आईएएस दिनेश सिंह ने चलाया अभियान, 44914 किसानों को दिलाई विरासत

आईएएस दिनेश सिंह ने चलाया अभियान, 44914 किसानों को दिलाई विरासत

लखनऊ। कानून व्यवस्था में जमीनी विवाद काफी अड़चन पैदा करते हैं। मृतक किसान के वारिस जमीन का हक पाने के लिए वैध दस्तावेजों और पारिवारिक विवाद से दूर रहते हुए भी निचले स्तर के अफसरों व कर्मचारियों की गैर जिम्मेदारी का शिकार होकर पीड़ित बन दर दर की ठोंकरे खाने को विवश हो जाते हैं। इससे ना तो उनको जमीन का अपना हक मिल पाता है और ना ही पात्रता होने के बाद भी सरकारी योजना का लाभ, ऐसे में यह वारिस निराश के अंधियारे में भटकते हैं, लेकिन जनपद जौनपुर में जिलाधिकारी आईएएस दिनेश कुमार सिंह ने ऐसे वारिसों के जीवन से अंधेरा दूर करने का काम किया है। उन्होंने जनपद जौनपुर में बड़ा अभियान चलाकर एक ही झटके में करीब 50 हजार लोगों को वारिस होने का अधिकार दिलाने के साथ ही उनके लिए सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने के बंद रास्तों को भी खोला है।


वर्तमान में जनपद जौनपुर में जिलाधीश की जिम्मेदारी निभा रहे आईएएस दिनेश कुमार ने एक अनूठा काम किया है, जिसके चलते किसान परिवारों के बीच खुशी छाई है। इस जनपद में 3442 राजस्व गांव में अविवादित मामलों में वरासत दर्ज करने का अभियान 15 नवंबर से 31 जनवरी तक चलाया गया। इस अभियान में 44914 लोगों के नाम मृतक काश्तकारों के स्थान पर अविवादित मामलों में खतौनी में दर्ज किए गए।

जौनपुर में डीएम दिनेश कुमार सिंह अपने इस सराहनीय अभियान को लेकर बताते हैं, ''16 अक्टूबर 2019 को मेरे द्वारा इस जनपद में कार्यभार ग्रहण किया गया था। अपने कार्यालय में जनसमस्याओं को सुनने के दौरान कुछ लोगों ने इस प्रकार की शिकायतें की थी कि 15 व 20 सालों पूर्व मृत हुए लोगों के वारिसों के नाम जनपद में आज तक भी खतौनी में दर्ज नहीं हुए हैं। इन शिकायतों को गंभीरता से लिया गया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के दिशा निर्देशों के अन्तर्गत गरीबों को कोई परेशानी ना हो, उनके कार्य आसानी से हो को दृष्टिगत रखते हुए जनपद में ऐसे अविवादित मामलों में वारिसों का नाम दर्ज करने का एक वृहद अभियान चलाया गया।'' वे कहते हैं, ''मुझे खुशी है कि राजस्व विभाग के सभी कर्मचारियों ने अथक परिश्रम करके इस ढाई माह के अभियान में गांव गांव जाकर ऐसे वारिसों की तलाश की और हम 44914 लोगों के नाम खतौनी में दर्ज कराने में सफल हो पाये। कंप्यूटरीकृत खतौनी निकालकर मंत्री गिरीश चन्द्र यादव, विधायक, सांसद के द्वारा ब्लाॅक स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन करते हुए वितरण कराया गया। शेष बचे लोगों को प्रशासन के स्तर पर नवीन खतौनी की प्रतियां इन वारिसों के घरों पर वितरण करने का कार्य किया गया। यह वितरण उप जिलाधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसीलदार तथा कानूनगो व लेखपाल के माध्यम से कराया गया। उन्होंने कहा कि विरासत के ये मामले दर्ज होने से सभी खुश नजर आये और इससे किसानों को लाभ होगा। उन्होंने बताया कि जौनपुर में विरासत दर्ज होने के बाद सामने आये 44914 नये किसानों को किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत लाभ दिलाने के लिए इनके फार्म भी भराने का कार्य प्रारंभ हो गया है, जिससे कि इन 44914 नए किसानों को किसान सम्मान निधि का 6000 रुपये का सालाना अनुदान लाभ भी मिलना शुरू हो जाएगा। साथ ही साथ मृतक दुर्घटना बीमा योजना का 5 लाख् रुपये का बीमा भी इनका हो गया है। किसानों को विभिन्न योजनाओं में जो लाभ मिलते हैं, जिनसे वह अभी तक वंचित थे लेकिन अब खतौनी में नाम दर्ज हो जाने से वह किसान की परिभाषा में आ गए, जिस कारण वह सभी लाभ भी इन 44914 लोगों को मिलना शुरू हो जाएगा।'' डीएम जौनपुर दिनेश कुमार सिंह कहते हैं, '' एक शिकायत के बहाने सामने आई इस समस्या के बाद जनपद में यह बहुत ही उल्लेखनीय कार्य हुआ है। मैं सभी लेखपाल कानूनगो, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, उप जिलाधिकारी, मुख्य राजस्व अधिकारी, रजिस्टार कानूनगो व कंप्यूटर के कर्मचारियों को बधाई देता हूं कि उन्होंने अथक परिश्रम करके गरीब किसानों को लाभ पहुंचाने का कार्य किया है। करीब दो दशकों की समस्या के निस्तारण में आज किसानों को अपने इस कार्य के लिए भटकना नहीं पड़ा और उनका कार्य घर बैठे हो गया। खतौनी उनके घर पहुंच गई।'' उन्होंने बताया, ''4 फरवरी को तहसील दिवस के अवसर पर सभी तहसीलों में विरासत हेतु कैंप लगाने के निर्देश उनके द्वारा दिये गये है, ताकि जो भी ऐसे मामले जनपद में अभी भी बचे हुए हो, वह लोग अपना आवेदन इस शिविर में दे सकते हैं जिससे की जांच उपरांत उनका नाम भी चढ़ा कर उनकी खतौनी उनको दी जा सके।''

