सरकार प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को दे रही है सुविधायें- जयवीर सिंह

सरकार प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को दे रही है सुविधायें- जयवीर सिंह

लखनऊ। घरेलू पर्यटन के मामले देश में पहले स्थान पर काबिज उत्तर प्रदेश रूरल टूरिज्म में काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। हाल ही में वाराणसी के रामेश्वर गांव का चयन देश के सर्वश्रेष्ठ 35 पर्यटन गांवों में हुआ है। इस श्रेणी में रामेश्वर को सिल्वर मिला है। गांव की खासियत यह है कि यहां ज्यादातर किसान आर्गेनिक खेती और बड़ी संख्या में गो-पालन करते हैं। तकरीबन 1800 लीटर दूध प्रतिदिन यहां से बाजार में जाता है। पंचकोशी परिक्रमा पथ का एक पड़ाव रामेश्वर भी है। इसलिए यहां प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु और विदेशी पर्यटक आते हैं। राज्य सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को कई सुविधायें उपलब्ध करा रही है।

यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार पर्यटन तथा प्राकृतिक खेती को लोकप्रिय बनाने के लिए गंगा के किनारे स्थित विकास खण्डांे में किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। प्रदेश में कुछ गॉवों को आदर्श ग्राम के रूप में चयनित किया गया है। इसके अलावा प्रदेश में रूरल टूरिज्म के तहत 229 गॉवों का चयन किया गया है। इसमें वाराणसी जनपद का रामेश्वर गॉव भी शामिल है।

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि वाराणसी में प्रसिद्ध वरुणा नदी के तट पर रामेश्वर गांव स्थित है। इसे कुछ लोग करौना के नाम से भी प्रसिद्ध है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस समय रूरल टूरिज्म के तहत 229 गांवों का चयन किया गया है। इसमें एक गांव रामेश्वर भी है। स्थानीय लोगों के अलावा दूसरे राज्यों और विभिन्न देशों से भी लोग भ्रमण के लिए आते हैं। गांव में पर्यटक जनसुविधा केंद्र बनाया गया है। साथ ही वरुणा नदी के किनारे घाट का भी विकास किया गया है। ज्यादातर किसान जागरूक हैं और आर्गेनिक खेती कर रहे हैं। बड़ी संख्या में गो-पालन भी करते हैं। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राम प्रसाद के मुताबिक करीब 1800 लीटर दूध प्रतिदिन बाहर बिक्री के लिए जाता है। यहां दुग्ध व्यवसाय से काफी संख्या में किसान जुड़े हैं।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता के लिए पूरे देश से 315 जिलों से कुल 795 आवेदन प्राप्त हुए थे। प्रतियोगिता को जिला, राज्य और राष्ट्रीय यानी तीन चरणों में विभाजित किया गया था। आवेदनों का पहले जिला स्तर पर मूल्यांकन किया गया और प्रत्येक जिले से सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों का चयन किया गया, जिनका राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर मूल्यांकन किया गया। अंतिम मूल्यांकन में भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव सामने आए। हमारा प्रयास गांवों को पर्यटन से जोड़ने का है। इससे ग्रामीणों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, वहीं पर्यटकों के लिए भी एक नया अनुभव होगा। पर्यटक ग्रामीण जीवन और खेती-किसानी को नजदीक से देख सकेंगे। रामेश्वर गांव का प्रयास काफी अच्छा है। उन्होंने बताया कि अन्य गांवों को भी हम विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं।

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