सम्राट मिहिर भोज प्रतिमा विवाद-करणी सेना के संस्थापक होटल में नजरबंद

सम्राट मिहिर भोज प्रतिमा विवाद-करणी सेना के संस्थापक होटल में नजरबंद



गाजियाबाद। सम्राट मिहिर भोज की जाति को लेकर उत्पन्न हुआ विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने राजधानी दिल्ली पहुंचकर करणी सेना के संस्थापक को होटल में नजरबंद कर दिया है और ग्रेटर नोएडा के घोड़ी बछेड़ा में बुलाई गई विशाल पंचायत में शामिल होने के लिए जा रहे लोगों को धारा 144 लागू होने का हवाला देते हुए वापस लौटाया जा रहा है।

मंगलवार की सवेरे करनी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी को उत्तर प्रदेश पुलिस ने राजधानी दिल्ली पहुंचकर नजर बंद कर दिया है। करणी सेना के संस्थापक राजधानी दिल्ली में तिलक मार्ग स्थित एक होटल में रुके हुए थे। उन्हें आज मंगलवार की सवेरे तकरीबन 11.00 बजे ग्रेटर नोएडा के घोड़ी बछेड़ा गांव में बुलाई गई एक विशाल पंचायत में पहुंचना था। सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर बताकर उनकी प्रतिमा का अनावरण करने के संबंध में घोड़ी बछेड़ा गांव में बुलाई गई विशाल पंचायत में शामिल होने के लिए आ रहे लोगों को पुलिस द्वारा धारा 144 लागू होने का हवाला देते हुए वापस लौटाया जा रहा है। घोड़ी बछेड़ा गांव में विशाल पंचायत के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी को नजरबंद किए जाने की जानकारी राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने फेसबुक लाइव पर आते हुए दी है। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस के सैकड़ों जवान मंगलवार की सवेरे ही दिल्ली के होटल में पहुंच गए थे और उन्होंने लोकेंद्र सिंह कालवी के होटल से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी है। उन्होंने कहा है कि राजपूत समाज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बहुत ही मानता है। क्योंकि वह एक संत और एक योगी हैं। योगी किसी भी जाति बिरादरी में बंधा हुआ नहीं होता है। इसके बावजूद यदि सम्राट मिहिर भोज की जाति बदलने का कृत्य किया गया तो यह पूरी तरह से गलत होगा। उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाया है कि केंद्र में भाजपा के शीर्ष नेता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजपूत समाज को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं।



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