महिलाओं को प्रशिक्षित और जागरूक किया जाना आवश्यक- सांसद प्रदीप

महिलाओं को प्रशिक्षित और जागरूक किया जाना आवश्यक- सांसद प्रदीप

शामली। प्रधानमंत्री द्वारा आपदा जोखिम न्यूनीकरण के सम्बंध में उद्घोषित 10 सूत्रीय एजेण्डे के अन्तर्गत तृतीय एजेण्डा ‘‘आपदा जोखिम प्रबंधन में महिलाओं का नेतृत्व तथा व्यापक सहभागिता का केन्द्रीकरण‘‘ पर मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में ‘‘महिला स्वयं सहायता समूहों की आपदा जोखिम न्यूनीकरण में भूमिका‘‘ विषय पर उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण,शामली की सहभागिता में आयोजित एक दिवसीय मण्डल स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सिटी ग्रीन्स दिल्ली रोड शामली में किया गया।

आयोजित कार्यक्रम का कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ, उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल आर पी साही अति विशिष्ट सेवा मेडल (ऑनलाइन माध्यम से),यहां सांसद कैराना प्रदीप चौधरी, एमएलसी रविंद्र सिंह,भाजपा जिलाध्यक्ष तेजेंद्र निर्वाल, जिलाधिकारी रविंद्र सिंह, अपर जिलाधिकारी संतोष कुमार सिंह द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। इसके उपरांत सभी अतिथियों द्वारा मंगलवार के चलते हनुमान मूर्ति के समक्ष पंडित द्वारा पूजा अर्चना की गई और प्रसाद ग्रहण किया।


इस अवसर पर उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल आर पी साही अति विशिष्ट सेवा मेडल ने बताया कहा कि महिलाये परिवार की प्रथम शिक्षक होती है और उन्हें आपदा प्रबंधन के न्यूनीकरण के संबंध में इनसे बेहतर कोई दूसरा ब्रांड एम्बेसडर नहीं हो सकता क्योंकि महिलाये न केवल अपने बच्चे, परिवार अपितु समाज में जागरूकता फैला सकती हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के 10 सूत्री एजेंडे के तीसरे बिन्दु ष्आपदा जोखिम प्रबंधन में महिलाओं का नेतृत्व तथा व्यापक सहभागिता में भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है।ष् आपदा प्रबंधन के विभिन्न चरणों एवं गतिविधियों के कुशल संचालन में महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता के रूप मे प्रशिक्षित करते हुए सम्पूर्ण समुदाय को जागरूक और प्रशिक्षित कर विभिन्न आपदाओं से होने वाली जन-धन एवं पर्यावरण की हानियों को न्यूनतम किया जा सकता है।

आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद कैराना प्रदीप चौधरी ने कहा कि महिलाये ऊर्जा से भरपूर दूरदर्शी उत्साह और प्रतिबद्धता के साथ सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं और उन्होंने कहा कि मा० मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के क्रम में प्रदेश में आपदा प्रबंधन योजनाओं को ग्राम स्तर पर क्रियान्वित किए जाने के लिए महिलाओं की भागीदारी तथा नेतृत्व को प्रोत्साहित करते हुए उन्हे प्रशिक्षित और जागरूक किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि दुर्घटना के समय यदि कोई एक प्रशिक्षित व्यक्ति होता है तो समय से उस आपदा को कंट्रोल किया जा सकता है। सांसद जी ने अपने संबोधन में कोरोना के समय में स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ आशाओं, आंगनबाड़ी और अन्य महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका बताई जिस कारण कोरोना को पैर नहीं पसारने दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में महिलाओं को सशक्त बनाया जा रहा है और देखा जाए तो विभिन्न सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही है। उन्होंने उपस्थित समूह की महिलाओं से लक्ष्य को लेकर हौसले के साथ आगे बढ़ाने की बात की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बहुत सी व्यवस्था ऐसी है जो पहले देखने को नहीं मिलती थी पहले गैस का कनेक्शन लेने के लिए भी मारामारी थी ओर घंटों तक लाइन में खड़ा रहना पड़ता था आज घर, मोहल्ले में गैस की गाड़ी पहुंच रही है,विद्युत व्यवस्था,कानून व्यवस्था दुरुस्त हुई है यह डबल इंजन की सरकार का कमाल है।

आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एमएलसी वीरेंद्र सिंह अपने संबोधन में कहा कि एक वक्त था जब महिलाओं को घर से निकलने में भी संकोच होता था पिछले कई वर्षों में वर्तमान सरकार ने एक अभियान चलाकर महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य किया है। जिसका परिणाम है कि आज जनपद में 60 हजार से ज्यादा महिलाएं समूह से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आयोजित इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के माध्यम से समाज को इसका लाभ होगा।

आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष तेजेंद्र निर्वाल ने अपने संबोधन में कहा कि आपदा प्रबंधन में पहला सामना घर में रहने वाली महिला को ही करना पड़ता है। इनके नेतृत्व में आपदा प्रबंधन की टीम बनेगी और ग्रामों में प्रशिक्षण बढ़ेंगे जिसका लाभ होगा। उन्होंने कहा कि अधिकतर क्षेत्र में आज महिला आगे आ रही हैं। समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति को लाभ मिले यही सरकार की मंशा है।

आयोजित कार्यक्रम के अवसर अपर जिलाधिकारी संतोष कुमार सिंह ने कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि देश और प्रदेश में अनेकों प्रकार की आपदाएं आती है जिसको लेकर सरकार ने विशेष ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने बताया कि आपदा से निपटने के लिए क्या सीख लेनी चाहिए इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य यही है। संतोष कुमार सिंह ने बताया कि जनपद में 500 आपदा मित्रों द्वारा लखनऊ में प्रशिक्षण प्राप्त किया गया है। जिससे जनपद में कोई भी आपदा आती है तो उससे निपटाने का काम करेंगे। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की परियोजना निदेशक, डॉ कनीज फातिमा द्वारा महिला सशक्तिकरण एवं आर्थिक संभलता पर विस्तृत चर्चा की गई। बताया कि प्रदेश में इस कार्यक्रम की शुरुआत ललितपुर से हुई ह।

प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर ट्रैनिंग प्रवीन किशोर द्वारा सभी प्रतिभागियों को उपलब्ध कराई गई प्रशिक्षण पुस्तिका एवं जन-जागरूकता हेतु तैयार सर्पदंश, आकाशीय बिजली, भूकंप एवं लू प्रकोप विषयक शॉर्ट फिल्म के माध्यम से ष्क्या करें व क्या न करें पर विस्तृत चर्चा की गई। प्रशिक्षण में राष्ट्रीय स्तर के वक्ता डॉ मजहर राशिदी द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों की आपदा जोखिम न्यूनीकरण में भागीदारी तथा यूनिसेफ से अंकिता पढालनी द्वारा विभिन्न उधाहरणों के माध्यम से महिलाओं की आपदा के दौरान प्रथम उत्तरदाता के भूमिका पर बल दिया गया।

आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर सभी अतिथियों का जिला प्रशासन द्वारा अंग वस्त्र व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। वही प्रशिक्षण के प्रश्नोत्तर सत्र में सही उत्तर देने वाली 15 महिलाओं को पुरस्कार प्रदान किया गया।

इस अवसर पर जिलाधिकारी रविन्द्र सिंह, मुख्य विकास अधिकारी रंजीत सिंह, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) संतोष कुमार सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजय अग्रवाल, डिप्टी कलेक्टर अर्चना, पूर्वा, उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के परियोजना निदेशक डॉ कनीज फातिमा, प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर ट्रैनिंग प्रवीन किशोर, प्रोजेक्ट एक्सपर्ट प्रियंका द्विवेदी, अग्रिमा सिंह, अतिथि वक्ता डॉ मजहर रशीदी, यूनिसेफ से स्टेट कन्सल्टन्ट अंकिता पढ़ालनी, जनपदों के आपदा विशेषज्ञ नेहा दुबे, पंकज मिश्र, प्रशांत श्रीवास्तव, ओमकार चतुर्वेदी समेत सहारनपुर, शामली और मुजफ्फरनगर जनपद से आई हुई स्वयं सहायता समूहों की लगभग 300 महिलायें उपस्थित थी। कार्यक्रम का संचालन अनुराग शर्मा द्वारा किया गया।

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