बता दें कि आईएएस दिनेश कुमार सिंह की कार्यप्रणाली जनसरोकार से ज्यादा जुड़ी नजर आती हैं। वह सोनभद्र, मुजफ्फरनगर और बदायूं के बाद अब चैथे जनपद जौनपुर में जिलाधिकारी हैं। इस पद पर रहते हुए उन्होंने सभी जनपदों में अनेक सराहनीय अभियान चलाये हैं। जौनपुर में भी वह जनसरोकारों से सीधे जुड़े रहे हैं। उनकी कार्यप्रणाली ऐसी रही है कि सरकार से जनता तक उनके काम को याद करती है। यही कारण है कि वह जनपदों में काफी समय तक जिलाधिकारी रहने का रिकाॅर्ड बना रहे हैं। मुजफ्फरनगर में वह करीब एक वर्ष तक डीएम रहे तो यहां के बाद डीएम दिनेश कुमार ने करीब दो वर्ष के कार्यकाल में बदायूं के लिए इतनी मेहनत की, जिसके लिए जिले की जनता सोच भी नहीं सकती थी। इसीलिए हमेशा जनता के लिए सीधे संपर्क में रहे और लोगों की शिकायतों पर तत्काल संज्ञान लेते थे। दो वर्ष में बदायूं से बेदाग होकर सफल पारी के साथ जौनपुर गए हैं। अच्छी कार्यशैली के लिए डीएम दिनेश कुमार बदायूं की जनता की जुबान पर छाए हुए हैं।

जौनपुर में डीएम रहते हुए उनके कई अभियान जनता के बीच प्रसिद्ध हो रहे हैं। किसानों की विरासत में उन्होंने कमाल का अभियान चलाया, वहीं दिसम्बर 2019 में जौनपुर में प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए अभियान चलाकर प्लास्टिक, पाॅलीथीन, कैरीबैग, थर्माकोल को बेचने का कार्य करने वालों पर सख्त कार्यवाही की। निर्देशों का उल्लंघन करने पर 597 लोगों से 3511 किलोग्राम प्लास्टिक, पाॅलीथीन व थर्माकोल जब्त की गई और 16.47 लाख रुपये का शमन लगाया गया, जिसमें से 16.12 लाख रुपये की वसूली भी गयी। इतना ही नहीं वे जौनपुर के खेतासराय मनेक्षा के बादशाही स्थित विद्यालय पहुंचे और वनवासी समाज के बच्चों व लोगों को खुद खाना परोसा, पुलिस अधीक्षक को साथ लेकर डीएम दिनेश कुमार ने वनवासी समाज के लोगों के बीच पंगत लगाकर खाना भी खाया, उनके इस प्रयास से समाज में भेदभाव को मिटाने का सकारात्मक संदेश गया।

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