मंत्री के बुलाने पर लेट पहुंचे अफसर पर उद्योगपतियों का फूटा गुस्सा

मंत्री के बुलाने पर लेट पहुंचे अफसर पर उद्योगपतियों का फूटा गुस्सा

मुजफ्फरनगर। बिना किसी तरह की चेतावनी, निशानदेही या नोटिस के औद्योगिक इकाइयों की दीवार तोड़ने वाले सिचाई विभाग के लेट लतीफ अधिकारियों की उद्यमियों ने जमकर क्लास लेते हुए उनके ऊपर अपना गुस्सा उतारा। उत्तर प्रदेश के व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए एक कमेटी गठित कर मामले के निस्तारण का उसे भार सौंपा है।

मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार के व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मिशन विभाग मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने आईआईए एवं फेडरेशन के पदाधिकारियों की शिकायत पर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में बुलाया था। मनमाने ढंग से औद्योगिक इकाइयों की दीवार को अतिक्रमण बताते हुए उन्हें बिना किसी निशानदेही और बिना किसी नोटिस के बुलडोजर की सहायता से बीते सप्ताह तोड़ देने वाले सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता जब सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में आयोजित की गई बैठक में लेटलतीफी दिखाते हुए देर से पहुंचे तो उद्यमियों का उनके ऊपर गुस्सा फूट पड़ा। इस दौरान सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने मार्च 2020 को मंत्री कपिल देव अग्रवाल को लिखा गया एक पत्र जिसमें पूर्व में राजबाहें की जमीन को चिन्हाकिंत करवा कर यदि अतिक्रमण है तो उसे हटवाने में सहयोग करने की बात कहीं गई थी दिखाया।

मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने जब सिंचाई विभाग के अधिकारी से पूछा कि आप इस पत्र के सम्बंध में कभी मुझसे या उद्यमियों से या ज़िलाधिकारी से मिले तो उन्होंने उत्तर में गोलमोल बातें करनी शुरू कर दी। अधिशासी अभिंयता झूठे आरोप लगाते हुए कहने लगे कि मैंने सब को बता रखा है। इस बाबत न्यायालय में वाद लम्बित है। कहने पर भी उन्होंने कहा होता रहे, स्टे नहीं है हम नहीं मानते। अधिशासी अभिंयता ने कहा कि मैंने विभागीय मजिस्ट्रेट व श्रम विभाग को तीन दिन पहले ज़मीन नपवाने व चिह्नांकित कर सम्बंधित उद्योग को बताने भेजा था। इस पर सभी उद्यमी आक्रोशित हो गए और झूठ बोलने, मनमानी व हठधर्मी करने वाले अधिशासी अधिकारी से भिड़ गए। इस दौरान मौक़े पर गए मजिस्ट्रेट व श्रम विभाग के अधिकारी को बुलाया गया तो वह भी कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए। झूठ पकड़े जाने पर सिचाई विभाग के अधिकारी वहाँ से यह कह कर चल दिए कि मंत्री जी मै आपसे घर आ कर मिल लूँगा। परंतु उद्यमियों के साथ नहीं बैठूँगा। इस बात पर उद्यमियों का ग़ुस्सा फूट गया और वह अधिशासी अभियंता के ऊपर उबल पडे।

मामला ज्यादा आगे बढने पर व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मिशन विभाग मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने दोनों पक्षों को शांत करते हुए कहा कि ज़िलाधिकारी से इस संबंध में बात करके एक कमेटी बना देते है। जिसमें प्रशासनिक अधिकारी, एसोसिएशन पदाधिकारी, सिंचाई विभाग व राजस्व विभाग के अधिकारी होंगे, जो इस प्रकरण को समझकर उचित कार्यवाही कराएँगे। कमैटी का निर्णय आने तक सिंचाई विभाग कोई कार्यवाही नहीं करेगा। मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने जब अधिकारी से पूछा आपके हिसाब से कितना अतिक्रमण है तो वह कोई जवाब नहीं दे सके और बोले किसी का 6 इंच है, किसी का 1 फुट। जबकि उद्यमियों का कहना था कि हमने कोई अतिक्रमण नहीं किया है। मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने इस कार्यवाही पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की। उसके बाद उद्यमियों का ग़ुस्सा शांत हुआ व मंत्री कपिल देव अग्रवाल का आभार व्यक्त किया। बैठक में लघु उद्योग प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक कुशपुरी, आईआईए के चेयरमैन विपुल भटनागर, फ़ेडरेशन अध्यक्ष रजनीश, नीलकमल पुरी, पंकज जैन, राकेश जैन, संजय गुप्ता, अंकुर गर्ग, मोहन लाल बंसल, राजेश जैन, सुमित आदि उद्यमी उपस्थित रहे।





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