छात्रों पर पुलिस लाठीचार्ज मामले में चार पुलिसकर्मी निलंबित

छात्रों पर पुलिस लाठीचार्ज मामले में चार पुलिसकर्मी निलंबित

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बीती रात छात्रों के खिलाफ की गयी पुलिस कार्रवाई को स्थानीय प्रशासन ने हिंसा और आगजनी को रोकने के लिये की गयी कार्रवाई बताते हुए स्वीकार किया कि कुछ पुलिसकर्मियों ने अनावश्यक बल प्रयोग किया है, जिस कारण से इनके विरुद्ध कार्रवाई करते हुये चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है।

गौरतलब है कि मंगलवार को प्रयागराज में कुछ युवाओं के खिलाफ पुलिस के लाठीचार्ज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह मुद्दा उस समय सुर्खियों में आया जब बुधवार को विपक्षी दलों के नेताओं ने इसकी तीखी भर्त्सना की।

प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने कहा कि कुमार ने मंगलवार की रात में हुयी इस घटना के बारे में स्थिति को स्पष्ट करते हुए बताया कि यह प्रकरण कर्नलगंज थाने का है। कुमार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि प्रयाग स्टेशन के पास लगभग एक हजार छात्रों ने रेलवे ट्रैक को जाम करके उपद्रव कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि रेलवे ट्रैक जाम और हॉस्टल में पिटाई के मामले में बुधवार को पुलिस ने एक उप निरीक्षक (एसआई) और तीन सिपाहियों को अनावश्यक बल प्रयोग करने पर निलंबित कर दिया है। उन्होंने बताया कि निलंबित होने वालों में एसआई कपिल कुमार चहल के अलावा सिपाही मोहम्मद आरिफ़, अच्छे लाल और दुर्वेश कुमार शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि इनके अलावा तीन उपद्रवी युवकों के खिलाफ तेरह संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है । इनमें से दो को गिरफ्तार कर लिया है जबकि, एक फरार है। उन्होंने पुलिस की शुरुआती तफ्तीश के आधार पर बताया कि यह एक राजनीतिक साजिश लग रही है। इसकी फंडिंग सहित अन्य पहलुओं की जांच की जा रही है। कुमार ने कहा कि जांच रिपोर्ट से चुनाव आयोग को भी अवगत कराया जायेगा।

उन्होंने बताया कि कुछ उपद्रवी छात्रों द्वारा रेल इंजन में आग लगाने की भी आशंका जताई गई थी। कुमार ने कहा कि इस सूचना पर दंगा नियंत्रण उपकरणों के साथ पर्याप्त संख्या में पुलिस बल ने प्रयाग स्टेशन पहुंच कर छात्रों को वहां से हटाया। इस दौरान कुछ उपद्रवी छात्रों ने पुलिस पर पथराव भी किया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पथराव के बाद ये छात्र स्टेशन के पास में ही स्थित एक लॉज में जाकर छिप गए थे। उन्होंने बताया कि पुलिस बल ने लॉज में जाकर छात्रों को बाहर निकालने का प्रयास किया। कुमार ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के हवाले से स्वीकार किया कि इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों ने अनावश्यक बल का भी प्रयोग किया।

उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम की जांच की जा रही है। साथ ही उपद्रवी छात्रों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर, जिन पुलिसकर्मियों ने अनावश्यक बल का प्रयोग किया है, उसे भी गंभीरता से लेते हुए चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है।

इस दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को पुलिस की बर्बर कार्रवाई वीडियो ट्विटर पर साझा करते हुए इस घटना की निंदा की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "प्रयागराज में पुलिस द्वारा छात्रों के लॉज में और हॉस्टलों में जाकर तोड़-फोड़ करना एवं उनको पीटना बेहद निंदनीय है। प्रशासन इस दमनकारी कार्रवाई पर तुरंत रोक लगाए। युवाओं को रोजगार की बात कहने का पूरा हक है और मैं इस लड़ाई में पूरी तरह से उनके साथ हूं।"

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस घटना की निंदा की है। उन्होंने पुलिस की मारपीट का विडियो सोशल मीडिया पर साझा कर कहा, "इलाहाबाद में अपने रोज़गार के लिए हक़ की आवाज़ बुलंद करने वाले बेगुनाह छात्रों पर पुलिस द्वारा हिंसक प्रहार शर्मनाक एवं घोर निंदनीय है। भाजपा सरकार में छात्रों के साथ जो दुर्व्यवहार हुआ है, वो भाजपा के ऐतिहासिक पतन का कारण बनेगा। सपा संघर्षशील छात्रों के साथ है।"


वार्ता

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