PM जन आरोग्य योजना ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में अहम निभायी भूमिका

PM जन आरोग्य योजना ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में अहम निभायी भूमिका

लखनऊ। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभायी है। योजना के चार साल के सफर के दौरान स्टेट हेल्थ एजेंसी साचीज ने 15 लाख से अधिक लोगों को मुफ्त इलाज का तोहफा देकर उनके परिवारों के जीवन में जगह बनाने का नेक काम किया है। इसके अलावा मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने में भी भूमिका निभाई है। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में यह बातें प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहीं।

स्टेट हेल्थ एजेंसी साचीज के तत्वावधान में एक्सेस हेल्थ संस्था के सहयोग से केजीएमयू के अटल बिहारी वाजपेयी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में चार साल में 2.16 करोड़ से अधिक लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड बनाया गया है। योजना के तहत प्रदेश में 15.18 लाख से अधिक लोगों ने मुफ्त चिकित्सा का लाभ उठाया है। योजना के लाभार्थियों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का मुफ्त इलाज मुहैया कराया जा रहा है। इस मौके पर बिल एंड मिलेंडा गेट्स फाउंडेशन के कंट्री लीड पब्लिक पालिसी एंड फाइनेंस डॉ. संतोष मैथ्यू ने कहा कि योजना को और सरल व सुविधाजनक बनाने की जरुरत है, ताकि जरूरत के वक्त बिना समय गंवाए आसानी से इलाज मिल सके। इस पर प्रमुख सचिव ने कहा कि उनके इस उपयोगी सुझाव पर गंभीरता से काम किया जाएगा ताकि स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच को आसान बनाया जा सके।

सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण रविन्द्र ने कहा कि कमजोर वर्ग के लिए शुरू की गयी यह योजना अपने उद्देश्य में पूरी तरह सफल हुई है। बीएमजीएफ जैसी संस्थाओं ने योजना के तहत लोगों की पहुँच को आसान बनाया है। इस अवसर पर साचीज की सीईओ संगीता सिंह ने आयुष्मान भारत योजना की चार साल की उपलब्धियों और आगामी योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एसआरएस बुलेटिन के अनुसार शिशु मृत्यु दर में चार अंक की गिरावट दर्ज की गयी है, इसमें 17 हजार उन शिशुओं की भी बड़ी भूमिका है, जिनका इलाज आयुष्मान भारत के तहत मुफ्त कराया गया। इसी तरह मातृ मृत्यु दर में भी 30 अंकों की गिरावट आई है। इसमें बड़ा योगदान प्रदेश की 21 हजार उन उच्च जोखिम वाली गर्भवती का भी रहा है, जिनका सुरक्षित प्रसव आयुष्मान भारत के तहत मुफ्त कराया गया है।

आयुष्मान भारत योजना के चार साल के सफ़र की उपलब्धियों पर एक्सेस हेल्थ और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग से प्रकाशित काफी टेबल बुक का विमोचन प्रमुख सचिव व अन्य ने किया। इसमें प्रदेश के सभी जिलों के योजना के लाभार्थियों की कहानी को शामिल किया गया है। इसके अलावा एवैल्युएशन रिपोर्ट का भी विमोचन किया गया ।

इस मौके पर बिल एंड मिलेंडा गेट्स फाउंडेशान के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. देवेन्द्र खंडैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की प्राथमिकता को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिल रही है। हाल ही में दिल्ली में आयोजित आरोग्य मंथन कार्यक्रम में आयुष्मान उत्कृष्ट पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

इस मौके पर 12 कैंसर सर्वाइवर्स को फलों की टोकरी और शाल देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा योजना के तहत लाभार्थियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने वाले पांच सरकारी अस्पतालों- केजीएमयू, जिला अस्पताल बांदा और अमरोहा, वाराणसी के सीएचसी हाथी बाजार और एफआरयू चोलापुर को सम्मानित किया गया। इसके अलावा पांच निजी चिकित्सालयों को भी सम्मनित किया गया। साचीज के पांच उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिनिधियों को भी इस मौके पर सम्मानित किया गया।

आयुष्मान भारत की चार साल की उपलब्धियां:

आयुष्मान कार्ड बने- 2.16 करोड़

आधार के साथ सत्यापित लाभार्थी- 92.1 प्रतिशत

आबद्ध चिकित्सालय - सरकारी - 1111

आबद्ध चिकित्सालय - प्राइवेट - 2045

जिनको मिला मुफ्त इलाज - 15.18 लाख

इलाज पर किया गया भुगतान- 1743.3 करोड़

कुल दावों का निस्तारण- 91 प्रतिशत

टर्शियरी केयर ट्रीटमेंट पर 736.16 करोड़ का भुगतान

(कैंसर- 221 करोड़, यूरोलाजी-87 करोड़, हृदय रोग-177 करोड़)

अन्य राज्यों में यूपी के लाभर्थियों के इलाज पर भुगतान- 296 करोड़ रुपये

epmty
epmty
Top