मेरठ जोन शिखर पर कायम, 400 दिन में 40 बदमाशों का सफाया

मेरठ जोन शिखर पर कायम, 400 दिन में 40 बदमाशों का सफाया
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लखनऊ। यूपी में सत्ता परिवर्तन के साथ शुरू हुआ अपराध उन्मूलन अभियान अभी जारी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पुलिस लगातार बेहतरीन 'रिजल्ट' में जुटी है। मेरठ जोन अपराधियों का उन्मूलन करने में शिखर पर कायम है। मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार के 400 दिन के कार्यकाल में पुलिस ने 40 कुख्यात और शातिर बदमाशों को उनके अंजाम तक पहुंचाने का काम किया। हाल ही में सहारनपुर जनपद में यूपी से उत्तराखंड तक लूट, हत्या और अपहरण की वारदातों की घटनाओं के कारण दहशत का पर्याय बन चुके दो बड़े इनामी बदमाशों के एनकाउंटर ने मेरठ जोन पुलिस का मान और भी बढ़ाने का काम किया है।

बता दें कि मेरठ जोन यूपी में सत्ता परिवर्तन के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'आॅपरेशन क्लीन' में सूबे में आगे ही नहीं बल्कि सर्वश्रेष्ठ साबित हुआ है। मेरठ जोन में 15 जुलाई 2017 को अपर पुलिस महानिदेशक पद का कार्यभार ग्रहण करने वाले आईपीएस प्रशांत कुमार के नेतृत्व में जोन के हर जिले में अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया है। 400 दिन के कार्यकाल में मेरठ जोन में 40 कुख्यात बदमाशों का सफाया एडीजी प्रशांत कुमार की उत्कृष्ट कार्यशैली को साबित कर रही है। यही कारण है कि मेरठ जोन में बदमाश आने से भी घबराने लगे हैं, जिन बदमाशों ने पुलिस के इकबाल को चुनौती पेश करने का काम किया, पुलिस ने उनको यमलोक पहुंचाने में देर नहीं की। मेरठ जोन में पुलिस के 'आॅपेरशन क्लीन' की शुरूआत भले ही शामली जिले से हुई हो, लेकिन जोन के हर जिले में पुलिस अपराधियों और बदमाशों पर भारी पड़ी है। मेरठ जोन में एडीजी प्रशांत कुमार के निर्देशन में अपराधियों के खिलाफ चलाये गये अभियान में अब तक पुलिस ने 40 कुख्यात बदमाशों को मुठभेड़ में जौहर दिखाते हुए परलोक का टिकट काटकर कभी ना टूटने वाली नींद सुला दिया है। सहारनपुर पुलिस की इस कामयाबी के साथ ही मेरठ जोन में सहारनपुर परिक्षेत्र अब मेरठ परिक्षेत्र के बराबर आ खड़ा हुआ। इससे पहले मेरठ जोन में मारे गये 38 बदमाशों में से मेरठ परिक्षेत्र में 20 बदमाश मारे जाने के कारण सहारनपुर परिक्षेत्र पिछड़ रहा था, लेकिन दो 50 हजारी बदमाशों का अंत करने के बाद सहारनपुर और मेरठ परिक्षेत्र में 20-20 बदमाशों का खात्मा करने के साथ पुलिस बराबरी पर आ गयी है। इन 40 बदमाशों में 19 बदमाशों पर 50-50 हजार का इनाम घोषित किया गया था। एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार के 400 दिन के कार्यकाल में दिल्ली, यूपी, हरियाणा और उत्तराखण्ड पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुके कुख्यात माफिया बलराज भाटी, दिल्ली और यूपी पुलिस के लिए मोस्ट वांटेंड एक लाख के इनामी बदमाश शमीम, 50 हजार के इनामी बदमाशों में सुजीत भाटी, मंसूर उर्फ पहलवान, असलम बुंटा, बबेन्द्र चैधरी, सुमित गुर्जर, सोनू कुमार, सत्यवीर उर्फ सत्ता, अमित कलुवा, मोहन पासी, रवि सिंह, नितिन ठाकुर, फुरकान तितरवाडा, विकास जाट, रिहान, रमेश नानू, इन्द्रपाल, मुकीम काला गिरोह का अकबर और अब सहारनपुर में मारे गये ओमपाल और विक्की उर्फ सुमित के नाम शामिल हैं।

