नहीं दिलाए बाइक मोबाइल तो युवक ने किया ऐसा काम- मचा कोहराम

नहीं दिलाए बाइक मोबाइल तो युवक ने किया ऐसा काम- मचा कोहराम

गाजियाबाद। बेटे की डिमांड पर जब मां ने नया मोबाइल और बुलेट बाइक दिलाने से इंकार कर दिया तो युवक ने आत्मघाती कदम उठाते हुए फांसी के फंदे पर झूलकर अपनी जीवन लीला को समाप्त कर लिया। जिद्दी टाइप के हो चुके युवक ने तकरीबन 1 साल पहले साइकिल नहीं दिलाने पर नींद की गोलियां खा ली थी।

महानगर के इंदिरापुरम थाना इंस्पेक्टर देव पाल सिंह ने बताया है कि महानगर की शिप्रा सनसिटी फेज-1 में सुषमा अपने दो बेटों पीयूष और पारस के साथ फ्लैट में रह रही है। नोएडा के सेक्टर 60 की निजी कंपनी में काम करने वाला पीयूष घर की रोजी रोटी चला रहा है, जबकि लकवा होने की वजह से छोटे बेटे पारस ने ग्यारहवीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी।

सोमवार की रात तकरीबन 8.00 बजे मां ने जब उसे आवाज लगाई तो उसने कमरे के भीतर से दरवाजा नहीं खोला। मां ने खिड़की से अंदर झांककर देखा तो पारस फांसी के फंदे पर झूल रहा था। सूचना पाते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर फांसी के फंदे पर झूल रहे पारस को नीचे उतारा। उस समय तक उसकी मौत हो चुकी थी।

पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस द्वारा की गई जांच में पता चला है कि पारस अपनी मां से नए मोबाइल और बुलेट बाइक की डिमांड कर रहा था, लेकिन आर्थिक हालात सही नहीं होने की वजह से मां यह सब चीजें दिलाने से इंकार कर दिया था।

बताया जा रहा है कि तकरीबन 1 साल पहले पारस ने साइकिल नहीं दिलाने पर नींद की गोलियां खा ली थी।

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