दर्दनाक- प्रवासी मजदूरों को घर के बदले मिल रही मौत

दर्दनाक- प्रवासी मजदूरों को घर के बदले मिल रही मौत

नई दिल्ली कोरोना काल में लगता है लोक डाउन के बाद मौत के आंकड़े कोरोनावायरस से मरने वालों से ज्यादा प्रवासी मजदूरों,कामगारों व गरीबों के होंगे । कोरोनावायरस से उत्पन्न हुई आपदा की स्थिति बयां कर रही है कि अगर कोई सबसे ज्यादा इस आपदा की मार झेलने वाला है तो वह है गरीब प्रवासी मजदूर। प्रवासी मजदूर व कामगार जो लॉक डाउन में अपने घरों के लिए निकले हैं उनकी स्थिति बेहद दयनीय है उनके पैरों में पड़े छाले उनका अंतहीन दर्द बयां कर रहे हैं, कोरोना काल में सबसे ज्यादा गरीबी की मार भी यही मजदूर झेलने वाले हैं। चुनावों में जो हर घर दहलीज पर पहुंचते हैं वह कम ही मदद के लिए आगे दिख रहे हैं। वोटों के लिए अपने साधन पर खाना खर्च देकर मजदूरों को लेकर आने वाले ताकतवर लोग अब क्यों नहीं गरीबों की मदद कर पा रहें हैं, मजदूरों की आह अब क्यों उनको महसूस नहीं हो रही है बड़ा सवाल है? और उस पर किसी जिलाधिकारी का संवेदनहीन बयान जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।

आए दिन विभिन्न जनपदों से सड़क दुर्घटनाओं में प्रवासी मजदूरों के मरने की खबरें दुखद है वह तो बस घर पहुंचना चाहते थे और मौत उन्हें अपने घर ले गई।

देश के विभिन्न हिस्सों से प्रवासी मजदूरों की एक्सीडेंट में मौत की खबरें आए दिन आ रही है आज औरैया से आई 24 प्रवासी मजदूरों की खबर झकझोर देने वाली है 15 मजदूरों के घायल होने की खबर है। बीते दिनों जालौन व बहराइच से भी प्रवासी मजदूरों की मौत की खबरें आई है।हाल के दिनों में पैदल घर के लिए निकले मजदूरों के साथ कई एक्सीडेंट की घटनाएं हुई हैं। दो दिन पहले मुजफ्फरनगर और मध्य प्रदेश के गुना में ऐसी ही घटनाएं हुई थी जिसमें कई मजदूर मौत के शिकार हुए और कई घायल हुए। शुक्रवार को एक घटना महोबा में सामने आई, महोबा जिले के झांसी-मिर्जापुर हाइवे पर शुक्रवार को गुजरात से झारखंड जा रहा मजदूरों से भरा ट्रक अनियंत्रित होकर हाइवे किनारे पलट गया। इस दुर्घटना में ट्रक पर सवार झारखंड के सभी 67 मजदूर बाल-बाल बच गए। तीन मजदूरों को चोटें आईं जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।

इससे पहले मुजफ्फरनगर में बुधवार देर रात 6 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई थी। मजदूरों को कुचलने वाले रोडवेज बस के ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया। मेडिकल रिपोर्ट में पता चला कि ड्राइवर नशे में था। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है पुलिस का कहना है कि बुधवार रात करीब 22.30 बजे रोहना टोल की तरफ आ रही रोडवेज बस आ रही थी।बस का ड्राइवर नशे में था और बस को तेजी से चला रहा था। पैदल घर जा रहे मजदूरों को बस ने रौंद दिया। इस हादसे में 6 मजदूरों की मौत हुई जबकि 4 मजदूर घायल हो गए दो की हालत गंभीर बताई गई है।ऐसा ही हादसा आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में हुआ। यहां पर 30 मजदूरों को ले जा रहा एक ट्रैक्टर हाई टेंशन पोल की चपेट में आ गया। इस हादसे में 9 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि कई घायल बताए गए हैं, घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

लग रहा है की प्रवासी मजदूरों के मौत के आंकड़े कोरोना से भी भयावह होने वाले हैं कोरोना काल ज्यादा तकलीफ दे भी प्रवासी मजदूरों वह कामगारों के लिए ही बनने वाला है। कोरोना वायरस से उत्पन्न हुई आपदा की घड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रवासी मजदूरों को सबसे पहले प्रदेश में लाने की पहल भी की थी व 10,000 बसे मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने में लगा दी गई थी व भारतीय रेलवे द्वारा स्पेशल श्रमिक रेल भी प्रवासी मजदूरों को घर तक पहुंचाने में लगाई गई थी परंतु लगता है कि सभी प्रयास अब प्रवासी मजदूरों व कामगारों की बड़ी समस्या के आगे घुटने टेक रहे हैं।सभी व्यवस्थाएं मजदूरों की जिंदगी की व्यवस्था को करने में फीकी लग रही है

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