कवाल का शाहनवाज हत्याकांड- कोर्ट में सुनवाई शुरू-दर्ज हुए...

कवाल का शाहनवाज हत्याकांड- कोर्ट में सुनवाई शुरू-दर्ज हुए...
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मुजफ्फरनगर। वर्ष 2013 में जानसठ कोतवाली क्षेत्र के गांव कवाल में हुए गौरव, सचिन व शाहनवाज की हत्या के मामले में शाहनवाज हत्याकांड की सुनवाई कई वर्षों बाद शुरू हो गई है। वादी मृतक के पिता सलीम द्वारा आज कोर्ट में अपने बयान दर्ज कराए गए हैं।

बृहस्पतिवार को वर्ष 2013 की 27 अगस्त को जानसठ कोतवाली क्षेत्र के गांव कवाल में हुई गौरव, सचिन एवं शाहनवाज की हत्या की घटना में शाहनवाज की मौत मामले की सुनवाई कई वर्षों के बाद एडीजे सप्तम शक्ति सिंह की अदालत में शुरू हुई। मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश शक्ति सिंह ने वादी के बयान दर्ज होने के बाद अब बचाव पक्ष की जिरह के लिए 18 जुलाई की तिथि निर्धारित की है।

उल्लेखनीय है कि गांव कवाल में हुए गौरव, सचिन और शाहनवाज की हत्या के बाद शासन की ओर से गठित की गई एसआईटी की जांच के बाद अदालत में दाखिल किए गए आरोप पत्र को आधार बनाते हुए वर्ष 2018 में 7 लोगों को उम्र कैद की सजा हो चुकी है, जबकि शाहनवाज के मामले में 6 आरोपियों को यह कहते हुए क्लीनचिट दे दी गई थी कि शाहनवाज को मारने वाले गौरव एवं सचिन की पहले ही मौत हो चुकी है।

एसआईटी की इस रिपोर्ट को मृतक शाहनवाज के पिता सलीम की ओर से अदालत में चुनौती दी गई थी, जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए पीड़ित को निजी दावा दायर करने का आदेश वर्ष 2018 की 30 मई को दिया था।

उसके बाद वादी सलीम ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए अपना दावा दायर किया था। जिसमें आरोपी बनाए गए रविंद्र, प्रहलाद, बिशन, तेंदू, देवेंद्र एवं जितेंद्र के खिलाफ सुनवाई एडीजे सप्तम की अदालत में शुरू हो गई है।

अदालत में दाखिल किए गए परिवाद के मुताबिक मृतक शाहनवाज के पिता कवाल निवासी सलीम ने आरोप लगाया है कि वर्ष 2013 की 27 अगस्त को उसके बेटे शाहनवाज उर्फ कलुआ की गौरव की बाइक के साथ टक्कर हो गई थी। इस पर गौरव उसके बेटे शाहनवाज को मारने की धमकी देकर चला गया था।

बाद में आरोपी गौरव एवं सचिन अपने छह अन्य आरोपियों के साथ उसके घर में घुस गये और वह शाहनवाज को खींचकर बाहर ले गए। सभी के पास हथियार थे और उन्होंने गंभीर चोट देकर शाहनवाज की हत्या कर दी।

यहां पर यह भी गौरतलब है कि जानसठ कोतवाली क्षेत्र के गांव कवाल में गौरव, सचिन और शाहनवाज की मौत के बाद जनपद मुजफ्फरनगर और इसके पड़ोसी जिलों में तनाव हो गया था और मुजफ्फरनगर में 2013 में हुए दंगे में 60 से अधिक लोगों की जान चली गई थी, जबकि अनेक लोग बेघर भी हुए थे।

इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल जिंदल एवं वादी की ओर से एसएमसी जैदी आदि पैरवी कर रहे हैं।

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