पूर्व सांसद राजपाल सैनी ने बेटे संग थामा सपा का दामन-कई अन्य भी शामिल

पूर्व सांसद राजपाल सैनी ने बेटे संग थामा सपा का दामन-कई अन्य भी शामिल

लखनऊ। पूर्व सांसद राजपाल सैनी के अलावा उनके बेटे शिवान सैनी और काजल निषाद व तूफान निषाद के अतिरिक्त महामंडलेश्वर सत्यानंद गिरी लखनऊ में सपा मुखिया अखिलेश यादव के समक्ष समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। सपा की साइकिल पर सवार हुए पूर्व सांसद राजपाल सैनी ने कहा है कि मैं सपा मुखिया की नीतियों व कार्यक्रमों से प्रभावित होकर सपा में शामिल हुआ हूं। मेरे शहर मुजफ्फरनगर में पिछले दिनों जो दंगा हुआ था उसे करवाने वाले भाजपा के ही लोग थे।


शनिवार को राजधानी में समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित किए गए कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समक्ष बसपा के पूर्व राज्यसभा सांसद और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे राजपाल सैनी, बसपा प्रत्याशी रहे अपने पुत्र शिवान सैनी के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए है। पूर्व सांसद राजपाल सैनी और उनके पुत्र शिवान सैनी के अलावा आज ही पार्टी में शामिल हुए कांग्रेस की पूर्व प्रत्याशी काजल निषाद व पूर्व प्रत्याशी तूफान निषाद के अलावा महामंडलेश्वर सत्यानंद गिरी को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने हाथों से पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई और समाजवादी पार्टी में उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। इस मौके पर पूर्व सांसद राजपाल सैनी ने कहा कि मैं सपा मुखिया अखिलेश यादव से प्रभावित होकर समाजवादी पार्टी में शामिल हुआ हूं। वर्ष 2013 के दौरान मेरे जनपद मुजफ्फरनगर में जो दंगा हुआ था उसे करवाने वाले लोग भाजपा के ही थे। उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 45 प्रतिशत अति पिछड़ी जाति के लोग हैं। जिन्हें भाजपा ने अच्छे दिन लाने की बात कहते हुए बहका लिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि राज्य मंत्रिमंडल में इन 45 प्रतिशत अति पिछड़ी जातियों की भागेदारी की क्या स्थिति है? इसे भली-भांति देखा जा सकता है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा की राम क्या सिर्फ भाजपा के हैं? इस मौके पर अबू आजमी ने कहा कि आज देश की हालत बहुत खराब है। सत्ता में रहने के लिए भाजपा के लोग कहीं भी और कुछ भी कर सकते हैं। भारतवर्ष के भविष्य को केवल एक आदमी ही बचा सकता है वह है अखिलेश यादव।

गौरतलब है कि सैनी समाज के बड़े कद्दावर नेता पूर्व सांसद राजपाल सैनी वर्ष 1994 के दौरान जनता दल को छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे। वर्ष 1994 और 1998 के दौरान वह समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे। वर्ष 1998 में राजपाल सैनी का समाजवादी पार्टी से मोह भंग हो गया और वह बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए। बसपा सुप्रीमों मायावती ने उनकी सैनी समाज पर पकड़ को देखते हुए वर्ष 2002 में हुए चुनाव के दौरान उन्हें जनपद मुजफ्फरनगर की मोरना विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया। थोक में मिली सैनी व अन्य समाज की वोटों के चलते चुनाव में जीत हासिल कर राजपाल सैनी मोरना विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। राज्य मे मायावती सरकार जब सत्ता में आई तो मुख्यमंत्री बनी मायावती ने उन्हे अपने मंत्रीमंडल में राज्यमंत्री बनाया। इसके बाद जब दोबारा से बसपा की सरकार आई तो मुख्यमंत्री बनी मायावती ने पूर्व राज्य मंत्री राजपाल सैनी को उत्तर प्रदेश राज्य बीज विकास निगम का चेयरमैन बनाते हुए दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री बनाया। इस दौरान राजपाल सैनी ने मुजफ्फरनगर सीट से बसपा प्रत्याशी के तौर पर लोकसभा का चुनाव भी लडा लेकिन हार गये। पूर्व मंत्री राजपाल सैनी की पार्टी के प्रति वफादारी को देखते हुए बसपा के राज्यसभा सांसद बने। पिछले कई महीनों से पूर्व सांसद राजपाल सैनी की सपा मुखिया अखिलेश यादव के साथ पार्टी में शामिल होने की बाबत बातचीत चल रही थी। उम्मीद लगाई जा रही है कि सैनी समाज के कद्दावर नेता राजपाल सैनी वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में जनपद मुजफ्फरनगर की खतौली या शामली की थानाभवन सीट से अपना भाग्य आजमा सकते हैं।

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