किसान आंदोलन में फिट होने लगीं राजनीतिक गोटियां

किसान आंदोलन में फिट होने लगीं राजनीतिक गोटियां

गाजियाबाद। किसान आंदोलन के लिए शुक्रवार का दिन बेहद निर्णायक साबित हुआ। एक तरफ जहां किसान नेता राकेश टिकैत के आंसुओं ने वापस जाते हुए किसानों को पलटने पर मजबूर कर दिया वहीं आज से किसान आंदोलन में राजनीतिक दलों का हस्तक्षेप भी साफ़ दिखाई देने लगा है।

शुक्रवार को किसान आंदोलन स्थल गाजीपुर पर तीन बड़े नेताओं के आने के बाद यह बात साफ हो गई है। सुबह सबसे पहले राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी, आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और देर शाम कांग्रेस के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू किसानों के बीच दिखाई दिए।

छोटे चौधरी के आने के बाद से ही गाजीपुर धरना स्थल पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आने वाली किसानों की भीड़ में अचानक बढ़ोतरी हो गई। गुरुवार की शाम तक ऐसा लग रहा था कि जैसे मानो धरना एक से दो दिन में स्वतः ही समाप्त हो जाएगा। लेकिन राकेश टिकैत के आंसुओं ने पूरी बाजी ही पलट कर रख दी। अभी तक किसान आंदोलन में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के वयोवृद्ध किसान ही दिखाई पड़ते थे, लेकिन गुरुवार की रात हुई पुलिस कार्रवाई के बाद युवा पीढ़ी आंदोलन की तरफ आकर्षित हुई है। युवा नेताओं में भारतीय जनता पार्टी और उनके नेताओं के खिलाफ क्रोध साफ झलक रहा है।


शुक्रवार की देर शाम तक आंदोलन स्थल पर कुल किसानों में लगभग 60 फ़ीसदी से अधिक युवा किसान दिखाई पड़े।

इससे पहले गुरुवार की शाम गाजीपुर आंदोलन स्थल पर पहुंच कर किसानों के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करने और आंदोलन की छवि को धूमिल करने के मामले को लेकर किसानों ने भारतीय जनता पार्टी के लोनी और साहिबाबाद क्षेत्र विधायक नंदकिशोर गुर्जर और सुनील शर्मा के खिलाफ स्थानीय पुलिस थाने में शिकायत दी है। भारतीय किसान यूनियन युवा कार्यकारिणी के प्रदेश अध्यक्ष दिगंबर सिंह ने थाना कौशाम्बी (गाजियाबाद) में दी तहरीर में दोनों नेताओं पर किसानों को पीटने, टैंट उखाड़ने, गाड़ियों के शीशे तोड़ने और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने से संबंधित आरोप लगाए हैं।

गुरुवार की शाम लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर और साहिबाबाद के विधायक सुनील शर्मा द्वारा गाजीपुर किसान आंदोलन स्थल पर पहुंचकर प्रशासनिक कार्य में हस्तक्षेप करने और किसानों के खिलाफ अनर्गल टीका टिप्पणी किए जाने के मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी प्रदेश हाईकमान ने दोनों को लखनऊ तलब किया है। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह द्वारा भेजे गए निर्देश में उनकी कार्रवाई को लेकर खासी नाराजगी व्यक्त की गई है।




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