एम्बुलेंस सर्विस का रिस्पाॅन्स टाइम 10 मिनट से ज्यादा न हो : सीएम

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 के संक्रमण केे आपदा काल में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए हर सम्भव प्रयास किए जाने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि संसाधनों के सर्वाधिक उपयोग के दृष्टिगत '108', '102', एएलएस, निजी नर्सिंग होम की एम्बुलेंस सहित सभी तरह की एम्बुलेंस की सेवा प्राप्त की जाए। एम्बुलेंस के कार्मिकों के लिए अनिवार्य रूप से सेनिटाइजर, पीपीई किट, एन-95 मास्क तथा ग्लव्स आदि की व्यवस्था की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि एम्बुलेंस सेवा का रिस्पाॅन्स टाइम 10 मिनट से अधिक न हो।
मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। टेस्टिंग क्षमता में सतत् वृद्धि के लिए हर सम्भव प्रयास करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में एक टेस्टिंग लैब की स्थापना का कार्य तेजी से पूरा किया जाए। माह जून, 2020 के अन्त तक सभी मेडिकल काॅलेज तथा मण्डलीय चिकित्सालयों में लेवल-2 स्तर की टेस्टिंग लैब स्थापित की जाए। इस सम्बन्ध में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग को प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि एल-1 तथा एल-2 कोविड अस्पतालों में आवश्यकतानुसार आयुष चिकित्सकों की सेवाएं भी प्राप्त की जाएं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोविड तथा नाॅन कोविड अस्पतालों में सभी उपकरण दुरुस्त रहने चाहिए। एल-1 कोविड चिकित्सालयों में कुल बेड के सापेक्ष कम से कम 10 प्रतिशत बेड ऑक्सीजन सुविधा युक्त होने चाहिए। इसी प्रकार एल-2 चिकित्सालयों में ऑक्सीजन की सुविधा वाले बेड के अलावा वेंटीलेटर युक्त कुछ बेड उपलब्ध रहने चाहिए। उन्होंने सभी अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में स्ट्रेचर तथा व्हील चेयर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि समस्त चिकित्सालयों के होल्डिंग एरिया में वृद्धि की जाए। इसके अलावा, अस्पतालों में मरीजों के रजिस्ट्रेशन काउंटर की संख्या भी बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 से बचाव सम्बन्धी जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए लोगों को जागरूक किया जाए। सभी जनपदों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से जागरूकता सृजन का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य को गति प्रदान करने के लिए अन्य संचार माध्यमों का भी उपयोग किया जाए। दूरदर्शन तथा आकाशवाणी पर कोरोना से बचाव सम्बन्धी उपायों की जानकारी प्रसारित कराई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतों तथा नगरीय निकायों में कोरोना से बचाव व इसके उपचार की जानकारी उपलब्ध कराने वाली होर्डिंग लगाई जाएं। सरकारी राशन की दुकानों तथा मण्डियों में कोरोना से बचाव की जानकारी देने वाले बैनर लगाए जाएं। प्रत्येक संस्था में कोविड हेल्प डेस्क स्थापित की जाए, जहां सेनिटाइजर, इंफ्रारेड थर्मामीटर तथा पल्स ऑक्सीमीटर उपलब्ध हो। कोरोना के प्रसार को नियंत्रित करने में निगरानी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने निगरानी समितियों को इंफ्रारेड थर्मामीटर तथा पल्स ऑक्सीमीटर उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि सर्विलांस सिस्टम को सुदृढ़ करने के लिए बड़ी संख्या में मानव संसाधन लगाया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पुलिस द्वारा पेट्रोलिंग का कार्य लगातार जारी रखा जाए। बाजारों सहित भीड़-भाड़ वाले इलाकों में नियमित तौर पर फुट पेट्रोलिंग तथा हाई-वे एवं एक्सप्रेस-वे पर पीआरवी 112 के वाहनों से सघन पेट्रोलिंग सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में निवेश की प्रतिस्पर्धा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक निवेश आए, इसके लिए नियमों का सरलीकरण जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कामगारों/श्रमिकों को रोजगार सुलभ कराने के लिए अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त को औद्योगिक इकाइयों का सर्वे कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार के इच्छुक लोगों को बैंकों से ऋण दिलाने में पूरी मदद की जाए। उद्योग, एमएसएमई, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, कृषि तथा सिंचाई आदि विभागों में रोजगार की असीम सम्भावनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जनपद बांदा में श्रमिकों ने अपने श्रम से नदी को पुनर्जीवित किया। इस कार्य के माध्यम से यहां उन्हें रोजगार मिला, वहीं दूसरी ओर नदी को नया जीवन। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्य करने वालों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कंटेनमेंट जोन में डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था को सुचारु ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सेनिटाइजेशन एवं साफ-सफाई का कार्य लगातार जारी रखा जाए। नालों की सिल्ट सफाई तेजी से कराई जाए। उन्होंने पशुपालन निदेशालय के अधिकारियों को जनपदों में गौ-आश्रय स्थलों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।
~केशव कान्त कटारा (हिफी)