सहारनपुर पुलिस की फेहरिस्त में जुड़े 50 हजारी

सहारनपुर जनपद में रात लगभग दस बजे गांव सोराना निवासी खनन ठेकेदार उमेश गुर्जर अपने ट्रक चालक तुलसी के साथ बाइक पर किसी काम से गांव कलरी जा रहे थे। जैसे ही दोनों चीनी मिल रेलवे फाटक पार कर कलरी गांव की सड़क पर पहुंचे, तभी घात लगाए बदमाशों ने उन्हें घेर लिया। अपहरणकर्ताओं ने व्यापारी के परिजनों को फोन कर पांच लाख रुपये की फिरौती मांगी। उमेश के भाई बताते हैं कि पहले तो उन्होंने भाई के लौटने का इंतजार किया, लेकिन जब बदमाशों का फान आया तो वो घबरा गये और करीब रात दो बजे परिजनों ने सरसावा पुलिस को अपहरण तथा फिरौती मागने के बारे में सूचना दी। सरसावा थानाध्यक्ष आदेश त्यागी ने इस सम्बंध में एसएसपी और अन्य आला अधिकारियों को सूचना दी। एसएसपी के निर्देशन में बदमाशों की घेराबंदी के लिए सरसावा पुलिस के साथ कई टीमों को लगाया। एसएसपी उपेन्द्र अग्रवाल ने घटना की जानकारी डीआईजी शरद सचान के साथ ही एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार को दी। सूचना मिलने के साथ ही एडीजी रात से ही सहारनपुर पुलिस का मार्गदर्शन करने में जुट गये। पुलिस की मजबूत घेराबंदी का जल्द ही परिणाम सामने आया और बदमाशों को कलरी गांव के जंगलों में घेर लिया गया। यहां पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में दो बदमाश मारे गये। पुलिस ने अपहरताओं उमेश गुर्जर और उसके चालक तुलसी को सकुशल मुक्त करा लिया। इस एनकाउंटर में बदमाशों की गोली लगने के कारण सरसावा थाने की शाहजहांपुर पुलिस चौकी के इंचार्ज उप निरीक्षक रजनीश तोमर और सिपाही दुष्यंत शर्मा घायल हो गये थे। एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार के अनुसार, ''इस मुठभेड़ में मारे गये बदमाशों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। बदमाश ओमपाल पुत्र हजारी निवासी हसनपुर लुहारी थाना थानाभवन, जनपद शामली तथा सुमित उर्फ विक्की पुत्र प्रेमचंद निवासी जलालाबाद थाना थानाभवन जनपद शामली की पुलिस को काफी दिनों से तलाश थी। ये दोनों बदमाश उत्तर प्रदेश के कई जनपदों के साथ ही उत्तराखण्ड पुलिस के लिए भी सिरदर्द बन चुके थे। दोनों राज्यों में ये बदमाश अपहरण, फिरौती और हत्या की घटनाओं को लगातार अंजाम दे रहे थे।''

आदेश त्यागी ने सरसावा में भी काम से बनाई पहचान

सहारनपुर जनपद के सरसावा थाना की कमान संभाल रहे थानाध्यक्ष आदेश त्यागी ने अपने काम के बल पर पहचान बनाने में सफलता हासिल की है। आदेश त्यागी की इस कामयाबी का जश्न सहारनपुर में ही नहीं, बल्कि मुजफ्फरनगर में कुछ लोगों ने मनाया। आदेश त्यागी पूर्व में मुजफ्फरनगर में तैनात रहे। उन्होंने तत्कालीन एसएसपी दीपक कुमार के समय शहर कोतवाली क्षेत्र की पुलिस चैकी खालपार का प्रभारी रहते हुए गैर कानूनी कार्य करने वालों पर शिकंजा कसा। उनके द्वारा एसएसपी अनंत देव तिवारी के कार्यकाल में मुजफ्फरनगर स्वाट टीम में रहते हुए 50 हजार के इनामी कुख्यात बदमाश फुरकान तितरवाडा को बुढ़ाना पुलिस के साथ मिलकर मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। छपार थाना इंचार्ज रहते हुए भी उनके द्वारा अपराध उन्मूलन में बेहतर काम किया गया। क्षेत्र में पीड़ितों की समस्याओं के निराकरण के लिए वो हमेशा ही प्रयासरत रहे। यहां से उनका तबादला सहारनपुर जनपद में हो जाने पर तत्कालीन एसएसपी ने उनको नानौता थाने की जिम्मेदारी सौंपी, उसके बाद वर्तमान में वो सरसावा थानाध्यक्ष के रूप में तैनात हैं। यहां उनके द्वारा रेत-बजरी के ठेकेदार उमेश गुर्जर व उसके चालक तुलसी के अपहरण केस को जिस बेहतरीन रिजल्ट के साथ सुलझाया गया, उसको लेकर अफसरों में भी उनकी कार्यशैली को लेकर सकारात्मक विचार सामने आ रहे हैं। मुठभेड़ में पुलिस के हाथों दो बदमाशों का अंत होने के बाद एसएसपी सहारनपुर उपेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि थानाध्यक्ष सरसावा आदेश त्यागी ने पुलिस और ग्रामीणों की मदद से कॉल डिटेल के आधार पर गांव इब्राहिमी और कलरी के जंगल में बदमाशों की घेराबंदी की। हालांकि ये सफलता एक टीम वर्क रहा।

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