उनके और उनके परिवार के लिए एक यादगार घटना बन गई है।

यहां पर पुलिस कर्मियों की भी सराहना करनी पड़ेगी क्योंकि वीआईपी प्रोटोकाल के दौरान फंसी कार में मौजूद मरीज के स्वजन ने डयूटी में लगे एसआई से मदद मांगी थी। आमतौर पर पुलिस कर्मी फालो आर्डर नो मिस्टेक पर चलते हैं। पुलिस अस्पताल ने बताया कि महिला को समय से नहीं पहुंचाया जाता तो जच्चा व बच्चा की जान को खतरा हो जाता। पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि मुख्यमंत्री का काफिला पुलिस लाइन से सारनाथ के लिए निकला ही था कि एक कार आती दिखी। कार में अंजलि सिंह काफी क्रिटकल कंडीशन में थीं। ब्लीडिंग की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई थी।इस बात को सीएम को अवगत कराते हुए कार को एस्कोर्ट कर निजी अस्पताल में पहुंचाया गया। अभिषेक की माने तो उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि प्रशासन उनकी कार को आगे जाने देगा। पुलिस ने संवेदनशीलता दिखाई। उसके लिए उनका परिवार सदा आभारी रहेगा।

एम्बुलेंस के भीड़ में फंसने से मरीज की जान भी चली जाती है। 24 जनवरी 2019 को बिहार के सहरसा में गंभीर मरीज को लेकर इलाज के लिए जा रही एम्बुलेंस जाम में फंस गयी। थाना चौक से गंगजला चौक तक लगे जाम में एक घंटे तक एम्बुलेंस के फंसे रहने से मरीज की हालत काफी गंभीर हो गई। जाम से मरीज को जहां परेशानी हुई वही आम आदमी भी परेशान रहे। इसी प्रकार हिमालच प्रदेश के सोलन में कोविड कर्फ्यू की पांच घंटे की ढील के दूसरे दिन भारी संख्या में लोग खरीदारी के लिए पहुंचे। इस बीच माल रोड, बाईपास समेत राजगढ़ मार्ग पर वाहनों की संख्या भी एकदम से बढ़ गई थी। इस कारण जहां माल रोड समेत राजगढ़ मार्ग पर जाम लग गया वहीं ठोडो मैदान बस स्टाप के समीप एक एंबुलेस भी जाम में फंसी रही। जाम खुलवाने के लिए पुलिस जवानों को भी काफी कसरत करनी पड़ी थी। (हिफी)

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