नहीं लड़ूंगा चुनाव-अंतिम सांस तक किसानों के लिए लड़ता रहूंगा-राकेश

नहीं लड़ूंगा चुनाव-अंतिम सांस तक किसानों के लिए लड़ता रहूंगा-राकेश

मुजफ्फरनगर। राजधानी दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर से नए कृषि कानूनों की वापसी के बाद भारी जश्न के बीच जनपद में लौटकर आए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि उनका चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है। जिन राजनीतिक दलों ने अपने होर्डिंग्स पर उनकी तस्वीरें लगा रखी है। उन्हें राकेश टिकैत ने उनके नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल नहीं करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि मेरा किसी भी राजनीतिक दल से कोई लेना देना नहीं है।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत जो 383 दिन के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन चलाने के बाद धरने से घर लौटे हैं, ने कहा है, किसानों के लिये किया गया हमारा संघर्ष सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। मैं अंतिम सांस तक किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष करता रहूंगा। इससे पहले राकेश टिकैत अपने समर्थकों के एक बड़े जुलूस में सिसौली पहुंचे और इस दौरान पूरे रास्ते जुलूस पर फूलों से वर्षा की गई। मेरठ-मुजफ्फरनगर राजमार्ग पर हर चौराहे पर समर्थकों व किसानों द्वारा लड्डू बांटे गए और गाजीपुर सीमा से मुजफ्फरनगर तक हर 25 किलोमीटर पर लंगर का आयोजन किया गया। उधर राकेश टिकैत की पत्नी सुनीता देवी ने जाट कॉलोनी स्थित अपने घर में उनका स्वागत करने के लिए सैकड़ों दीये जलाए। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, मेरे पति आज 383 दिनों के बाद घर आ रहे हैं। उनके स्वागत में मैं जितने दीपक जलाऊं वह उतने ही कम होंगे। जैसे भगवान राम अयोध्या वापस आए, मेरे राम आज घर आ रहे हैं। किसान आंदोलन शुरू होने के बाद से टिकैत घर नहीं गए थे।



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