एडीएम अमित सिंह के घर खुशियों ने दी दस्तक, 'पुत्र रतन धन पायो'

मुजफ्फरनगर। वीआईपी लाइफ जीने की आदी हो रही इस भीड़ में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो अपनी सादगी और व्यवहार के कारण अलग ही खड़े नजर आते हैं। ऐसे ही लोगों में शामिल हैं मुजफ्फरनगर के अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित सिंह। अपनी साफ सुथरी कार्यशैली और सादगी के लिए पहचान रखने वाले पीसीएस अफसर अमित सिंह के घर आज खुशियों ने दस्तक दी। उन्होंने यहां भी अपनी सादगी को साबित करते हुए लोगों को एक प्रेरक संदेश देने का काम किया। उन्होंने अपनी पत्नी की डिलीवरी के लिए राजकीय चिकित्सालय को चुना, जहां पर लोग जाने के बजाये अपनी वीआईपी कल्चर दिखाने के लिए प्राइवेट हाॅस्पिटल को चुनते हैं। उनके परिवार में आज नवजात बालक खुशियों की सौगात लेकर आया। उनको पुत्र रत्न की प्राप्ति होने पर लोगों ने जमकर बधाईयां तो दी है, उनके फैसले को भी सराहा जा रहा है।
जनपद में प्रशासनिक अधिकारी के रूप में एक साल से अधिक का कार्यकाल पूर्ण कर चुके अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित सिंह को उनकी सादगी के लिए यहां अलग ही मुकाम हासिल है। कार्य के प्रति कर्मठ अपनी सादगी और मृद व्यवहार से सभी का दिल जीतने वाले इस अधिकारी ने जनपद में अपनी कार्यप्रणाली के चलते कई उपलब्धि हासिल की। दीपावली से पहले ही ही उनके घर खुशियों की आहट हुई, उनकी पत्नी पूजा सिंह ने पुत्र को जन्म दिया है। आज के समय में जब लोग सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं का टोटा होने की बात कहते हुए निजी अस्पतालों को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं, वहीं शुक्रवार को सवेरे करीब 11 बजे एडीएम प्रशासन अमित सिंह की पत्नी ने जिला महिला चिकित्सालय में बेटे को जन्म दिया है। डिलीवरी होने पर महिला अस्पताल के साथ ही कलेक्ट्रेट तक खुशी का माहौल दिखायी दिया। एडीएम प्रशासन ने शुक्रवार सवेरे करीब साढ़े दस बजे ही प्रसव पीडा होने पर अपनी पत्नी पूजा सिंह को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां उनका परीक्षण करने के उपरांत चिकित्सकों द्वारा उनका ऑपरेशन किया गया। महिला सीएमएस मेडिकल सर्जन डा. अमिता गर्ग ने पूजा सिंह का आॅपरेशन किया।ऑपरेशन सफल रहा और एडीएम प्रशासन अमित सिंह को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है। अमित सिंह सिविल सर्विस में आने से पहले मुजफ्फरनगर में ही वाणिज्य कर विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर तैनात रहे। यह उनकी पहली ही पोस्टिंग थी। इसके बाद यहीं पर उनकी शादी यहीं पोस्ट रहते हुए हुई थी। शादी के बाद उनका पीसीएस में चयन हो गया। वह यहां पर सिटी मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात किये गये थे। इसके बाद यहीं पर प्रशासन ने उनको एडीएम पद पर प्रमोट किया था। राजकीय चिकित्सालय में अपनी पत्नी की डिलीवरी कराकर सादा जीवन जीने के आदी एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने समाज में एक संदेश देने का काम भी किया है। सीएमएस डा. अमिता गर्ग ने बताया कि जच्चा और बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासनिक सेवा के बड़े अधिकारी होने के बावजूद भी उनके द्वारा अपनी पत्नी की डिलीवरी के लिए जिस प्रकार से हमारे अस्पताल की व्यवस्थाओं पर विश्वास जताया है, इससे वह खुश हैं। आज अस्पताल में वातावरण बदल रहा है और इस प्रकार के फैसलों से लोगों का विश्वास यहां की सेवा और सुविधा के प्रति और भी मजबूत होगा। बता दें कि जिला महिला अस्पताल ने हाल ही में सेवाओं के लिए मोदी सरकार के लक्ष्य कार्यक्रम में दो राष्ट्रीय स्तरीय सर्टिफिकेट जीते हैं।
