लागू नहीं हुई शराबबंदी तो 30 जनवरी से आमरण अनशन

लागू नहीं हुई शराबबंदी तो 30 जनवरी से आमरण अनशन

लखनऊ। शराबबंदी संयुक्त मोर्चा एवं शराबबंदी संघर्ष समिति के संयुक्त तत्वाधान में गांधी जयंती के मौके पर गांधी प्रतिमा के नीचे किए गए 24 घंटे के आमरण अनशन की समाप्ति पर सरकार को दो टूक चेतावनी दी गई है कि यदि उत्तर प्रदेश के भीतर तुरंत ही सरकार की ओर से पूर्णतः शराबबंदी लागू नहीं की गई तो समिति राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बलिदान दिवस 30 जनवरी से आमरण अनशन शुरू कर देगी।

राजधानी लखनऊ में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर उत्तर प्रदेश में पूर्ण रूप से शराबबंदी किए जाने की मांग को लेकर शराबबंदी संयुक्त मोर्चा एवं शराबबंदी संघर्ष समिति के संयुक्त तत्वाधान में 24 घंटे का आमरण अनशन गांधी भवन लखनऊ में गांधी प्रतिमा के नीचे किया गया। इस अनशन के कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से पूर्ण शराबबंदी की मांग को रखते हुए 5 सूत्रीय ज्ञापन सरकार को दिया गया। इस मौके पर शराबबंदी संघर्ष समिति के अध्यक्ष मुर्तजा अली, रोहित अग्रवाल, फैजुद्दीन सिद्दीकी, पी सी कुरील, मोहम्मद फहीम, आर बी लाल, नेशनल यूथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार ने उत्तर प्रदेश सरकार से सारी बुराइयों की जननी शराब पर पूरी तरह से पाबंदी की मांग की है। शराबबंदी संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संयोजक और राष्ट्रीय संरक्षक सुल्तान सिंह और स्वामी संतोष आनंद ने उत्तर प्रदेश के आगामी 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ने वाली सभी पार्टियों से शराबबंदी में सहयोग की अपील की।

उन्होंने पूरे प्रदेश में शराबबंदी के लिए आंदोलन को तेज करने के लिए लोगों से आग्रह किया। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के सभी जिलों से आये शादाब सिद्दीकी, सैयद रिहान ,वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता हुस्नआरा जी, इंसानियत वेलफ़ेयर सोसाइटी के अध्यछ क़ुदरतउल्लाखान, टीम केयर इंडिया एंड रिसर्च फाउंडेशन के अध्यछ शहज़ादे कलीम,जावेद ,शाहिद सिद्दीकी, फहद सिद्दीकी राजेश्वर मिश्रा, फिरोज, खुर्शीद, वरिष्ठ अधिवक्ता युसूफ सिद्दीकी , प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष बदरुल हसन साहब ,मोहम्मद फरहान, फहद सिद्दीकी, सेठपाल सिंह शाहजहांपुर, सूरज सिंह, अरविंद पाठक, विनय भास्कर आदि प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

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