प्रदर्शनकारियों को हुआ खतरा-किसानों से बॉर्डर पहुंचने की अपील

प्रदर्शनकारियों को हुआ खतरा-किसानों से बॉर्डर पहुंचने की अपील

नई दिल्ली। नये कृषि कानूनों के विरोध में गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन स्थल से दिल्ली पुलिस द्वारा बैरिकेडस हटा लिए जाने के बाद किसानों को गड़बड़ी की आशंका उत्पन्न हो गई है। जिसके चलते भारतीय किसान यूनियन ने एक बयान जारी करते हुए किसानों से गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने का आह्वान किया है।

नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों द्वारा राजधानी दिल्ली के सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन चलाया जा रहा है। पिछले तकरीबन 1 साल से किसान तीनों बार्डरांे पर नए कृषि कानूनों के विरोध में धरना देते हुए इन्हें रद्द किए जाने की मांग कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद अब नई दिल्ली पुलिस द्वारा बॉर्डरों पर लगाए गए बैरिकेडस हटा लिए गए हैं, जिसके चलते बॉर्डरों पर पिछले तकरीबन 1 साल से पूरी तरह से थमा यातायात अब शुरू होने जा रहा है। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन की ओर से बयान जारी करते हुए कहा गया है कि बॉर्डर पर यथास्थिति बनी रहेगी, इसे लेकर किसी को किसी भी प्रकार का भ्रम नहीं होना चाहिए।

पुलिस द्वारा गाजीपुर बॉर्डर से आवागमन को रोकने के लिए की गई बैरिकेडिंग हटाए जाने के बाद चारों तरफ अफवाहों का दौर चल रहा है। इस संबंध में भारतीय किसान यूनियन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहा मोर्चा पहले की तरह यथावत चलता रहेगा। मोर्चे पर कोई बदलाव नहीं किया गया है। भारतीय किसान यूनियन की ओर से किसानों से अपील की गई है कि वह तुरंत ही गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे और नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन को मजबूत करें। प्रत्येक दिन आंदोलन के खिलाफ साजिश की जा रही है। हमें हर साजिश के खिलाफ हर समय तैयार रहना है। इस मसले पर बीकेयू मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि, हमारा आंदोलन जैसा चल रहा है उसी तरह चलता रहेगा। किसानों से हम अपील कर रहे हैं कि, ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचे।

दूसरी ओर संयुक्त किसान मोर्चा ने इस पूरे मसले पर अपना बयान जारी किया है। जिसमें कहा गया कि, विरोध करने वाले किसान सही साबित हुए हैं। यह पुलिस है जिसने सड़कों को अवरुद्ध किया, किसानों ने नहीं। किसानों ने यही पहले भी समझाने की कोशिश की थी। प्रदर्शनकारियों ने पहले भी यातायात की जगह दी और अब भी ऐसा ही किया जा रहा है।

इसके अलावा टिकरी बॉर्डर पर किसान देर रात को भी आंदोलन स्थल स्थित मंच पर जमे हुए हैं। किसान मोर्चा ने बताया कि टिकरी बॉर्डर पर आधी रात को पुलिस द्वारा रास्ते खुलवाने संबंधित बिना बातचीत के कार्रवाई करने का प्रयास किया गया पर किसान एकजुट होकर तुरंत पहुंच गए।



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