महिला अस्पताल में अफसरों का विश्वास बढ़ा है। इससे पहले जुलाई 2016 में भी मुजफ्फरनगर जनपद में ट्रैनी आईएएस के रूप में तैनात रही महिला अफसर प्रियंका निरंजन ने भी अपनी पहली डिलीवरी के लिए राजकीय महिला चिकित्सालय को चुना था। प्रियंका निरंजन यहां खतौली में एसडीएम के पद पर तैनात थीं। उसी दौरान उन्होंने राजकीय महिला चिकित्सालय में बेटी को जन्म दिया था। उनके पति आईपीएस अफसर मनीष सिंह ने भी अपनी पत्नी के इस फैसले में पूरा साथ दिया। उस दौरान उन्होंने कहा था कि प्रियंका ने सरकारी अस्पताल को चुना यहां के चिकित्सक प्रशिक्षित और तजुर्बेकार हैं। प्रियंका की भी सीजेरियन डिलीवरी हुई थी और करीब एक घंटा आॅपरेशन चला था। एडीएम प्रशासन की पत्नी और प्रियंका निरंजन की डिलीवरी में एक समानता यह है कि ये दोनों डिलीवरी शुक्रवार के दिन ही हुई हैं। एडीएम प्रशासन अमित सिंह को पुत्र रत्न की प्राप्ति होने की सूचना पर बधाई का तांता लग गया।
पीसीएस अफसर अमित सिंह के लिए लक्की रहा मुजफ्फरनगर
मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के निवासी अमित सिंह के लिए मुजफ्फरनगर काफी लक्की साबित हुआ है। यहां उनके जीवन में कई बड़े अवसर आये और खुशियों ने दिल खोलकर उनका स्वागत करने का काम किया है। जब वह करीब 17 महीने पहले यहां पर सिटी मजिस्ट्रेट बनकर आये तो उनके लिए तब भी मुजफ्फरनगर इतना ही जाना पहचाना था, जितना की अब है। वो यहां करीब 10 साल पहले वाणिज्य कर विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर तैनात रहे। उनका सपना सिविल सर्विस में जाना था। वाणिज्य कर अधिकारी के रूप में काम करते हुए उन्होंने अपनी सिविल सर्विस की तैयारी को जारी रखा। इसी बीच उनकी शादी पूजा सिंह के साथ हो गयी। यह यहां रहते हुए उनको पहली सौगात थी। उन्होंने पीसीएस की परीक्षा दी और इसे ब्रेक करने में कामयाबी पायी। उनका चयन साल 2011 बैच के पीसीएस अफसर के रूप में हुआ। जीवन की यह सबसे बड़ी खुशी उनको मुजफ्फरनगर में तैनाती के दौरान ही मिली। इसके साथ ही उन्होंने वाणिज्य कर अधिकारी के रूप में नौकरी से इस्तीफा दे दिया। पीसीएस सर्विस में आने के बाद एसडीएम के रूप में उनकी पहली पोस्टिंग बांदा जनपद में की गयी। इसके बाद वो गाजीपुर, रामपुर, फिरोजाबाद, अलीगढ़ और मैनपुरी में उप जिलाधिकारी के पद पर तैनात रहे। शासन ने अमित सिंह का तबादला मैनपुरी से मुजफ्फरनगर जनपद में सिटी मजिस्ट्रेट के पद पर कर दिया। यहां जब दो मई 2018 को उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यभार संभाला तो छह साल बाद नुमाइश का आयोजन कराने का सिलसिला जिलाधिकारी राजीव शर्मा के द्वारा शुरू किया जा चुका था। चार्ज पर आते ही इतनी बड़ी चुनौती उनको मिली। डीएम की मंशा के अनुसार इस नुमाइश को यादगार बनाने के लिए उन्होंने प्रदर्शनी समिति के प्रभारी अधिकारी के रूप में सराहनीय कार्य करके दिखाया। इसके बाद उनको 24 अगस्त 2018 में शासन ने प्रमोट करते हुए मुजफ्फरनगर में ही अपर जिलाधिकारी प्रशासन बना दिया। यह उनके जीवन में तीसरी बड़ी खुशी थी। तभी से वह आज तक इस पद पर कायम हैं। उन्होंने अपने व्यवहार, काम और सादगी से एक अलग ही स्थान बनाया है। आज उनके कार्यव्यवहार का हर कोई मुरीद बना नजर आता है।