यूपी इस तरह का प्रमाण पत्र जारी करने वाला बना अग्रणी प्रदेश

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लखनऊ। स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा जनसामान्य की सुविधा के दृष्टिगत पंजीकृत लेख पत्र को एक पेज पर भी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है। इस प्रमाण पत्र की आवश्यकता के सम्बंध में शैक्षणिक संस्थानों द्वारा एवं पंजीकृत न्यास के न्यासियों द्वारा मांग की जा रही थी।

यह जानकारी प्रदेश के स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने दी। उन्होंने बताया कि प्रमाण पत्र हेतु पक्षकार को स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की वेबसाइट से आॅनलाइन आवेदन करना होगा। यह प्रमाण मात्र 100 रूपये शुल्क के रूप में सम्बंधित उप निबंधक कार्यालय में जमा करने के उपरांत उपलब्ध कराया जायेगा। वर्तमान में अचल सम्पत्ति से सम्बंधित वर्ष 2018 के उपरांत पंजीकृत लेखपत्रों का प्रमाण पत्र उपलब्ध है। वर्ष 2018 के उपरांत पंजीकृत अन्य विविध लेखपत्र से सम्बंधित प्रमाण पत्र को रजिस्टेªशन अधिनियम 1908 के अन्तर्गत अनुमन्य व्यक्तियों को ही उपलब्ध कराये जाएंगे। दूसरे चरण में क्रमशः पूर्ववर्ती वर्षों के पंजीकृत लेखपत्रों के प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराये जायेंगे।

स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि इस व्यवस्था के लागू होने से जन सामान्य को लाभ होगा। अब जहां भी पंजीकृत लेखपत्र को प्रस्तुत करना या उपयोग में लाना होगा, वहां अनेक पन्नों के लेखपत्र के स्थान पर एक ही पेज का प्रमाण पत्र लगेगा। उत्तर प्रदेश इस तरह का प्रमाण पत्र जारी करने वाला अग्रणी प्रदेश हो गया है। इससे सरकार तथा विभाग की छवि और उत्तम होगी।

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