गोवंश को छोड़ने वालों पर विधिक कार्यवाही की जायेगी- मंत्री धर्मपाल सिंह

गोवंश को छोड़ने वालों पर विधिक कार्यवाही की जायेगी- मंत्री धर्मपाल सिंह

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि प्रदेश में अभियान चलाकर युद्ध स्तर पर निराश्रित गौवंश का संरक्षण का कार्य किया जाये। प्रथम चरण में अभियान के तहत गोरखपुर, बरेली एवं झांसी मण्डल में 10 सितम्बर से 25 सितम्बर तक निराश्रित गोवंश को संरक्षित किया जाये और उनके भरण-पोषण की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। पशुधन मंत्री ने किसानों एवं पशुपालकों से यह भी अपील की है कि गोवंश को छुट्टा न छोडे़। उन्होंने कहा कि यदि 25 सितम्बर के पश्चात इन तीनों मण्डलों के किसानों एवं पशुपालकों द्वारा गोवंश को छोड़ दिया जाता है तो उनपर विधिक कार्यवाही की जायेगी।

पशुधन मंत्री ने यह निर्देश आज यहां विधानभवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में निराश्रित गोवंश की अद्यतन स्थिति के संबंध में आहूत बैठक में दिये। उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंश का संरक्षण मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में है। उन्होंने अधिकारियों को सख्त रूप से निर्देशित करते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में चरणबद्ध रूप से अभियान चलाया जाए और निराश्रित गोवंश को गोआश्रय स्थलों में संरक्षित किये जाने में संवेदनशीलता बरती जाए, इसके साथ ही गोवंश के भरण-पोषण की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। अभियान के तहत निराश्रित गोवंश की दैनिक सूचना फोटो सहित मुख्यालय पर उपलब्ध कराई जायेगी। स्थानीय प्रशासन, मनरेगा एवं पंचायतीराज विभाग की सहायता से जनपदों में यथाशीघ्र अस्थायी गोआश्रय स्थल बनवाये जाए और विद्यमान गोआश्रय स्थलों का क्षमता के अनुरूप विस्तारीकरण कराया जाए।

मंत्री धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्रो में पशुओं में ईयर टैगिंग कराई जाए। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत चारागाह मुक्त भूमि की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की जाए और उसे चारागाह हेतु उपयोगी बनाया जाए। बाढ़ प्रभावित जनपदों में पशुओं के लिए पर्याप्त चारे-भूसे, औषधियों एवं संक्रामक रोगों से बचाव हेतु टीकाकरण की व्यवस्था कराई जाए। लम्पी स्किन रोग की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही की जाए।

बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, दुग्ध आयुक्त शशिभूषण लाल सुशील, पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक आनन्द कुमार, पशुधन निदेशालय के निदेशक डा0 इन्द्रमणि तथा अपर निदेशक गोधन डा0 जे0के0 पाण्डेय उपस्थित थे।

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