मुजफ्फरनगर में हुए दंगे के नौ आरोपी बरी-2013 में हुआ था हमला

मुजफ्फरनगर में हुए दंगे के नौ आरोपी बरी-2013 में हुआ था हमला

मुजफ्फरनगर। वर्ष 2013 में जनपद में हुए सांप्रदायिक दंगों से जुड़े दो अलग-अलग मुकदमों में न्यायालय ने संदेह का लाभ देते हुए आरोपी बनाए गए नौ लोगों को बरी कर दिया है। दोनों मुकदमों की सुनवाई के दौरान वादी मुकदमा और चश्मदीद गवाह अपने बयान से मुकर गए। अभियोजन की याचना पर न्यायालय ने सभी को पक्षद्रोही घोषित कर दिया।




दरअसल वर्ष 2013 के दौरान जनपद में हुए सांप्रदायिक दंगों में जनपद के गांव फुगाना निवासी नकली उर्फ रफीक ने वर्ष 2013 की 21 सितंबर को थाने पर मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि वर्ष 2013 की 8 सितंबर को गांव के ही सचिन पुत्र नारायण, योगेश पुत्र नरेंद्र, सतेंद्र पुत्र चरण सिंह, सनी पुत्र महेश सिंह एवं मनोज पुत्र राजपाल ने दर्जनों अज्ञात लोगों के साथ मिलकर उनके घर पर हमला बोल दिया था। आरोपियों ने भाले, बल्लम तथा तमंचों से वार करते हुए उसे एवं उसके परिवार के सदस्यों को घायल कर दिया था। आरोपियों ने इस दौरान उनके साथ मारपीट भी की थी और नगदी एवं जेवरात लूट लिए थे। आरोपियों ने घर में आग लगाकर तकरीबन 1500000 रुपए की संपत्ति फूंक दी थी। यह प्रकरण काफी चर्चाओं में भी रहा था। एक अन्य दूसरे मामले में गांव बहावड़ी निवासी कामिल ने गांव के ही हजारी पुत्र आशाराम, रामकुमार पुत्र आशाराम, अंकित पुत्र हजारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था कि आरोपियों ने अन्य अज्ञात लोगों के साथ मिलकर 8 सितंबर 2013 को उनके मकान पर हमला बोल दिया था। डकैती के बाद घर में आग लगाकर आरोपियों ने उनकी लाखों रुपए की संपत्ति फूंक दी थी। इस प्रकरण में पीड़ितों द्वारा कार्यवाही की मांग की गई थी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 6 के न्यायधीश बाबूराम ने दोनों मुकदमा की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पेश किए गए सबूत तथा गवाहों की ओर से दिए गए बयान के आधार पर विद्वान न्यायधीश ने संदेह का लाभ देते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया। दोनों मुकदमा की सुनवाई के दौरान वादी मुकदमा तथा चश्मदीद गवाह अपने बयान से मुकर गए। अभियोजन की याचना पर सभी को पक्ष द्रोही घोषित किया।

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