खुली लूट मचाई-सर्जिकल आइटम का शोरूम एवं गोदाम सील

खुली लूट मचाई-सर्जिकल आइटम का शोरूम एवं गोदाम सील

बरेली। कोरोना संक्रमण की चारों तरफ फैलती रफ्तार की चपेट में आकर संक्रमित हो रहे लोगों के बीमार होने को आपदा में अवसर बनाते हुए लोग कालाबाजारी और मुनाफाखोरी में जुट गए हैं। लोगों की शिकायत पर एसडीएम की अगुवाई में पहुंची एफएसडीए की टीम को छापामार कार्यवाही में लाखों की कीमत का ऐसा माल मिला, जिसका कोई बिल नहीं था। टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सर्जिकल आइटम के शोरूम और गोदाम को सील कर दिया है। प्रशासन की इस बड़ी कार्रवाई से आपदा को अवसर में बदल रहे मुनाफाखोरों में हड़कंप मच गया है।

दरअसल महानगर के मेहता सर्जिकल स्टोर पर पिछले काफी समय से बड़े पैमाने पर मुनाफाखोरी किए जाने की शिकायतें प्रशासन को मिल रही थी। मेहता सर्जिकल स्टोर महानगर का सर्जिकल सामान बेचने वाला प्रमुख स्टोर माना जाता है। सर्जिकल स्टोर की कारगुजारी को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने भी कई जनप्रतिनिधियों द्वारा शिकायत की गई थी। शासन के निर्देशों पर जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने जीएसटी अधिकारियों से छापा मारने की योजना बनाने को कहा। लेकिन जीएसटी विभाग में ज्यादातर अधिकारी कोरोना से संक्रमित हैं। जिसके चलते एसडीएम सदर विशु राजा की अगुवाई में एफएसडीए की टीम को छापामार कार्रवाई का जिम्मा सौंपा गया। जिलाधिकारी के आदेशों के बाद गठित की गई टीम डीडी पुरम स्थित मेहता सर्जिकल स्टोर पर छापामार कार्रवाई करने के लिए पहुंची। सर्जिकल स्टोर पर पहुंचकर टीम ने जांच पड़ताल शुरू की तो लाखों रुपए की कीमत का ऐसा स्टाॅक मिला। जिसके बिल उसके मालिक अजय मेहता और सुशांत मेहता टीम को उपलब्ध नहीं करा पाए। जांच पडताल के दौरान इस बात का भी खुलासा नहीं किया गया कि बरामद हुए सर्जिकल आइटम कहां से और किस मूल्य पर खरीदे गए हैं तथा किस मूल्य पर बेचे जा रहे हैं। कारोबार का कोई भी लेखा-जोखा शोरूम मालिक के पास नहीं मिला। भारी अनियमितताये मिलने पर टीम द्वारा स्टोर व गोदाम को सील कर दिया गया। औषधि निरीक्षक उर्मिला वर्मा ने देर शाम मामले की रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी है। बताया जा रहा है कि मेहता सर्जिकल स्टोर पर जांच पडताल कर रही एफएसडीए की टीम जब शोरूम की ऊपरी मंजिल पर पहुंची तो वहां पर कई कर्मचारी पीपीई किट और दूसरे सामान को मूल पैकिंग से निकालकर दोबारा से पैक करते हुए मिले। इस दौराज सौ रूपये की पीपीई किट पर 19 सौ रूपये कीमत का लेवल लगाया जा रहा था। एसडीएम ने सर्जिकल स्टोर मालिक से जब इस कारगुजारी का कारण पूछा तो उसने इधर-उधर की बताते हुए बहानेबाजी शुरू कर दी। एसडीएम सदर विशु राजा ने बताया कि मेहता सर्जिकल पर एफएसडीए के छापे में काफी गड़बड़ियां मिली है। सामान कितने में खरीदा और कितने में बेचा, इसका कोई हिसाब किताब मालिक के पास नहीं मिला है। बड़े स्तर पर टैक्स चोरी का मामला भी सामने आया है। प्रशासन इस मामले में सख्त कार्यवाही करेगा।

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