पुलिस की बर्बरता ने ले ली युवक की जान-मचा हंगामा, लगाया जाम

कानपुर। चोरी के मामले में 2 दिन पहले उठाए गए युवक की हालत बिगड़ने पर पुलिस ने उसकी बहन को बुलाकर युवक को सौंप दिया। गंभीर रूप से घायल युवक को अस्पताल ले जाए जाने पर रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। पुलिस की ओर से परिवारजनों को सौपे गए युवक के शरीर पर पिटाई के गहरे जख्म मिले हैं। लोगों ने पुलिस पर युवक को पीट-पीटकर मारने का आरोप लगाते हुए हंगामा करते हुए प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि जब तक दोषी पुलिसवालों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जाएगी, हम युवक का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

आईआईटी सोसायटी माधवपुरम 40 मड़ैया निवासी गोमती देवी ने बताया है कि उनकी बस्ती से सटी पॉश कॉलोनी में रहने वाला एक व्यक्ति मोहल्ले की बहू बेटियों को अपनी छत से नहाते हुए देखता था। उसके 35 वर्षीय पुत्र जितेंद्र उर्फ कल्लू ने पॉश कालोनी में रहने वाले उक्त व्यक्ति की इस कारगुजारी का विरोध किया था। इसी बात की खुन्नस को लेकर उक्त व्यक्ति ने उसके बेटे को चोरी के झूठे मुकदमे में फंसा दिया। कल्याणपुर थाने की पुलिस 14 नवंबर को उनके घर पर दबिश देते हुए उसके बेटे कल्लू को हिरासत में लेकर थाने चली गई। जहां उसकी जमकर पिटाई की गई। सोमवार की देर रात जब कल्लू की बहन मानसी अपने भाई को खाना देने के लिए थाने पहुंची तो पुलिस ने हिरासत में लिए भाई को उसके सुपुर्द कर दिया। सोमवार की रात कल्लू की हालत बिगड़ गई। मंगलवार की सवेरे जब कल्लू को अस्पताल ले जाया जा रहा था तो उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। परिवारजनों ने कल्याणपुर थाना पुलिस के ऊपर कल्लू की हत्या लगाने का आरोप लगाते हुए थानेदार अशोक कुमार दुबे समेत अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की है। उधर मामले की जानकारी मिलते ही आसपास के लोगों में रोष उत्पन्न हो गया और उन्होंने युवक के शव को सड़क पर रखते हुए जाम लगा दिया। प्रदर्शनकारी लोगों का कहना है कि जब तक हत्यारोपी पुलिस वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी नहीं की जाती है, उस समय तक मृतक का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। उधर मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने डीसीपी पश्चिम को जांच करने के लिए मौके पर भेजा है। डीसीपी और एसीपी कल्याणपुर मौके पर पहुंचकर गुस्साए लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। अधिकारियों की ओर से आश्वासन दिया गया है कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करते हुए दोषी पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।