रुपयों के लेन-देन में राज्य स्तरीय पहलवान को घर से बुलाकर गोली से उड़ाया

रुपयों के लेन-देन में राज्य स्तरीय पहलवान को घर से बुलाकर गोली से उड़ाया

बागपत। फोन करते हुए घर से बुलाए गए राज्य स्तरीय पहलवान की गांव के बीचोबीच गोली मारकर हत्या कर दी गई है। पहलवान का शव और उसकी बाइक गांव में ही रास्ते में सड़क किनारे खड़ी मिली है। मामले का पता चलते ही गांव में हंगामा खड़ा हो गया। सूचना मिलने के बाद गांव में पहुंची पुलिस ने हंगामा कर रहे ग्रामीणों को शांत करते हुए मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। घटना के संबंध में मृतक पहलवान की मां ने गांव के ही एक युवक के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि 20000 रूपयों के लेनदेन को लेकर गांव के ही युवक ने भाड़े के हत्यारों के सहारे राज्य स्तरीय पहलवान की हत्या कराई है। हत्या की इस वारदात से गांव में तनाव बना हुआ है, जिसके चलते अभी तक गांव में पुलिस तैनात है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा ताबड़तोड़ दबिश दी जा रही है।

छपरौली थाना क्षेत्र के बदरखा गांव में शनिवार की रात किसी ने संदीप को फोन करके बुलाया था। उसके बाद गांव के बीच में ही संदीप की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। संदीप का शव खड़ी हुई बाइक पर पड़ा मिला था, जिसके बाद हंगामा हो गया था। संदीप की मां ने रूपयों के लेनदेन के विवाद में हत्या का आरोप लगाते हुए गांव ही एक युवक पर हत्या का आरोप लगाते हुए नामजद मुकदमा दर्ज कराया है।

बताया कि उसका बेटा संदीप बंजारा गांव के ही काला उर्फ अनिल पुत्र भगत के साथ दिल्ली में साझेदारी में कोई काम करता था। कुछ दिन पहले दोनों ने साझेदारी में काम करना बंद कर दिया था। काला ने उसके बेटे संदीप की ओर हिसाब के 20 हजार रुपए निकाले थे। पीड़िता ने बताया कि पांच दिन पहले काला उसके घर आया और उसे धमकी देते हुए कहा कि या तो अपने बेटे से उसके 20 हजार रुपए दिलवा दे, अन्यथा वह उसे जान से मार देगा।

उधर, गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस ने आरोपितों को पकड़ने के लिए दबिश दी, लेकिन आरोपित पुलिस की पकड़ में नहीं आ सके। एसपी बागपत नीरज कुमार जादौन का कहना है कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीम लगा दी गयी है, जल्द उन्हें पकड़ लिया जाएगा

संदीप राज्य स्तरीय पहलवान था और उसने राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता था। संदीप का बाबा भी पहलवान था। हालांकि कई साल से संदीप कुश्ती से दूर था और दिल्ली में रहकर कोई काम कर रहा था।





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