किसान नेताओं की हुंकार- बजट वाले दिन करेंगे संसद की ओर मार्च

किसान नेताओं की हुंकार- बजट वाले दिन करेंगे संसद की ओर मार्च

नई दिल्ली। सरकार द्वारा लाये गये नए कृषि कानूनों को लेकर राजधानी के बाॅर्डरों पर पिछले दो माह से किसानों का आंदोलन जारी है। मंगलवार को 72 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी में किसानों ने शांतिपूर्वक ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाजत पुलिस-प्रशासन से ली थी, लेकिन परेड के दौरान लालकिला समेत दिल्ली के कई इलाकों में जमकर हिंसा हुई। किसान संगठनों ने इस सब घटनाचक्र के बाद भी अपनी मांग से पीछे हटने की बजाए आंदोलन को अब और तेज करने का ऐलान कर दिया है। अब किसान नेताओं ने हुंकार भरी है कि वो बजट वाले दिन संसद की तरफ मार्च करेंगे।


जानकारी के मुताबिक मंगलवार को 72 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालने के बाद अब आंदोलनकारी किसान नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार पर और अधिक दबाव बढ़ाना चाहते हैं, जिस वजह से किसान अब एक फरवरी को संसद की ओर मार्च करेंगे। हालांकि ये मार्च पैदल होगा या फिर ट्रैक्टर से, इसकी जानकारी फिलहाल किसान संगठनों ने अभी नहीं दी है। गौरतलब है कि एक फरवरी को ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। जिसके मददेनजर अभी से ही संसद भवन और उसके आसपास के क्षेत्रोेें में सुरक्षा व्यवस्था और अधिक पुख्ता कर दी गई है।

उल्लेखनीय है कि 72 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने किसानों को टिकरी, गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर से ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाजत दी थी। निर्धारित किये गये रूट के मुताबिक ही किसानों को दिल्ली की सीमा के कुछ अंदर तक जाना था और फिर परेड शुरू होने वाली जगह पर वापस लौट आना था, लेकिन कई लोग ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसक हो गए। इसके बाद बड़ी संख्या में किसानों का रूख लालकिले की तरफ हो गया और वहां पहुंचकर जमकर हिंसा की। अब तक दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा 22 केस दर्ज किए गये हैं, जिसमें कई प्रमुख किसान नेताओं के भी नाम शामिल हैं। इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस द्वारा अभी तक उपद्रवियों की पहचान की जा रही है।




epmty
epmty
Top